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बिहार: बेतिया में जहरीली शराब पीने से 12 की गई जान, SHO समेत तीन चौकीदार निलंबित

घटना बेतिया के लौरिया प्रखंड के देउरूवा गांव और उसके पास के बगही गांव की है. वहीं, बिहार की डिप्टी सीएम रेणु देवी ने कहा, इस मामले की जांच चल रही है. संबंधित अधिकारी इस पर काम कर रहे हैं. स्थानीय लोग इस मुद्दे पर बात करने के लिए तैयार नहीं हैं. हम पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं.

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • बेतिया में संदिग्ध हालात में मरने वालों की संख्या बढ़कर 12 हुई
  • डिप्टी सीएम रेणु देवी बोलीं- मामले की जांच चल रही

बिहार के देउरूवा में अब तक 12 लोगों की संदिग्ध हालात में मौत हो चुकी है. बताया जा रहा है कि सभी की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई. पुलिस ने इस मामले में 16 लोगों को गिरफ्तार किया है. जहरीली शराब से हुए मौत के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रभारी एसएचओ सहित तीन चौकीदार को निलंबित कर दिया है. एसएचओ को मामले की जानकारी होते हुए भी अवकाश में रहने पर लाइन हाजिर किया गया. मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है. 

घटना बेतिया के लौरिया प्रखंड के देउरूवा गांव और उसके पास के बगही गांव की है. वहीं, बिहार की डिप्टी सीएम रेणु देवी ने कहा, इस मामले की जांच चल रही है. संबंधित अधिकारी इस पर काम कर रहे हैं. स्थानीय लोग इस मुद्दे पर बात करने के लिए तैयार नहीं हैं. हम पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. 

एक पर केस दर्ज

इससे पहले शुक्रवार को बेतिया के प्रभारी एसपी किरण कुमार गोरख जाधव ने बताया था कि शराब बेचने वाले मुमताज के खिलाफ एफआईआर दर्ज की. छापेमारी चल रही है. उधर, मीडिया से बातचीत में गांववालों ने कहा, गांव के सब लोग जानते हैं कि गांव में शराब बेची जाती है पर कोई पचड़े में पड़ना नहीं चाहता है. सरकार और प्रशासन को इसपर रोक लगानी चाहिए नहीं तो इस गांव का भविष्य अंधकार में है. 

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डीएम कुंदन कुमार ने कहा, हमें चंपारण के गांव में पिछले 2-3 दिन में कुछ लोगों की संदिग्ध हालात में मौत की जानकारी मिली है. हालांकि, उनके परिवार और गांववालों ने शराब पीने की बात को नहीं माना है. एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है.

लालू यादव ने साधा नीतीश सरकार पर निशाना

उधर, बेतिया में लोगों की संदिग्ध मौत पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा. उन्होंने इस खबर को ट्वीट कर कहा, बिहार में सुशासनी शराबबंदी से हर साल हजारों लोग जहरीली शराब से मर जाते है. शराबबंदी के कारण सत्ताधारी लोग बिहार में 20000 करोड़ की समानांतर अवैध इकॉनोमी चला रहे हैं. शराबबंदी के नाम पर लाखों दलित और गरीब जेलों में बंद हैं. पुलिस भ्रष्ट और अत्याचारी बन चुकी है.

रामेंदर की रिपोर्ट

 

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