शुरुआत फेसबुक से हुई. 11 जून को उसने मेरे कुछ पोस्ट्स लाइक किए और एक-दो पर तारीफ वाले कमेंट्स भी किए. इसके बाद फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी, जो मैं आमतौर पर स्वीकार कर लेता हूं. फिर फेसबुक मैसेंजर पर ‘हैलो... हाय’ के मैसेज आने लगे. उसने मेरी उम्र और पेशे के बारे में पूछा. मुझे कुछ असामान्य लगा, लेकिन छुपाने लायक कुछ था नहीं, तो मैंने सब बता दिया.
फिर उसने एक मैसेज किया, ‘आपको बुरा न लगे तो एक बात पूछूं? मैं फेसबुक ज्यादा यूज नहीं करती, क्या हम वॉट्सऐप पर चैट कर सकते हैं?’ मेरे हां कहने से पहले ही उसने अपना नंबर भेज दिया और लिखा, ‘उम्मीद है मेरा नंबर आपके पास सुरक्षित रहेगा.’ यह पढ़कर मेरा माथा ठनका. आखिर कोई एक-दो दिन की बातचीत में ही कैसे वॉट्सऐप पर चैट करने का ऑफर दे सकता है? मैंने उसका फेसबुक प्रोफाइल चेक किया. फेसबुक पर उसने ‘अनुष्का जैन’ के नाम से प्रोफाइल बनाई थी, जिसमें उसकी डेट ऑफ बर्थ के साथ तीन तस्वीरें पोस्ट की गई थीं. तीनों तस्वीरें जून में ही शेयर हुई थीं. तस्वीरों में दिख रही लड़की पूरी मॉडल लग रही थी. मैं मीडिया से हूं, इसलिए मुझे लगा कि शायद मीडिया के लोगों से जान-पहचान बनाना चाहती होगी. मैंने भी नंबर दे दिया.
कुछ देर बाद ही उसने वॉट्सऐप पर ‘हाय’ भेजा और कहा, ‘मैं अनुष्का हूं.’ अब वॉट्सऐप पर वो हर वक्त मुझे मैसेज करती और बिल्कुल करीबी दोस्तों की तरह बातें करती. इस दौरान मैंने उससे उसके घर और काम के बारे में पूछा तो उसने बताया कि वो फैशन डिजाइनर है और छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में रहती है. उसके पिता नहीं हैं. वो अपनी मां, अंकल-आंटी और उनकी दो बेटियों के साथ रहती है. चैट के दौरान उसने मेरी तस्वीर मांगी, तो मैंने कहा, ‘फेसबुक पर मेरी कई तस्वीरें हैं, वहां देख लो.’ लेकिन उसने वॉट्सऐप पर ही शेयर करने पर जोर दिया. मैंने जैसे ही अपनी एक तस्वीर उसे भेजी, तो उसने एक साथ चार खूबसूरत तस्वीरें शेयर कीं. ये तस्वीरें उसी लड़की की थीं, जिसकी तस्वीरें अनुष्का के फेसबुक प्रोफाइल पर लगी थीं. मैंने कंफर्म करने के लिए पूछा, ‘ये तस्वीरें तुम्हारी ही हैं?’ उसने कहा, ‘हां.’ लेकिन अब तक मुझे पूरा शक हो गया था कि ये मामला इतना सीधा नहीं है. मीडिया में होने के नाते मैं साइबर फ्रॉड के कई तरीकों से वाकिफ हूं. मुझे अब मेरे वॉट्सऐप के दूसरे छोर पर अनुष्का नाम की कोई लड़की नहीं, बल्कि एक खबर दिखने लगी थी. वही खबर जो मैं यहां लिख रहा हूं.
पहले मैंने ये कंफर्म करने के लिए कि वो वाकई लड़की ही है या कोई लड़का, उसे कॉल करने के लिए कहा. कॉल का नाम सुनकर वो बहाने बनाने लगी. बोली, ‘मैं चैट में ही कंफर्टेबल हूं, कॉल नहीं कर सकती.’ लेकिन मैंने जोर दिया कि दोस्ती करनी है तो कॉल करो. फिर उसने प्रॉमिस किया कि वो कल कॉल करेगी.
