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अब ईरान के इस दोस्त मुल्क पर मिसाइलें लेकर टूट पड़ा इजरायल... बंदरगाह से पावर प्लांट तक जमकर तबाही

इज़रायल ने ईरान के दोस्त मुल्क के ठिकानों पर ताबड़तोड़ हवाई हमले किए. अल-हुदायदाह, रास इस्सा, सलिफ बंदरगाहों और रास कनातिब पावर प्लांट को निशाना बनाया गया. हूती विद्रोहियों के इज़रायल पर मिसाइल और ड्रोन हमलों के जवाब में यह कार्रवाई हुई. इज़रायल की उन्नत सैन्य तकनीक के सामने हूती विद्रोहियों की सीमित क्षमता चुनौती बनी हुई है.

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होदाइदा में मिसाइल हमले के बाद हुआ विस्फोट. (फाइल फोटोः ANSARULLAH MEDIA CENTRE/AFP)
होदाइदा में मिसाइल हमले के बाद हुआ विस्फोट. (फाइल फोटोः ANSARULLAH MEDIA CENTRE/AFP)

हूती विद्रोहियों के पास कुछ लंबी दूरी की मिसाइलें और ड्रोन हैं, जो इज़रायल पर छिटपुट हमले करने में सक्षम हैं. उनकी कुछ मिसाइलें, जैसे पैलेस्टाइन-2, इज़रायल की रक्षा प्रणालियों को चुनौती दे सकती हैं, लेकिन उनकी सीमित संख्या, पुरानी तकनीक और आर्थिक कमजोरी उन्हें इज़रायल के खिलाफ लंबे समय तक टिकने में असमर्थ बनाती है. 

हूती विद्रोही, जिन्हें आधिकारिक तौर पर अंसार अल्लाह के नाम से जाना जाता है, यमन में एक ईरान समर्थित सशस्त्र समूह है जो उत्तरी और पश्चिमी यमन के बड़े हिस्से पर नियंत्रण रखता है. 2023 में इज़रायल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद, हूती विद्रोहियों ने इज़रायल पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए हैं. सवाल यह है कि क्या उनके पास इज़रायल जैसे सैन्य रूप से शक्तिशाली देश का सामना करने के लिए पर्याप्त हथियार हैं?  

हूती विद्रोहियों के हथियार

हूती विद्रोहियों का हथियार भंडार मुख्य रूप से ईरान से प्राप्त समर्थन पर निर्भर करता है, साथ ही कुछ हद तक उत्तर कोरिया और रूस जैसे देशों से भी हथियार मिलते हैं. उनकी सैन्य क्षमता में मिसाइलें, ड्रोन और अन्य हथियार शामिल हैं. नीचे उनके प्रमुख हथियारों की जानकारी दी गई है...

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1. बैलिस्टिक मिसाइलें

तूफान (Toufan): यह एक सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसकी रेंज लगभग 1800 किमी है. यह ईरान की गद्र मिसाइल का एक रूप है.

ज़ुल्फिकार (Zulfiqar): यह एक स्कड मिसाइल का प्रकार है, जिसकी रेंज 1400 किमी है. इसकी रेंज को 2000 किमी तक बढ़ाया गया है, जिससे यह इज़रायल तक पहुंच सकती है.

कुद्स-2 (Quds-2): यह मिसाइल विशेष रूप से इज़रायल को निशाना बनाने के लिए बनाई गई है, जिसकी रेंज 1350 किमी है. 

पैलेस्टाइन-2 (Palestine-2): हूती दावा करते हैं कि यह एक हाइपरसोनिक मिसाइल है. इसकी रेंज 2150 किमी और गति ध्वनि से 16 गुना अधिक है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह बढ़ा-चढ़ाकर किया गया दावा है, क्योंकि केवल कुछ देशों (जैसे अमेरिका, रूस, चीन) के पास हाइपरसोनिक तकनीक है. यह मिसाइल ईरान की फतह मिसाइल से मिलती-जुलती है.

अन्य मिसाइलें: हूती विद्रोहियों के पास स्कड-बी, स्कड-सी, ह्वासॉन्ग, तोचका, काहेर-1 और ज़ेलज़ाल-3 जैसी मिसाइलें भी हैं, जो ज्यादातर यमनी सेना से हासिल की गई हैं या ईरान से प्राप्त हुई हैं.

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2. क्रूज़ मिसाइलें

हूती विद्रोहियों के पास ईरान की सौमार परिवार की क्रूज़ मिसाइलें हैं, जिनकी रेंज लगभग 2000 किमी है. ये मिसाइलें इज़रायल तक हमला करने में सक्षम हैं.

