क्रूज मिसाइल
एक क्रूज मिसाइल (Cruise Missiles) एक निर्देशित मिसाइल (Guided Missile) है जिसका उपयोग स्थलीय लक्ष्यों के खिलाफ किया जाता है. यह मिसाइल वायुमंडल में रहता है और अपने उड़ान के बड़े हिस्से को लगभग स्थिर गति से उड़ाता है.
क्रूज मिसाइलों को उच्च परिशुद्धता (High Precision) के साथ लंबी दूरी पर एक बड़ा वारहेड पहुंचाने के लिए डिजाइन किया गया है. आधुनिक क्रूज मिसाइलें उच्च सबसोनिक, सुपरसोनिक या हाइपरसोनिक गति से उड़ान भरने में सक्षम हैं (Speed of a Cruise Missiles). इसमें सेल्फ-नेविगेटिंग है. नॉन-बैलिस्टिक, बेहद कम ऊंचाई वाले trajectory पर उड़ान भरने में भी सक्षम है.
भारत के पास ब्रह्मोस, ब्रह्मोस-ए और निर्भय जैसे क्रूज मिसाइल हैं (Indian Cruise Missiles).
पुतिन-मोदी शिखर सम्मेलन में आज रक्षा सौदों पर सबकी नजरें हैं. SU-57 फाइटर जेट (84+ विमान), S-500 एयर डिफेंस सिस्टम, अतिरिक्त S-400 रेजिमेंट, ब्रह्मोस-एनजी और Su-30 अपग्रेड पर बड़े ऐलान संभावित हैं. भारत में जॉइंट प्रोडक्शन और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पर जोर रहेगा. डिफेंस सेक्टर में उत्साह दिख रहा है. डिफेंस कंपनियों के शेयरों में उछाल की उम्मीद भी है.
पुतिन 4-5 दिसंबर को भारत आ रहे हैं. इस दौरे में ब्रह्मोस मिसाइल के नए वर्जन पर बात पक्की है. हल्का ब्रह्मोस-NG हर फाइटर जेट पर लगेगा, रेंज 400 किमी से ज्यादा. लंबी रेंज वाली ब्रह्मोस 1000-1500 किमी तक मार करेगा. हाइपरसोनिक मिसाइल प्रोजेक्ट भी शुरू होगा. ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेना को और खतरनाक ब्रह्मोस चाहिए. भारत-रूस की यह डील दुश्मनों की नींद उड़ा देगी.
Battle Ready Bharat: भारतीय सेना ने ब्रह्मोस की नई 800+ किमी रेंज वाली मिसाइल का सफल कॉम्बैट लॉन्च किया. अब पाकिस्तान का आखिरी कोना भी निशाने पर है. हल्की, तेज और घातक यह मिसाइल जमीन, समुद्र व हवा से मार कर सकती है. ऑपरेशन सिंदूर में दुश्मन के 11 एयरबेस तबाह करने वाली ब्रह्मोस अब भारत की सबसे बड़ी ताकत बन गई है.
ट्रंप का गुप्त न्यूक्लियर हथियार अब सामने आ गया है. कैलिफोर्निया में इसकी पहली झलक मिली. ये 2500 किमी रेंज वाली क्रूज मिसाइल B-52 और B-21 बॉम्बर से छोड़ी जाती है. 150 किलोटन यील्ड, GPS गाइडेंस और रडार-डॉजिंग डिजाइन है. रूस-चीन को चेतावनी के लिए बनाई गई है. 2030 तक पुरानी मिसाइलें बदलेंगी. ये मिसाइल तैनात की जाएगी.
पाकिस्तान के परमाणु हथियार भारत के अधिकांश हिस्सों तक पहुंच सकते हैं, लेकिन भारत की मल्टी-लेयर्ड डिफेंस सिस्टम उन्हें आसमान में ही नष्ट करने की क्षमता रखते हैं. पाकिस्तान फाइटर जेट के जरिए भारत में घुसकर बम गिराने की हिम्मत नहीं कर सकता. मिसाइलें ही आखिरी रास्ता बचेगा, उसे रोकने के लिए भारत में बीएमडी सिस्टम (फेज I/II), एस-400, आकाश और रडार नेटवर्क है.
