यूक्रेन और रूस के बीच चल रहा युद्ध अब और खतरनाक मोड़ ले रहा है. हाल ही में यूक्रेन ने अपनी नई फ्लेमिंगो क्रूज मिसाइल का खुलासा किया है, जिसकी मारक क्षमता 3000 किलोमीटर तक है. इस मिसाइल के जरिए यूक्रेन रूस के सैन्य ठिकानों, तेल डिपो, क्रेमलिन, Su-57 लड़ाकू विमानों, Tu-95 बमवर्षक विमानों और एयरक्राफ्ट कैरियर को निशाना बनाने की योजना बना रहा है.
फ्लेमिंगो मिसाइल: क्या है खास?
फ्लेमिंगो एक अत्याधुनिक क्रूज मिसाइल है, जिसे यूक्रेन की फायर पॉइंट कंपनी ने बनाया है. इसके डिज़ाइन में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और ब्रिटेन की कंपनी मिलानियन ग्रुप की FP-5 मिसाइल की तकनीक का इस्तेमाल हुआ है. इसकी मुख्य विशेषताएं हैं...
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यूक्रेन का मकसद: रूस को गहरा झटका
यूक्रेन का दावा है कि फ्लेमिंगो मिसाइल रूस के सैन्य और आर्थिक ढांचे को कमजोर करने के लिए बनाई गई है. इसके संभावित निशाने हैं...
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यूक्रेनी रक्षा मंत्री डेनिस श्मायहल ने कहा कि यह एक बहुत शक्तिशाली और लंबी दूरी की मिसाइल है, जो अब हमारे पास है. यह मिसाइल यूक्रेन की स्वदेशी हथियार निर्माण की क्षमता को दर्शाती है, क्योंकि पश्चिमी देशों से हथियारों की आपूर्ति कम हो रही है.
ऑपरेशन स्पाइडर वेब: यूक्रेन की ताकत
फ्लेमिंगो मिसाइल का खुलासा ऐसे समय में हुआ है, जब यूक्रेन ने 1 जून 2025 को ऑपरेशन स्पाइडर वेब में रूस के 41 सैन्य विमानों को नष्ट या क्षतिग्रस्त किया. इस ऑपरेशन में यूक्रेन ने 117 ड्रोनों का इस्तेमाल किया, जो ट्रकों में छिपाकर रूस के पांच हवाई अड्डों (बेलाया, ओलेन्या, इवानोवो, ड्यागिलेवो, और यूक्रैनका) पर हमला किया. इसमें Tu-95, Tu-22M3, और A-50 विमान नष्ट हुए, जिनकी कीमत 7 अरब डॉलर बताई गई. यह रूस की परमाणु हथियार ले जाने वाली विमानन क्षमता के लिए बड़ा झटका था.
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इस हमले ने रूस को हैरान कर दिया. यूक्रेन की SBU (सुरक्षा सेवा) ने इस ऑपरेशन को 18 महीने की योजना के बाद अंजाम दिया. ड्रोन रूस के अंदर ट्रकों से लॉन्च किए गए, जो चेल्याबिंस्क जैसे शहरों में छिपाए गए थे. यह यूक्रेन की गुप्त और तकनीकी क्षमता को दिखाता है.

क्यों है यह मिसाइल खतरनाक?
फ्लेमिंगो मिसाइल की 3,000 किमी रेंज इसे रूस के लिए बड़ा खतरा बनाती है. यह मॉस्को (यूक्रेन से 800 किमी दूर) और साइबेरिया तक हमला कर सकती है. इसकी तुलना नाज़ी जर्मनी की V-1 फ्लाइंग बम और अमेरिका की MGM-13 Mace मिसाइल से की जा रही है, लेकिन यह आधुनिक तकनीक से लैस है.
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हालांकि, रूस की हवाई रक्षा प्रणालियां, खासकर मॉस्को की बहुत मजबूत हैं. फ्लेमिंगो को इनसे बचने के लिए डिकॉय ड्रोन्स (जैसे अमेरिका का MALD) और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध उपकरणों की जरूरत होगी.

रूस की प्रतिक्रिया
रूस ने इस मिसाइल के खुलासे को युद्ध बढ़ाने वाला कदम बताया है. रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि यूक्रेन का यह कदम शांति वार्ता को नुकसान पहुंचा सकता है. रूस ने चेतावनी दी है कि वह Oreshnik बैलिस्टिक मिसाइल (3,000 किमी/घंटा की गति और 4,000 डिग्री सेल्सियस तापमान) का जवाबी इस्तेमाल कर सकता है.
यूक्रेन की रणनीति
यूक्रेन का लक्ष्य रूस के आर्थिक और सैन्य ढांचे को नुकसान पहुंचाना है. राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा कि हम अपनी आजादी और लोगों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएंगे. यूक्रेन ने पहले ही शाहेद ड्रोन फैक्ट्री और तेल रिफाइनरियों पर ड्रोन हमले किए हैं. फ्लेमिंगो मिसाइल अब इस रणनीति को और मजबूत करेगी.
यूक्रेन ने 2024 में 100 मिसाइलें और 2025 तक 40% हथियार स्वदेशी बनाने का दावा किया है. पैलियानित्सिया (500-700 किमी रेंज) और नेप्ट्यून (पहले रूसी जहाज मोस्कवा को डुबो चुकी) जैसी मिसाइलें भी इसका हिस्सा हैं.