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एंटी-शिप मिसाइलें: हूती विद्रोहियों के पास C-802 एंटी-शिप क्रूज़ मिसाइलें और संभवतः रूस निर्मित P-800 ओनिक्स मिसाइलें हैं, जो ईरान और सीरिया के माध्यम से प्राप्त हुई हैं. ये मिसाइलें मुख्य रूप से लाल सागर में समुद्री हमलों के लिए उपयोग की जाती हैं.

3. ड्रोन (UAVs)

समद-3 और समद-4: ये लंबी दूरी की लॉइटरिंग म्यूनिशन (आत्मघाती ड्रोन) हैं, जिनकी रेंज 1800 किमी या उससे अधिक है. ये ईरान के शाहेद ड्रोनों के समान हैं और इज़रायल पर हमलों में उपयोग किए गए हैं, जैसे जुलाई 2024 में तेल अवीव पर हमला.

वाइद ड्रोन (Wa’id): ये ईरान के शाहेद-136 ड्रोनों के समान हैं, जिनकी रेंज 2500 किमी है.

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नौसैनिक ड्रोन: 7 मीटर लंबे विस्फोटकों से लदे अनमैन्ड सरफेस व्हीकल्स (USVs), जो लाल सागर में समुद्री हमलों के लिए उपयोग किए जाते हैं.

4. वायु रक्षा प्रणाली (Air Defense Systems)

सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें (SAMs): हूती विद्रोहियों के पास ईरान निर्मित “358” और संभवतः “359” लॉइटरिंग SAMs हैं, जिनकी रेंज 150 किमी, गति 1,000 किमी/घंटा, और ऊंचाई 30,000 फीट है. “359” में पैराशूट रिकवरी की सुविधा है, जिससे इसे दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है. इन प्रणालियों ने लगभग 20 अमेरिकी MQ-9 रीपर ड्रोनों को मार गिराया है, जो उनकी वायु रक्षा की क्षमता को दर्शाता है.

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पुराने सिस्टम: हूती विद्रोहियों के पास आधुनिक चीनी या ईरानी निर्मित कंधे पर ले जाने वाली, हीट-सीकिंग एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइलें भी हैं, जिन्हें 2013 में अमेरिकी नौसेना ने जब्त किया था.

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5. अन्य हथियार

आर्टिलरी रॉकेट और छोटे हथियार: हूती विद्रोहियों के पास हजारों AK-47 राइफलें, रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड लॉन्चर और 0.50-कैलिबर मशीन गनें हैं, जो ज्यादातर ईरान से प्राप्त हुई हैं या यमनी सेना से जब्त की गई हैं.

स्थानीय उत्पादन: हूती विद्रोही दावा करते हैं कि वे अपने अधिकांश हथियारों का स्थानीय स्तर पर उत्पादन करते हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान से तकनीकी सहायता और पुर्जों की तस्करी के बिना यह संभव नहीं है.

हूती विद्रोहियों की सैन्य क्षमता की सीमाएं

हालांकि हूती विद्रोहियों के पास कुछ उन्नत हथियार हैं, उनकी सैन्य क्षमता कई मायनों में सीमित है. करीब 20-30 हजार लड़ाके हैं.

  • सीमित संख्या: इज़रायली अनुमानों के अनुसार, हूती विद्रोहियों के पास केवल कुछ दर्जन बैलिस्टिक मिसाइलें और लॉन्चर हैं, जो बार-बार हमलों के लिए पर्याप्त नहीं हैं.
  • रखरखाव और प्रशिक्षण: उनके हथियार पुराने हैं या रखरखाव की कमी से प्रभावित हैं. साथ ही, उन्नत हथियारों को संभालने के लिए प्रशिक्षित कर्मियों की कमी है.
  • आर्थिक कमजोरी: यमन की अर्थव्यवस्था गृहयुद्ध के कारण कमजोर है, जिसके कारण हूती विद्रोहियों को हथियारों की आपूर्ति और रखरखाव में दिक्कत होती है.
  • निर्भरता: हूती विद्रोही हथियारों और तकनीकी सहायता के लिए पूरी तरह से ईरान पर निर्भर हैं, जिसके कारण उनकी स्वायत्तता सीमित है.

इज़रायल डिफेंस फोर्सेज (IDF) की सैन्य ताकत

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इज़राइल की सेना, जिसे इज़रायल डिफेंस फोर्सेज (IDF) के नाम से जाना जाता है, मध्य पूर्व की सबसे उन्नत और शक्तिशाली सेनाओं में से एक है. ग्लोबल फायरपावर 2025 के अनुसार, इज़रायल की सैन्य शक्ति सूचकांक (PwrIndx) 0.2661 है. यह विश्व में 15वें स्थान पर है.

