scorecardresearch
 

कितने भी रडार लगा ले PAK, दो भारतीय मिसाइल काफी हैं उन्हें बर्बाद करने के लिए ... Rudram-1 और Kh-31P

पहलगाम आंतकी हमले के बाद पाकिस्तान डरा हुआ है. उसने भारतीय सीमा के पास कई रडार लगा रखे हैं. साथ ही एयर डिफेंस सिस्टम भी. इन रडार को भारत की सिर्फ दो मिसाइलें हीं खत्म कर सकती है. SEAD रणनीति के तहत भारत SU-30MKI से इन दोनों मिसाइलों से हमला कर सकती है. जानिए इन मिसाइलों के बारे में...

Advertisement
X
ये Kh-31P एंटी-रेडिएशन मिसाइल जो पाकिस्तान के किसी भी राडार और एयर डिफेंस सिस्टम को बर्बाद कर सकती है. (फाइल फोटोः विकिपीडिया)
ये Kh-31P एंटी-रेडिएशन मिसाइल जो पाकिस्तान के किसी भी राडार और एयर डिफेंस सिस्टम को बर्बाद कर सकती है. (फाइल फोटोः विकिपीडिया)

पहलगाम आंतकी हमले के बाद पाकिस्तान ने भारतीय सीमा के पास अपनी वायु रक्षा प्रणालियों को मजबूत करने के लिए कई उन्नत रडार और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणालियां तैनात की हैं. इनमें चीनी मूल की HQ-9/P लंबी दूरी की वायु रक्षा प्रणाली और इसके HT-233 रडार शामिल हैं.

दूसरी ओर, भारत ने अपनी सप्रेशन ऑफ एनिमी एयर डिफेंस (SEAD) क्षमताओं को बढ़ाने के लिए सु-30MKI फाइटर जेट, रूसी Kh-31P एंटी-रेडिएशन मिसाइल और स्वदेशी रुद्रम-1 मिसाइल को तैनात किया है. यह रिपोर्ट पाकिस्तान की रडार तैनाती, भारत की SEAD रणनीति और इन मिसाइलों की तकनीकी विशेषताओं पर केंद्रित है. 

यह भी पढ़ें: अग्नि, प्रलय, शौर्य, ब्रह्मोस... भारत की 5 मिसाइलें जो कुछ सेकेंड्स में ही पाकिस्तान के बड़े शहरों को तबाह कर सकती हैं

पाकिस्तान की भारतीय सीमा के पास रडार तैनाती

पाकिस्तान ने अपनी वायु रक्षा को मजबूत करने के लिए भारतीय सीमा के निकट कई रडार और मिसाइल प्रणालियां तैनात की हैं. 

HQ-9/P वायु रक्षा प्रणाली

प्रकार: लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (SAM) प्रणाली.
रेंज: लगभग 125 किमी (कुछ स्रोतों के अनुसार 200 किमी तक).

Advertisement

HQ-9P air defence system pak, pahalgam terror attack

रडार: HT-233 फेज्ड-ऐरे फायर कंट्रोल राडार, जो सक्रिय रडार होमिंग (ARH) और इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम (INS) के साथ काम करता है. यह रडार 150 किमी तक की दूरी पर लक्ष्यों का पता लगा सकता है.

विशेषताएं: HQ-9/P को चीनी S-300PMU का उन्नत संस्करण माना जाता है, जो जटिल हवाई खतरों जैसे फाइटर जेट, क्रूज मिसाइल और ड्रोन को नष्ट करने में सक्षम है.

तैनाती: पाकिस्तान ने इन प्रणालियों को पंजाब और सिंध प्रांतों में विशेष रूप से लाहौर, कराची और रावलपिंडी के आसपास तैनात किया है. ये सभी भारत के साथ सीमा के निकट हैं.

LY-80 और LY-80EV

प्रकार: मध्यम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली (LOMADS).

रेंज: 40-70 किमी

रडार: IBS-150 S-बैंड पैसिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन ऐरे (PESA) रडार और L-बैंड फायर कंट्रोल रडार.

