पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बीच एक और केंद्रीय जांच एजेंसी की एंट्री हो गई है. दरअसल, ममता बनर्जी सरकार के मंत्री जाकिर हुसैन पर बम से हुए हमले की जांच गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी है. इस हमले में मंत्री समेत 22 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे. फिलहाल, इस मामले की जांच राज्य सरकार की सीआईडी कर रही है.
आपको बता दें कि मुर्शिदाबाद जिले के नीमतीता स्टेशन प्लेटफॉर्म पर बंगाल सरकार में मंत्री जाकिर हुसैन पर पेट्रोल बम से हमला किया गया था. इस हादसे में उन्हें काफी चोट आई थी, जिसके बाद उन्हें आनन-फानन में पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन देर रात को उन्हें कोलकाता शिफ्ट कर दिया गया था. अभी भी उनका इलाज चल रहा है.
स्थानीय पुलिस के मुताबिक, श्रम राज्य मंत्री जाकिर हुसैन स्टेशन के 2 नंबर प्लेटफॉर्म पर रात करीब 10 बजे कोलकाता जाने वाली ट्रेन का इंतजार कर रहे थे, तभी उन पर हमला हुआ. दो अनजान व्यक्तियों ने उन पर बम फेंक दिया और फरार हो गए. मंत्री के शरीर का बायां हिस्सा घायल हो गया है. उनके बाएं पैर में काफी चोट आई हैं.
तृणमूल के नेता और वरिष्ठ मंत्री मलय घटक ने इस हमले के लिए पार्टी के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को जिम्मेदार ठहराया था, जबकि तृणमूल से निष्कासित किए गए और मुर्शिदाबाद जिला परिषद के सभाधिपति मुशर्रफ हुसैन ने दावा किया था कि यह पार्टी के बीच आंतरिक कलह का नतीजा है.
वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस हमले को सीधे जाकिर हुसैन के कत्ल की साज़िश करार दिया था. उन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र में लड़ाई ही सकती है लेकिन मर्डर की क्या जरूरत है. इसके अलावा उन्होंने इस बात पर भी सवाल उठाया कि हमले के समय रेलवे स्टेशन में कोई अफसर मौजूद नहीं था.