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1. वायु सेना (Israeli Air Force - IAF)

  • फाइटर जेट्स: इज़रायल के पास F-35 स्टील्थ फाइटर जेट्स, F-15 और F-16 जैसे आधुनिक विमान हैं, जो दुनिया के सबसे उन्नत युद्धक विमानों में शामिल हैं.
  • ड्रोन: इज़रायल ड्रोन तकनीक में विश्व नेता है, जिसमें हर्मीस और हेरॉन जैसे उन्नत ड्रोन शामिल हैं, जो निगरानी और हमले दोनों के लिए उपयोग किए जाते हैं.
  • हेलीकॉप्टर: अपाचे और अन्य हमलावर हेलीकॉप्टर IDF की ताकत को बढ़ाते हैं.
  • मिसाइल रक्षा प्रणाली: इज़राइल के पास आयरन डोम, डेविड्स स्लिंग और एरो-2/3 जैसी मल्टीलेयर मिसाइल रक्षा प्रणालियां हैं, जो बैलिस्टिक मिसाइलों, रॉकेटों और ड्रोनों को रोक सकती हैं.

2. नौसेना (Israeli Navy)

  • पनडुब्बियां: इज़राइल के पास जर्मन निर्मित डॉल्फिन-क्लास पनडुब्बियां हैं, जो परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मानी जाती हैं.
  • मिसाइल नौकाएं: सायर-5 और सायर-6 कोरवेट्स, जो उन्नत मिसाइलों और रडार सिस्टम से लैस हैं, भूमध्य सागर और लाल सागर में रक्षा प्रदान करती हैं.
  • एंटी-शिप मिसाइलें: हार्पून और गैब्रियल मिसाइलें नौसैनिक युद्ध में प्रभावी हैं.

3. थल सेना (Ground Forces)

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  • टैंक: मर्कवा मार्क IV टैंक, जो दुनिया के सबसे उन्नत टैंकों में से एक है, IDF की थल सेना की रीढ़ है.
  • आर्टिलरी और मिसाइलें: इज़रायल के पास सटीक मार करने वाली आर्टिलरी और लंबी दूरी की मिसाइलें हैं, जैसे LORA (लॉन्ग रेंज आर्टिलरी).
  • पैदल सेना: इज़रायल की पैदल सेना को उन्नत हथियारों और तकनीक के साथ प्रशिक्षित किया जाता है, जिसमें नाइट विजन, ड्रोन और स्मार्ट हथियार शामिल हैं.

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4. परमाणु क्षमता

इज़राइल ने आधिकारिक तौर पर परमाणु हथियारों की मौजूदगी की पुष्टि नहीं की है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि इज़राइल के पास 80-200 परमाणु हथियार हो सकते हैं. यह उसकी रणनीतिक ताकत को और बढ़ाता है.

5. रक्षा बजट और अंतरराष्ट्रीय समर्थन

रक्षा बजट: इज़रायल अपने GDP का एक बड़ा हिस्सा (लगभग 24 बिलियन अमेरिकी डॉलर, 2025 अनुमान) रक्षा पर खर्च करता है, जो इसे तकनीकी और सैन्य विकास में सक्षम बनाता है.
अंतरराष्ट्रीय समर्थन: इज़रायल को अमेरिका से व्यापक सैन्य और वित्तीय सहायता मिलती है, जिसमें उन्नत हथियार और मिसाइल रक्षा प्रणालियां शामिल हैं.

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6. मिसाइल रक्षा प्रणालियां

  • आयरन डोम: छोटी दूरी के रॉकेट और ड्रोनों को रोकने में 90% से अधिक सफलता दर.
  • एरो-2/3: लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने के लिए, जो हूती मिसाइलों को बार-बार रोक चुकी हैं.
  • डेविड्स स्लिंग: मध्यम दूरी की मिसाइलों और ड्रोनों के लिए.
  • THAAD: अमेरिका द्वारा प्रदान की गई टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस सिस्टम, जो 2024 से इज़रायल में तैनात है और हूती मिसाइलों को रोकने में प्रभावी रही है.

हूती विद्रोहियों और इज़रायल की सैन्य ताकत की तुलना

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हूती विद्रोहियों और इज़रायल की सैन्य ताकत की तुलना कई पहलुओं पर की जा सकती है.

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1. हथियारों की गुणवत्ता और तकनीक

हूती विद्रोही: हूती विद्रोहियों के हथियार ज्यादातर ईरान से प्राप्त हैं और कुछ पुरानी तकनीकों पर आधारित हैं. उनकी मिसाइलें और ड्रोन लंबी दूरी तक हमला कर सकते हैं, लेकिन उनकी सटीकता और विश्वसनीयता सीमित है. हाइपरसोनिक मिसाइलों के दावे संदिग्ध हैं.

इज़रायल: इज़रायल के पास विश्व की सबसे उन्नत सैन्य तकनीक है, जिसमें स्टील्थ फाइटर जेट्स, सटीक मिसाइलें और मल्टीलेयर मिसाइल रक्षा प्रणालियां शामिल हैं. उनकी तकनीक हूती विद्रोहियों की तुलना में कहीं अधिक उन्नत और प्रभावी है.

2. संख्या और संसाधन

हूती विद्रोही: हूती विद्रोहियों के पास सीमित संख्या में मिसाइलें और लॉन्चर हैं (केवल कुछ दर्जन, जैसा कि इज़राइली अनुमान बताते हैं). उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है. वे ईरान पर निर्भर हैं.

इज़रायल: इज़रायल के पास विशाल हथियार भंडार, उन्नत सैन्य उपकरण और पर्याप्त रक्षा बजट है. साथ ही, अमेरिका का समर्थन उनकी सैन्य क्षमता को और बढ़ाता है.

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3. वायु रक्षा

हूती विद्रोही: हूती विद्रोहियों की वायु रक्षा प्रणाली में कुछ प्रभावशीलता है, जैसे कि “358” और “359” SAMs, जिन्होंने अमेरिकी ड्रोनों को मार गिराया है. लेकिन यह इज़रायल की मिसाइल रक्षा प्रणालियों की तुलना में बहुत कमजोर है.

इज़रायल: इज़रायल की मिसाइल रक्षा प्रणालियां (आयरन डोम, एरो, डेविड्स स्लिंग, THAAD) 90% से अधिक सफलता दर के साथ हूती मिसाइलों और ड्रोनों को रोक चुकी हैं.

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4. रणनीतिक स्थिति

हूती विद्रोही: हूती विद्रोही भौगोलिक रूप से इज़राइल से 1800-2000 किमी दूर हैं, जिसके कारण उनके हमले लंबी दूरी के मिसाइलों और ड्रोनों पर निर्भर करते हैं. उनकी रणनीति में लाल सागर में समुद्री हमले और इज़रायल पर छिटपुट हमले शामिल हैं, जो प्रतीकात्मक और प्रचार के लिए अधिक हैं.

इज़रायल: इज़रायल की रणनीति रक्षा और त्वरित जवाबी कार्रवाई पर आधारित है. उनकी वायु सेना और नौसेना यमन में हूती ठिकानों पर सटीक हमले कर सकती है, जैसा कि अल-हुदायदाह और सनआ में हाल के हमलों में देखा गया.

क्या हूती विद्रोही इज़राइल का सामना कर सकते हैं?

हूती विद्रोहियों के पास कुछ उन्नत हथियार हैं, जैसे लंबी दूरी की मिसाइलें और ड्रोन, जो इज़रायल तक पहुंच सकते हैं. मई 2025 में एक हूती मिसाइल ने इज़रायल के बेन गुरियन हवाई अड्डे के पास हमला किया, जो अमेरिकी THAAD और इज़राइली एरो सिस्टम को चकमा देने में सफल रही. यह दर्शाता है कि हूती विद्रोहियों की कुछ मिसाइलें इज़रायल की रक्षा प्रणालियों को चुनौती दे सकती हैं. हालांकि, उनकी कुल सैन्य क्षमता इज़रायल की तुलना में बहुत कमजोर है.

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प्रमुख कारण

सीमित संसाधन: हूती विद्रोहियों के पास हथियारों की संख्या और संसाधन सीमित हैं. उनके पास केवल कुछ दर्जन मिसाइलें और लॉन्चर हैं, जबकि इज़रायल के पास विशाल हथियार भंडार और उन्नत तकनीक है.

रक्षा प्रणालियों में अंतर: इज़रायल की मल्टीलेयर मिसाइल रक्षा प्रणालियां हूती हमलों को 90% से अधिक बार रोक चुकी हैं. दूसरी ओर, हूती विद्रोहियों की वायु रक्षा प्रणाली इज़रायल की वायु सेना के हमलों को रोकने में असमर्थ है.

आर्थिक और रणनीतिक अंतर: इज़रायल की मजबूत अर्थव्यवस्था, उन्नत तकनीक और अमेरिकी समर्थन इसे हूती विद्रोहियों पर भारी बढ़त देता है. हूती विद्रोही आर्थिक रूप से कमजोर हैं. ईरान पर निर्भर हैं.

हमले की प्रकृति: हूती विद्रोहियों के हमले ज्यादातर प्रतीकात्मक हैं. इज़रायल को गंभीर नुकसान पहुंचाने में असमर्थ हैं. वहीं, इज़रायल के जवाबी हमले (जैसे अल-हुदायदाह और सनआ में) हूती विद्रोहियों की सैन्य और आर्थिक क्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं.

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