विशेषताएं: सेमी-एक्टिव रडार होमिंग (SARH) और INS का उपयोग. ये प्रणालियां कम ऊंचाई पर उड़ने वाले लक्ष्यों को निशाना बनाने में सक्षम हैं. ये प्रणालियां मुख्य रूप से सीमा के पास सैन्य ठिकानों और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा के लिए तैनात हैं.

यह भी पढ़ें: जिस चीनी PL-15 मिसाइल के दम पर कूद रहा पाकिस्तान, उसकी भी भारत के पास है काट...

FM-90 (HQ-7 का निर्यात संस्करण)

प्रकार: छोटी दूरी की वायु रक्षा प्रणाली (E-SHORADS).

रेंज: 15 किमी

Advertisement

कमांड-गाइडेड मिसाइल जो ड्रोन, हेलीकॉप्टर और कम ऊंचाई पर उड़ने वाले विमानों को निशाना बना सकती है. ये प्रणालियां सीमा के निकट सैन्य अड्डों और हवाई अड्डों की सुरक्षा के लिए उपयोग की जाती हैं.

रणनीतिक महत्व

पाकिस्तान की ये तैनातियां भारत के हवाई हमलों, विशेष रूप से 2019 के बालाकोट हवाई हमले के बाद को रोकने के लिए हैं. HQ-9/P और इसके HT-233 रडार की तैनाती से पाकिस्तान का लक्ष्य भारतीय वायुसेना (IAF) के लिए खतरा बढ़ाना. अपनी रक्षा प्रणालियों को मजबूत करना है. हालांकि, इन रडारों की प्रभावशीलता भारत की उन्नत SEAD रणनीतियों के सामने सीमित हो सकती है.

यह भी पढ़ें: Rafale-M vs Rafale: IAF का राफेल और नेवी का राफेल-एम... ताकत, डिजाइन और मिशन में कौन कितना अलग?

भारत की SEAD रणनीति: सु-30MKI और Kh-31P

भारत की वायुसेना ने SEAD मिशनों को करने के लिए सु-30MKI फाइटर जेट और Kh-31P एंटी-रेडिएशन मिसाइल का उपयोग किया है. बहु-भूमिका वाला फाइटर जेट, जो लंबी दूरी की उड़ान और भारी हथियार ले जाने में सक्षम है. यह SEAD मिशनों के लिए आदर्श है क्योंकि यह उच्च ऊंचाई (15 किमी तक) से मिसाइल लॉन्च कर सकता है.

हथियार: Kh-31P, रुद्रम-1, ब्रह्मोस-ए और अस्त्र मिसाइलों के साथ. सु-30MKI का लंबा ऑपरेशनल रेंज और उन्नत एवियोनिक्स इसे पाकिस्तानी रडारों को निशाना बनाने के लिए प्रभावी बनाते हैं. 

Advertisement

Kh-31P missile, indian anti-radiation missile

Kh-31P एंटी-रेडिएशन मिसाइल

सुपरसोनिक एंटी-रेडिएशन मिसाइल. 
रेंज: 110-250 किमी (लॉन्च की ऊंचाई पर निर्भर) 
गति: मैक 3.5+ (लगभग 4300 किमी/घंटा) 

नेविगेशन: पैसिव होमिंग हेड (PHH) जो K-बैंड राडार सिग्नल का पता लगाता है. यह लॉक-ऑन-बिफोर/आफ्टर-लॉन्च मोड में काम करता है.

विशेषताएं 

लो RCS (रडार क्रॉस-सेक्शन): इसका कम रडार सिग्नेचर इसे रडार द्वारा पकड़े जाने से बचाता है. 

हाई-डाइवर टर्मिनल अटैक: मिसाइल ऊंचाई से तेजी से नीचे आती है, जिससे रडार को प्रतिक्रिया देने का समय नहीं मिलता. 

लॉफ्टेड लॉन्च: मिसाइल को 100 किमी से अधिक दूरी से लॉन्च किया जा सकता है, जो सु-30MKI को सुरक्षित दूरी पर रखता है.

