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श्रीनगरः सिख लड़कियों के कथित धर्मांतरण मामले में आया नया मोड़, हलफनामा आया सामने

मनप्रीत के हलफनामे में कहा गया है कि उसकी उम्र 19 साल है. जबकि उसके दूल्हे की उम्र का जिक्र हलफनामे में नहीं है. दूसरी लड़की विरह पाल कौर की उम्र 26 साल है. वह अभी तक घर नहीं लौटी है.

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अकाली नेता सिरसा ने भी लड़कियों को लेकर किए गए प्रदर्शन में हिस्सा लिया था
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स्टोरी हाइलाइट्स
  • हलफनामे से खुलासा, बालिग है मनमीत कौर
  • परिवार के पास लौट आई थी मनमीत कौर
  • दोबारा कराई गई मनमीत की शादी

श्रीनगर में दो सिख लड़कियों के कथित अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन की कहानी में नया मोड़ आ गया है. जिन लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन की बात कही गई थी, उनमें से एक मनमीत कौर बाली का एक एफीडेविट मिला है. ये एफीडेविट मनमीत ने 5 जून को बारामूला के जिला न्यायालय में दिया था.

मनमीत ने एफीडेविट के साथ कोर्ट में निकाहनामा भी दिया था. इस एफीडेविट में मनमीत ने धर्म परिवर्तन की बात भी कबूल की है. मनमीत ने कोर्ट में अपनी सुरक्षा की गुहार भी लगाई थी. मनमीत के शपथ पत्र से धर्म परिवर्तन की पूरी कहानी ही पलट गई है. 

श्रीनगर के रैनावाड़ी की रहने वाली मनमीत का अफेयर पड़ोस में ही रहने वाले शाहिद नजीर से हो गया था. अपने शपथ पत्र में मनमीत ने जो लिखा है, वो चौंकाने वाला है. मनप्रीत के शपथ पत्र में दर्ज है कि उसने अपनी मर्जी से पहला धर्म छोड़कर इस्लाम कबूल किया है. उसने साल भर पहले ही इस्लाम धर्म को कबूल कर लिया था. उसने शपथ पत्र में बताया है कि उसकी उम्र 19 साल है और वो जानती है कि क्या अच्छा है और क्या बुरा है. उसने अपना नाम मनमीत कौर से बदलकर जोया रख लिया है.

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मनमीत उर्फ जोया के निकाहनामे में दर्ज है कि ये जोया और शाहिद नजीर नाम के युगल का निकाहनामा है. जिसमें दो गवाहों के बयान भी दर्ज हैं. निकाहनामे में दो लाख रुपये की मेहर बांधी गई है. इस निकाहनामे और मनमीत उर्फ जोया के शपथ पत्र से साफ है कि उसने अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन किया था. अपनी पसंद के लड़के से शादी रचाई थी लेकिन उस लड़की के साथ क्या हुआ, जरा ये भी जान लीजिए.

पिछले 26 जून को मनमीत को श्रीनगर के हाईकोर्ट में पेश होना था, लेकिन इससे पहले सिख संगठन उसे अपने साथ पुलवामा ले गए. पुलवामा में शादीमर्ग के गुरुद्वारे में मनमीत की शादी सुखप्रीत नाम के एक सिख युवक से करवा दी गई. इस मामले में मनमीत के शपथ पत्र और निकाहनामा आने के बाद से सवाल ये खड़ा हो रहा है कि उसकी इन दोनों शादियों में से कौन सी शादी सही मानी जाएगी.

उसका निकाहनामा सही माना जाएगा या फिर गुरुद्वारे में उसकी शादी. क्योंकि इस्लाम के मुताबिक जब तक शादीशुदा औरत का तलाक न हो जाए, तब तक उसकी दूसरी शादी नहीं हो सकती. सवाल ये भी है कि इस निकाहनामे और हलफनामे में कितनी सच्चाई है. ये कागजात सच्चे हैं या झूठे. लड़की का दावा सच्चा है या झूठा. ये तो जांच के बाद ही सामने आएगा. फिलहाल तो शाहिद नजीर पुलिस की हिरासत में है और मनमीत सिख युवक सुखप्रीत से शादी के बाद दिल्ली जा चुकी है.

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