दिल्ली पुलिस ने राजधानी के करोल बाग इलाके में नकली प्रीमियम मोबाइल फोन बेचने वाले एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है. इस कार्रवाई में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो फोल्ड और फ्लिप जैसे महंगे स्मार्टफोन को गैर-कानूनी तरीके से असेंबल कर खुले बाजार में असली बताकर बेच रहे थे.
पुलिस के मुताबिक, रेड के दौरान एक ही ब्रांड के 512 नकली प्रीमियम स्मार्टफोन बरामद किए गए. इनमें फुली-असेंबल और सेमी-असेंबल दोनों तरह के हैंडसेट शामिल हैं. इनके साथ भारी मात्रा में मोबाइल पार्ट्स, मदरबोर्ड, बैटरी और नकली IMEI स्टिकर भी जब्त किए गए हैं. आरोपियों से पूछताछ में बड़े खुलासे हुए हैं.
पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपी चीन से इंपोर्ट किए गए मोबाइल स्पेयर पार्ट का इस्तेमाल कर महंगे स्मार्टफोन तैयार करते थे. इन पर फर्जी IMEI नंबर चिपका देते थे. उन पर 'मेड इन वियतनाम' की मार्किंग की जाती थी, ताकि ब्रांडेड फोन लगे. इसके बाद 35 से 40 हजार रुपए प्रति यूनिट की कीमत पर बेच देते थे.
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पुलिस को इस रैकेट की सूचना एक पुख्ता टिप-ऑफ के जरिए मिली थी. इसके बाद बनाई गई स्पेशल टीम ने 13 और 14 दिसंबर की रात करोल बाग की एक दुकान पर छापा मारा. मौके पर चारों आरोपी मोबाइल फोन असेंबल करते हुए रंगे हाथों पकड़े गए. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान हकीम, मेहताब अहमद अंसारी, रवि आहूजा और राहुल के रूप में हुई है.
तलाशी के दौरान पुलिस ने 124 मदरबोर्ड, 138 मोबाइल बैटरी, 459 नकली IMEI प्रिंटेड स्टिकर, बड़ी संख्या में मोबाइल एक्सेसरीज़ और असेंबलिंग टूल बरामद किए. पुलिस ने बताया कि आरोपी बरामद सामान से जुड़े कोई भी वैध दस्तावेज पेश नहीं कर सके. पूछताछ में मास्टरमाइंड हकीम ने खुलासा किया कि वह सिर्फ आठवीं पास है.
उसके पास कोई औपचारिक तकनीकी डिग्री नहीं है. इसके बावजूद वह स्पेयर पार्ट्स मंगवाकर प्रीमियम स्मार्टफोन तैयार कर रहा था. हकीम ने यह भी कबूल किया कि बाजार में ज्यादा डिमांड होने के कारण वह अल्ट्रा, फोल्ड और फ्लिप जैसे नए दिखने वाले मॉडल बनवाता था. अनजान ग्राहकों को असली नए फोन बताकर बेचता था.