रूस का जंगी प्लान कुछ इस तरह का है वो यूक्रेन और नाटो के खिलाफ एसिमेट्रिक डिटरेंस का इस्तेमाल करना चाहता है. क्योंकि वो इनसे पारंपरिक युद्ध जीत नहीं पाएगा. इसलिए बुरेवेस्तनिक मिसाइल (अनलिमिटेड रेंज न्यूक्लियर), पोसाइडन अंडरवॉटर ड्रोन (100 मेगाटन सुनामी) और खबरोवस्क पनडुब्बी (पोसाइडन कैरियर) का लॉन्च किया. ताकि दुनिया में डर पैदा हो.
रूस की बुरेवेस्तनिक (स्काईफॉल) मिसाइल परमाणु ऊर्जा से चलती क्रूज है, जो असीमित रेंज (20,000+ किमी) और परमाणु वॉरहेड ले जाती है. कम ऊंचाई पर उड़कर मिसाइल डिफेंस को चकमा देती है. 2025 का टेस्ट सफल है लेकिन रेडिएशन रिस्क से फ्लाइंग चेर्नोबिल का नाम दिया जा रहा है. पुतिन का दावा है कि ये अजेय है. नाटो के लिए खतरा, न्यूक्लियर बैलेंस बदल सकता है.
अमेरिका ने रूस की उन दो तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है जो रूस का 50 फीसदी तेल निकालती हैं. रूस ने इसे 'एक्ट ऑफ वॉर' कहा है. इसके अलावा राष्ट्रपति पुतिन ने यह भी कहा है कि अगर रूस की जमीन पर अमेरिकी टॉमहॉक मिसाइल आया तो जवाब विध्वंसकारी होगा.
रूसी सांसद जुरावलेव ने कहा है कि S-350 टोमाहॉक क्रूज मिसाइल (2,500 किमी रेंज) को रोकने के लिए बनी है. रूस के मुख्य एयर डिफेंस सिस्टम: S-400 (400 किमी), S-350 (120 किमी), Pantsir-S1 (20 किमी, गन-मिसाइल), S-300 (200 किमी), Tor-M2 (16 किमी) है. लेयर्ड डिफेंस से हर स्तर पर मिसाइल नष्ट हो सकते हैं. युद्ध में डिप्लॉयमेंट तय करेगा.
भारत बहुत जल्द टेस्ट करने वाला है नई ITCM मिसाइल ब्रह्मोस मिसाइल के जैसी होगी क्षमता DRDO यानि डिफेन्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन और इंडियन नेवी इस साल के अंत तक ITCM यानि इंडिजेनस टेक्नोलॉजी क्रूज मिसाइल का लॉन्च टेस्ट करने जा रहे हैं
रूस का बुरेवेस्तनिक (स्काईफॉल) परमाणु ऊर्जा से चलने वाली क्रूज मिसाइल है, जो असीमित दूरी तक उड़ सकती है. परमाणु हथियार ले जा सकती है. यह अमेरिकी मिसाइल डिफेंस को चकमा दे सकती है. 2025 में नए टेस्ट चल रहे हैं. यह हथियार वैश्विक सैन्य संतुलन बदल सकता है पर रेडिएशन खतरा भी है. रूस इसे डिटरेंस के लिए बना रहा है.
कतर और इजरायल के बीच सीधी जंग की संभावना कम है, क्योंकि कतर की सैन्य क्षमता इजरायल से बहुत कम है. इजरायल ने रडार से बचने वाले हथियारों का इस्तेमाल कर अपनी तकनीकी श्रेष्ठता दिखाई, लेकिन इसने कतर की संप्रभुता और गाजा युद्धविराम वार्ता को नुकसान पहुंचाया है.
