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US के हमले के बाद भड़के ईरान के विदेश मंत्री, कहा- अमेरिका ने रेड लाइन क्रॉस की, कल पुतिन से मिलूंगा

अराघची ने रविवार को इस्तांबुल में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला कर एक बहुत बड़ी रेड लाइन पार की है. उन्होंने न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय कानून का अपमान किया है, बल्कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर का भी उल्लंघन किया है.

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ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची (फोटो- AP)
ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची (फोटो- AP)

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने अमेरिका पर सीधे तौर पर हमला बोलते हुए कहा कि तेहरान पर किया गया अमेरिकी सैन्य हमला अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन है और इसकी पूरी ज़िम्मेदारी वॉशिंगटन के 'लॉ-लैस एडमिनिस्ट्रेशन' (कानूनविहीन प्रशासन) की है. उन्होंने कहा कि ईरान अपनी संप्रभुता और नागरिकों की रक्षा करता रहेगा और यह संघर्ष एकतरफा नहीं होगा.

अराघची ने रविवार को इस्तांबुल में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला कर एक बहुत बड़ी रेड लाइन पार की है. उन्होंने न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय कानून का अपमान किया है, बल्कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर का भी उल्लंघन किया है.

ईरान का NPT (परमाणु अप्रसार संधि) पर भरोसा डगमगाया

ईरानी विदेश मंत्री अराघची ने संकेत दिए कि ईरान NPT (परमाणु अप्रसार संधि) से हटने पर भी विचार कर सकता है. उन्होंने कहा कि NPT ईरान को कोई सुरक्षा नहीं दे सका तो हमें क्यों उस पर भरोसा करना चाहिए? इस पर हमारी अगली रणनीति का खुलासा करना अभी जल्दबाज़ी होगी.

कल पुतिन से मुलाकात करेंगे अराघची

अराघची ने बताया कि वह आज दोपहर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने मास्को रवाना हो रहे हैं और सोमवार को उनके साथ गंभीर बातचीत करेंगे. उन्होंने कहा कि रूस हमारा रणनीतिक साझेदार है और हम क्षेत्रीय स्थिरता को लेकर संयुक्त दृष्टिकोण बनाएंगे.

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'अमेरिका सिर्फ धमकी और ताकत की भाषा समझता है'

ईरानी विदेश मंत्री ने अमेरिका की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि वो लोग केवल धमकी और ताकत की भाषा समझते हैं. उन्होंने कूटनीति से विश्वासघात किया है. आज का हमला इस बात का प्रमाण है कि वे किसी भी शांतिपूर्ण समाधान में विश्वास नहीं रखते.

संयुक्त राष्ट्र से आपात बैठक की मांग

अराघची ने कहा कि ईरान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से आपात बैठक बुलाने की मांग की है, ताकि अमेरिका की आक्रामकता की निंदा की जा सके.

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