हिंदुस्तान को दहलाने के लिए इंडियन मुजाहिदीन ने एक खतरनाक गठजोड़ की तरफ अपने कदम बढ़ा दिए हैं. उसने दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठन से हाथ मिला लिया है. इंडियन मुजाहिदीन ने अल-कायदा के साथ हाथ मिला कर आतंक का एक नया मिशन इंडिया तैयार किया है.
असदुल्लाह, उर्फ हड्डी, उर्फ हैदर, उर्फ रशीद. कई नामों वाला इस आतंकी ने जब अपनी जुबान खोली तो देश की सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ गए. देश में हुए कई बम धमाकों में शामिल इंडियन मुजाहिदीन यानी आईएम का दस लाख का इनामी ये वही प्यादा है, जिसे इसी साल 29 अगस्त को बिहार-नेपाल बॉर्डर से यासीन भटकल के साथ गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद हड्डी ने पुलिस के सामने जो कुछ उगला वो दहलाने वाला है.
आतंक के आकाओं ने हिंदुस्तान के खिलाफ चलाई जा रही नफरत की जंग का दायरा अब और भी ज्यादा फैलाने का फैसला कर लिया है. दूसरे लफ्जों में कहें तो अब तक हिंदुस्तान में नफरत और दहशत की फसल बोने का जो काम इंडियन मुजाहिदीन कर रहा था, वही काम अब आईएम की जगह सीधे अल-कायदा करने की तैयारी में है.
हड्डी ने पूछताछ में बताया है कि धमाकों से हिंदुस्तान को दहलाने वाला इंडियन मुजाहिदीन अब खुद ही अपनी पहचान से इस कदर घबरा चुका है कि वो अपना नामों-निशान मिटा देना चाहता है, लेकिन इसका मतलब ये कतई नहीं है कि अब हिंदुस्तान में आतंकवादी हमले रुकने वाले हैं, बल्कि अब यही काम सीधे अल-कायदा करना चाहता है, क्योंकि इंडियन मुजाहिदीन अब खुद ही अपनी पहचान मिटा कर अल-कायदा में शामिल होना चाहता है.
हाल के कुछ सालों में हिंदुस्तान में जब भी धमाके हुए, इंडियन मुजाहिद्दीन यानी आईएम का नाम जरूर सामने आया. साथ ही इन धमाकों में पर्दे के पीछे से आईएसआई, लश्कर-ए-तैय्यबा और जैश जैसे आतंकवादी संगठनों का हाथ होने की बात भी सामने आई. लेकिन ये पहली बार है जब अल-कायदा सीधे हिंदुस्तान को लहुलूहान करना चाहता है. हड्डी के मुताबिक हिंदुस्तानी खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों की सरगर्मी से अब आईएम को यहां खुल कर ऑपरेट करने में दिक्कत हो रही है. ऐसे में अपना नाम और अपनी पहचान बदलने के सिवाय उनके पास कोई चारा ही नहीं है.
हड्डी ने कहा है कि पिछले कुछ समय से संगठन का नाम बदलने के मसले पर भटकल बंधु समेत इंडियन मुजाहिदीन के दूसरे आला नेता लगातार मशविरा कर रहे थे. इसी के बाद कुछ वक्त पहले दुबई और शारजाह में हुई मीटिंग के दौरान ये तय हुआ कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई या फिर किसी और संगठन से नजदीकी बढ़ाने की बजाय सीधे अल-कायदा का हाथ थामा जाए. आईएम का मानना है कि अल-कायदा, आईएसआई या लश्कर-ए-तैय्यबा के मुकाबले जेहाद को लेकर कहीं ज्यादा संजीदा है.