अगले दिन की शुरुआत फिर ‘गुड मॉर्निंग’ मैसेज के साथ हुई. दिनभर उसके फ्रेंडली मैसेज आते रहे, जिनका मैं अपनी सहूलियत से जवाब देता गया. इस बीच मैंने उसे कॉल का याद दिलाया, तो उसने शाम को फोन करने की बात कही. मैंने शाम तक इंतजार किया. शाम को उसने वॉट्सऐप कॉल किया. आवाज तो लड़की की ही थी. करीब 6 मिनट की बातचीत के दौरान उसने मेरा हाल-चाल पूछा और अच्छा दोस्त बनने की बात कही. उसकी आवाज सुनकर ऐसा लगा जैसे वो कोई गांव की लड़की है. उसकी बोली शहरी नहीं लग रही थी, जो उसकी शेयर की गई तस्वीरों से मेल नहीं खा रही थी. जब उसने कॉल काट दी, तो थोड़ी देर बाद फिर से वॉट्सऐप चैट पर एक्टिव हो गई. ‘गुड नाइट’ कहने तक उसके मैसेज आते रहे.
अगले दिन सुबह से ही फिर उसके मैसेज आने शुरू हो गए. उसने बताया कि वो अपना खुद का बिजनेस करती है और सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक काम करती है. थोड़ी-थोड़ी देर बाद वो हाथ में चाय-कॉफी और खाने-पीने की चीजों की तस्वीरें शेयर करती और जॉइन करने के लिए कहती. इस बीच उसने मुझसे कुछ प्यार-मोहब्बत के सवाल भी किए.
चैट पर अनुष्का का ये बिहेवियर देखकर मैंने उसकी तस्वीरें गूगल कीं. सर्च रिजल्ट वही निकला, जिसका शक था. ये तस्वीरें अनुष्का जैन की नहीं, बल्कि इंस्टाग्राम पर मौजूद किसी अन्य लड़की की थीं. मैंने इंस्टाग्राम पर उस लड़की का प्रोफाइल चेक किया, तो देखा कि उसके अकाउंट पर अनुष्का के फेसबुक प्रोफाइल पर शेयर की गई तस्वीरें पहले से मौजूद हैं. अनुष्का ने जो तस्वीरें वॉट्सऐप पर शेयर की थीं, वो भी उसी इंस्टाग्राम अकाउंट पर मौजूद थीं. अब अनुष्का बनकर चैट कर रही लड़की का फ्रॉड सामने था, लेकिन चैट पर मैंने उसे ये जाहिर नहीं होने दिया. वो मुझसे लगातार दोस्ती बढ़ाने वाली बातें करती और मैं भी उसी अंदाज में जवाब देता. उसने मेरी हॉबी और पसंदीदा चीजों के बारे में पूछा. मैंने लगभग सभी सवालों का 'फ्रेंडली' जवाब दिया.

संडे को अचानक उसका एक मैसेज आया, ‘अच्छा डियर, एक गेम खेलते हैं.’ मैंने हैरान होकर पूछा, ‘क्या गेम?’ वो बोली, ‘अंत्याक्षरी.’ फिर उसने एक गाने के बोल भेजे और अपनी वॉइस में रिकॉर्ड कर भेजने को कहा. मैंने उस गाने की दो लाइनें वॉइस मैसेज कर दीं. लेकिन जब उसकी बारी आई, तो वो टाल गई. बोली, ‘मुझे गाना नहीं आता. मैं अभी फैमिली के साथ भी हूं.’ थोड़ी देर के ब्रेक के बाद फिर से उसने मैसेज किया. इधर-उधर की बातें करने लगी. लेकिन मैं अपनी बात पर अड़ा रहा. मैंने उससे फिर गाने के लिए कहा. इसे वो बार-बार 'लाफ्टर' वाले इमोजी बनाकर टालने की कोशिश करती. आखिर में, 'सॉरी' कहकर मामले को बंद करने की कोशिश की.
सोमवार, 16 जून की शुरुआत हुई. उसने रोजाना की तरह ‘गुड मॉर्निंग’ कहने के साथ मेरा हाल-चाल पूछा. मैं अभी भी उसे ये भरोसा दिलाए हुए था कि मैं उसकी सच्चाई से अनजान हूं. फिर दोपहर हुई. करीब एक बजे का वक्त था. मैं ऑफिस पहुँच गया था. इसी दौरान उसने किसी ट्रांजेक्शन से जुड़ी एक तस्वीर शेयर की और डांस करती लड़की की एक GIF इमेज भेजी. साथ में लिखा, ‘देखो डियर, आज मुझे लगभग 47 हजार रुपये का फायदा हुआ.’ मैंने तस्वीर देखते ही समझ गया कि अब वो मुझे ट्रांजेक्शन करने के लिए कहेगी. उसने जो तस्वीर शेयर की थी, वो क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन से जुड़ी थी. वो चाह रही थी कि मैं कुछ पैसे इसमें इंवेस्ट करूं और उसकी तरह प्रॉफिट कमाऊं.
उसने मुझे फोन किया और खूब मान-मनौव्वल की कि मैं भी उसकी तरह निवेश करूं, ऑफर भी दिया कि मुझे जो फायदा होगा, तो वो बढ़िया पार्टी देगी लेकिन उसकी दाल नहीं गली, तो वो बुरी तरह भड़क गई. इसके बाद वो इतनी पर्सनल हो गई कि गाली-गलौच वाली भाषा पर उतर आई. मुझ पर 'टाइम पास' करने का आरोप लगाने लगी. यही वो पल था, जब मैंने उसकी सच्चाई से पर्दा उठाने का फैसला किया और असली लड़की के इंस्टाग्राम अकाउंट पर पड़ा एक डांस वीडियो उसे वॉट्सऐप पर भेज दिया. मैंने लाफ्टर इमोजी के साथ लिखा, ‘तुम्हारा डांस वीडियो मिल गया.’ अब उसकी पोल उसके सामने ही खुल चुकी थी. मैंने उससे कहा, ‘अब अपनी रियल पिक्चर तो भेज दो.’ इसके बाद उसने एक नई तस्वीर भेजी. मैंने पूछा, ‘ये कौन है?’ उसका जवाब आया, ‘ये मैं हूं.’ इस पर मैंने उससे कहा, ‘मैं कैसे यकीन करूं कि ये तुम ही हो? वीडियो कॉल करो.’
मैंने उसकी भेजी नई तस्वीर को गूगल पर सर्च किया, तो ये किसी तीसरी लड़की की थी. जिस तस्वीर को अनुष्का जैन अपनी बता रही थी, वो दोनों फर्जी निकलीं. मैंने नई तस्वीर की सच्चाई भी अनुष्का को वॉट्सऐप पर बता दी. इसके बाद वो और भड़क गई. मैंने उससे कहा, ‘तुम्हारा गेमप्लान ओवर हो गया है. तुम किसी और की तस्वीरें लगाकर फ्रॉड कर रही हो. सच बता दो, वर्ना पुलिस आकर सच पूछेगी.’ इस पर उसका बेखौफ जवाब आया, ‘पुलिस क्या करेगी? पुलिस को आगे-पीछे रखती हूं. ओके. पुलिस की धमकी पर तो वो और बड़े बोल बोलने लगी. उसने कहा, 'जब सीएम अपने साथ है तो पुलिस क्या करेगी, ये बताओ आप तो.'‘ इसके बाद करीब दो घंटे तक वो शांत रही. रात करीब 10 बजे फिर उसका एक मैसेज आया. पूछा, ‘सो गए?’ मैंने कहा, ‘तुम हो कौन? अपना असली चेहरा तो दिखाओ.’ इसके बाद उसने आखिरी मैसेज किया, ‘चलो, सपनों में आती हूं आपके.’
अब जब मैं फेसबुक पर उसका प्रोफाइल देखता हूं तो सोचता हूं कि ना जाने वो किन-किन लोगों को इस तरह चैट के जाल में फंसाकर क्रिप्टो में उनका पैसा लगवा लेती होगी या फिर किसी दूसरी तरह से ठग लेती होगी. ये सब लिखने के पीछे भी यही लक्ष्य है कि लोग पढ़ें और इस तरह की प्यार में पगी डिजिटल धोखाधड़ी से दूर रहें.
(लेखक दीपक कुमार पालीवाल Good News Today TV में Deputy Editor हैं.)