3 सितंबर 2025 को चीन की विक्ट्री डे परेड में चार नई YJ हाइपरसोनिक मिसाइलें, DF-5C न्यूक्लियर मिसाइल, J-20S स्टील्थ जेट और न्यूक्लियर ट्रायड दिखाए गए. बीजिंग में 10000 सैनिक, 100+ विमान शामिल. ये हथियार अमेरिकी नौसेना को चुनौती देंगे. शी जिनपिंग ने शांति की बात की, लेकिन ताइवान-साउथ चाइना सी में तनाव बढ़ा.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेनाओं को पांच साल के युद्ध के लिए तैयार रहने का लक्ष्य दिया. सेना को हथियार भंडारण, सीमा ढांचा और AI प्रशिक्षण बढ़ाना होगा. नौसेना को युद्धपोत और मिसाइलें, वायुसेना को फाइटर जेट और ड्रोन मजबूत करने होंगे. थिएटर कमांड और स्वदेशी तकनीक से भारत आत्मनिर्भर बनेगा, ताकि लंबे युद्धों में भी मजबूत रहे.
डीआरडीओ ने ओडिशा तट पर स्वदेशी एकीकृत हवाई रक्षा हथियार प्रणाली का सफल परीक्षण किया था. यह सिस्टम ड्रोन्स, विमानों और मिसाइलों को नष्ट कर सकता है. तीन हवाई लक्ष्यों को एक साथ नष्ट कर इसने भारत की हवाई सुरक्षा को मजबूत किया.
भारत की नई राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली, ‘सुदर्शन चक्र’, एक आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम है. इसे डीआरडीओ और इसरो ने मिलकर तैयार किया है. इसका नाम भगवान विष्णु के अस्त्र ‘सुदर्शन चक्र’ पर रखा गया है, जिसे शत्रुओं के विनाश और विजय का प्रतीक माना जाता है.
फ्लेमिंगो मिसाइल यूक्रेन की बढ़ती सैन्य ताकत और स्वदेशी हथियार निर्माण का प्रतीक है. यह रूस के लिए एक बड़ा खतरा है, क्योंकि यह क्रेमलिन, Su-57, Tu-95 और तेल डिपो जैसे लक्ष्यों को निशाना बना सकती है. लेकिन रूस की मजबूत हवाई रक्षा और जवाबी मिसाइलें युद्ध को और खतरनाक बना सकती हैं.
Ukraine ने अपनी नई Flamingo Cruise Missile का खुलासा किया है जिसकी रेंज 3000 किमी तक है. यह मिसाइल Kremlin, Su-57 Fighter Jet, Tu-95 Bomber और तेल डिपो तक को निशाना बना सकती है. Russia-Ukraine War अब और खतरनाक मोड़ पर.
चीन का नया लॉन्च ऑन वॉर्निंग रडार टेस्ट सैन्य तकनीक में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जो अमेरिकी मिसाइलों और ड्रोन्स को नष्ट करने का दावा करता है. यह टेस्ट प्रभावशाली है, लेकिन इसकी हकीकत युद्ध के मैदान में ही साबित होगी.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की युद्धनीति बदल गई. ब्रह्मोस-2, स्विफ्ट-के ड्रोन, AI और स्वदेशी युद्धपोत जैसे हथियार भारत को सुपरपावर बना रहे हैं. डीआरडीओ और नौसेना मिलकर लेजर हथियार, स्टील्थ जेट्स और रडार विकसित कर रहे हैं. ये ‘फ्यूचर वेपंस’ भारत को सुरक्षित और वैश्विक सैन्य ताकत बनाएंगे.
ट्रंप और जेलेंस्की की कोशिशों से यूक्रेन को और पैट्रियट सिस्टम मिलने की उम्मीद है, जो रूसी मिसाइलों और कुछ ड्रोनों को रोकने में मदद करेगा. लेकिन यह सिस्टम अकेले रूस के सभी हमलों को रोकने में सक्षम नहीं है. यूक्रेन को और सिस्टम, मिसाइलें और अन्य हथियारों की जरूरत है.