प्रभाव: Kh-31P HQ-9/P के HT-233 रडार को नष्ट कर सकता है, क्योंकि इसकी तेज गति और K-बैंड होमिंग राडार के OODA (Observe, Orient, Decide, Act) लूप को बाधित करती है. यह रडार के जानने से पहले ही उसे नष्ट कर देता है.

यह भी पढ़ें: कुछ ही मिनटों में कराची समेत पूरा पाकिस्तान तबाह कर सकता है INS Vikrant कैरियर स्ट्राइक ग्रुप, जानिए ताकत

SEAD ऑपरेशन  

सु-30MKI 15 किमी की ऊंचाई से Kh-31P को लॉन्च करता है, जो 100-125 किमी दूर HT-233 रडार को निशाना बनाता है. मिसाइल का पैसिव होमिंग हेड रडार के सिग्नल का पता लगाता है और तेजी से उसकी ओर बढ़ता है. इसका कम RCS और हाई-डाइवर अटैक रडार को प्रतिक्रिया देने का समय नहीं देता, जिससे रडार नष्ट हो जाता है.

Advertisement

परिणाम: HQ-9/P प्रणाली अंधी हो जाती है, जिससे भारतीय विमानों के लिए हवाई हमले आसान हो जाते हैं.

रुद्रम-1: भारत की स्वदेशी एंटी-रेडिएशन मिसाइल

रुद्रम-1 भारत की पहली स्वदेशी एंटी-रेडिएशन मिसाइल है, जिसे डीआरडीओ ने विकसित किया है. यह Kh-31P का उन्नत विकल्प है. SEAD मिशनों में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता रखता है. सुपरसोनिक एयर-टू-सरफेस एंटी-रेडिएशन मिसाइल.

Rudram-1 missile, indian anti-radiation missile

रेंज: 100-250 किमी (लॉन्च की ऊंचाई पर निर्भर, 500 मीटर से 15 किमी तक).
गति: मैक 2 (लगभग 2470 किमी/घंटा)
वजन: 140 किग्रा

नेविगेशन

प्रारंभिक चरण: INS, GPS और भारतीय NAVIC सैटेलाइट नेविगेशन. 

अंतिम चरण: पैसिव होमिंग हेड (PHH) जो 100 किमी की दूरी से रडार सिग्नल का पता लगा सकता है.

मिलीमीटर वेव (MMW) सीकर: विभिन्न मौसमों में काम करने की क्षमता.

लॉक-ऑन-बिफोर/आफ्टर-लॉन्च: लचीला लक्ष्यीकरण.

विशेषता: रुद्रम-1 रडार बंद होने पर भी लक्ष्य को ट्रैक कर सकता है, क्योंकि यह इनर्शियल नेविगेशन और मेमोरी ट्रैकिंग का उपयोग करता है.

लक्ष्य: रडार, संचार केंद्र और अन्य रेडियो फ्रीक्वेंसी स्रोत.

पाकिस्तानी रडारों पर प्रभाव

HQ-9/P और HT-233 रडार: रुद्रम-1 की 250 किमी की रेंज और MMW सीकर इसे HT-233 रडार को नष्ट करने में सक्षम बनाते हैं, भले ही रडार बंद हो जाए. इसका PHH 100 किमी से सिग्नल पकड़ सकता है. मेमोरी ट्रैकिंग रडार के अंतिम स्थान को लक्षित करता है.

Advertisement

LY-80 और FM-90 रडार: रुद्रम-1 की सटीकता (10 मीटर CEP) और लंबी रेंज इसे इन रडारों को भी नष्ट करने में प्रभावी बनाती है.

रुद्रम-1 की स्वदेशी तकनीक भारत को रूसी मिसाइलों पर निर्भरता से मुक्त करती है. SEAD मिशनों में अधिक लचीलापन प्रदान करती है. रुद्रम-1 को सु-30MKI में लगाया गया है. इसे मिराज 2000, राफेल, जगुआर, और तेजस में भी लगा सकते है.  

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement