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PAK में तबाही का इससे बड़ा सबूत नहीं मिलेगा! नूर खान और मुरीद एयरबेस में पहले और अब की सैटेलाइट इमेज देख लीजिए

ऑपरेशन सिंदूर ने भारत ने नूर खान और मुरीद पर कमांड सेंटर को ध्वस्त कर दिया था. इसके लिए वायुसेना ने हवा से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल से आतंकी अड्डे और सैन्य बेस को उड़ाया. मैक्सार टेक्नोलॉजीज की सैटेलाइट तस्वीरों ने दोनों जगहों पर हुई भारी तबाही को दिखाया है.

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नूर खान एयरबेस की पहले और भारत के हमले के बाद की सैटेलाइट तस्वीर. (सभी फोटोः Damien Symon/The Intel Lab/Maxar)
नूर खान एयरबेस की पहले और भारत के हमले के बाद की सैटेलाइट तस्वीर. (सभी फोटोः Damien Symon/The Intel Lab/Maxar)

7 मई 2025 को शुरू हुआ ऑपरेशन सिंदूर भारतीय वायुसेना (IAF) ने पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों, विशेष रूप से नूर खान औसटीक मिसाइल हमले किए. मैक्सार टेक्नोलॉजीज की सैटेलाइट तस्वीरों ने इन हमलों के बाद की तबाही को स्पष्ट रूप से दिखाया है. नूर खान में एक पूरा परिसर ध्वस्त हो गया, जबकि मुरीद में कमांड सेंटर और संभावित भूमिगत सुविधा को नुकसान पहुंचा.

ऑपरेशन सिंदूर का पृष्ठभूमि

ऑपरेशन सिंदूर 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया, जिसमें 26 लोग मारे गए थे. भारत ने इस हमले का जिम्मेदार जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों को ठहराया, जो पाकिस्तान से संचालित होते हैं. 7 मई को भारत ने नौ आतंकी ठिकानों पर हमले किए, जिनमें बहावलपुर, मुरीदके और मुजफ्फराबाद शामिल थे.

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इसके बाद, जब पाकिस्तान ने 8-10 मई को भारतीय सैन्य और नागरिक ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए, तो भारत ने जवाबी कार्रवाई में 11 पाकिस्तानी एयरबेस को निशाना बनाया. इनमें नूर खान (रावलपिंडी) और मुरीद (चकवाल) प्रमुख थे.

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नूर खान एयरबेस पर तबाही

नूर खान एयरबेस रावलपिंडी के चकला में स्थित पाकिस्तान वायुसेना का एक महत्वपूर्ण केंद्र है. यह पाकिस्तान आर्मी हेडक्वार्टर्स (GHQ) और इस्लामाबाद से केवल 10 किमी दूर है. यह एयरबेस एयर मोबिलिटी कमांड का मुख्यालय है, जो सैनिकों, उपकरणों और वीआईपी परिवहन के लिए जिम्मेदार है. यहां C-130 हरक्यूलिस, IL-78 रिफ्यूलर और प्रशिक्षण विमान जैसे कराकोरम-8 तैनात हैं.

Operation Sindoor Nur Khan Airbase Murid Airbase

मैक्सार टेक्नोलॉजीज की सैटेलाइट तस्वीरें (10 और 23 मई 2025) दिखाती हैं कि...

10 मई की तस्वीरें: भारतीय हमले ने दो विशेष सैन्य ट्रकों को नष्ट किया और रनवे के किनारे एक बड़ा गड्ढा बनाया.

23 मई की तस्वीरें: हमले के सात दिन बाद, नूर खान पर एक पूरा परिसर (लगभग 7,000 वर्ग फुट) ध्वस्त कर दिया गया. यह दिखाता है कि नुकसान पहले के अनुमान से कहीं ज्यादा था.

नुकसान का दायरा: विशेषज्ञ डेमियन सायमन के अनुसार, हमले से न केवल लक्षित क्षेत्र बल्कि आसपास की इमारतों में भी आंतरिक और संरचनात्मक नुकसान हुआ. शार्पेनल और आग से बिजली के तार और सिस्टम प्रभावित हुए, जिससे परिसर को ठीक करना असंभव हो गया.

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रणनीतिक प्रभाव: नूर खान पाकिस्तान की सैन्य और परमाणु सुविधाओं (स्ट्रैटेजिक प्लान्स डिवीजन) के करीब है. इस हमले ने पाकिस्तान की हवाई और रसद क्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित किया.

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मुरीद एयरबेस पर हमला

मुरीद एयरबेस, चकवाल (उत्तरी पंजाब) में स्थित, एक फॉरवर्ड ऑपरेशनल बेस है, जो ड्रोन और लड़ाकू विमानों का केंद्र है. यहां शाहपर-1, शाहपर-2, बर्राक, बायरक्तर TB2 और विंग लूंग-2 जैसे हाई-एंड ड्रोन तैनात हैं. यह बेस भारत की सीमा के करीब होने के कारण रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है.

Operation Sindoor Nur Khan Airbase Murid Airbase

मैक्सार की तस्वीरों और डेमियन सायमन के विश्लेषण से पता चलता है...

कमांड एंड कंट्रोल बिल्डिंग: इस बिल्डिंग की छत को नुकसान पहुंचा, जिससे आंतरिक क्षति की संभावना है. यह बिल्डिंग ड्रोन और हवाई अभियानों के नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण है.

संभावित भूमिगत सुविधा: एक अति-सुरक्षित उप-परिसर पर हमला हुआ, जिसमें दोहरी बाड़ और वॉचटावर हैं. यहां एक 3 मीटर चौड़ा गड्ढा बना, जो संभावित भूमिगत सुविधा के प्रवेश द्वार से केवल 30 मीटर दूर है.

निशाना: यह उप-परिसर संभवतः उच्च-मूल्य का लक्ष्य था, जिसमें परमाणु हथियारों से संबंधित उपकरण या भंडारण हो सकता है.

प्रभाव: इन हमलों ने मुरीद की ड्रोन संचालन क्षमता को कमजोर किया. पाकिस्तान की सीमा पर त्वरित प्रतिक्रिया देने की क्षमता को प्रभावित किया.

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सैटेलाइट तस्वीरों का विश्लेषण

मैक्सार टेक्नोलॉजीज और मिजारविजन (चीनी सैटेलाइट फर्म) की तस्वीरों ने निम्नलिखित नुकसान को उजागर किया...

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नूर खान: एक पूरा परिसर ध्वस्त, दो सैन्य ट्रक नष्ट और रनवे पर गड्ढा. आग और शार्पनेल से व्यापक आंतरिक नुकसान.

मुरीद (कमांड सेंटर): छत का आंशिक ढहना और आंतरिक क्षति.

मुरीद (उप-परिसर): 3 मीटर चौड़ा गड्ढा, जो संभावित भूमिगत सुविधा को प्रभावित करता है.

ये तस्वीरें 10 और 11 मई को ली गईं, जबकि 23 मई की तस्वीरों ने नूर खान पर और गहरा नुकसान दिखाया. विशेषज्ञों का मानना है कि नुकसान की मरम्मत असंभव होने के कारण पाकिस्तान ने परिसर को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया.

Operation Sindoor Nur Khan Airbase Murid Airbase

ऑपरेशन सिंदूर का व्यापक प्रभाव

ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, बल्कि पाकिस्तान की सैन्य क्षमता को भी गंभीर रूप से प्रभावित किया...

11 एयरबेस प्रभावित: नूर खान, मुरीद, रफीकी, सुक्कूर, भोलारी, जैकबाबाद, सरगोधा, रहीम यार खान, सियालकोट, चुनियां और स्कार्दू.

हथियारों का उपयोग: भारत ने ब्रह्मोस, हैमर और स्कैल्प मिसाइलों का इस्तेमाल किया, जो सटीकता और विनाशकारी शक्ति के लिए जाने जाते हैं.

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया: पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने भारत के हमलों को रोक लिया, लेकिन सैटेलाइट तस्वीरें इसके उलट हैं. 10 मई को पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत से युद्धविराम की मांग की.

रणनीतिक नुकसान: नूर खान और मुरीद जैसे बेस पाकिस्तान की हवाई और परमाणु रणनीति के लिए महत्वपूर्ण हैं. इनके नुकसान ने पाकिस्तान की सैन्य ताकत को कमजोर किया.

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भारत की रणनीति और बयान

भारत के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा कि हमारा लक्ष्य आतंकी ठिकानों को नष्ट करना था. अगर पाकिस्तानी सेना ने हस्तक्षेप न किया होता, तो हमें सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की जरूरत नहीं पड़ती. एयर मार्शल एके भारती ने बताया कि भारत ने सटीक हमले किए, जिनमें न्यूनतम नागरिक नुकसान हुआ. उन्होंने स्वदेशी आकाश वायु रक्षा प्रणाली की तारीफ की, जिसने पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइलों को नाकाम किया.

क्षेत्रीय और वैश्विक चिंताएं

नूर खान एयरबेस पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा इकाई (स्ट्रैटेजिक प्लान्स डिवीजन) के करीब है, जो 170 परमाणु हथियारों की सुरक्षा करता है. इन हमलों ने क्षेत्रीय स्थिरता और परमाणु सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं. अमेरिकी विकिरण निगरानी विमान के पाकिस्तान पहुंचने की खबरें भी आईं, जो इन हमलों के बाद परमाणु भंडारण सुविधाओं की जांच के लिए हो सकता है.

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