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आखिर प्‍लेन से क्‍यों डरता है उत्तर कोरिया का शासक किम जोंग उन?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की नाक में दम कर देने वाले उत्तर कोरिया के तानाशाह मार्शल किम जोंग उन का आजकल पूरी दुनिया में मज़ाक बनाया जा रहा है. इसलिए नहीं कि उसके परमाणु बमों या मिसाइलों में कोई खोट है या उसके इरादों में कोई कमी आ गई है. बल्कि इसलिए कि बख्तरबंद ट्रेन से सफर करने वाले किम जोंग उन के पास हवाई सफर करने के लिए जो प्लेन है, वो बाबा आदम के ज़माने का है. और इतना खटारा है कि कभी भी इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ सकती है.

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किम और ट्रंप की मुलाकात पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं
किम और ट्रंप की मुलाकात पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की नाक में दम कर देने वाले उत्तर कोरिया के तानाशाह मार्शल किम जोंग उन का आजकल पूरी दुनिया में मज़ाक बनाया जा रहा है. इसलिए नहीं कि उसके परमाणु बमों या मिसाइलों में कोई खोट है या उसके इरादों में कोई कमी आ गई है. बल्कि इसलिए कि बख्तरबंद ट्रेन से सफर करने वाले किम जोंग उन के पास हवाई सफर करने के लिए जो प्लेन है, वो बाबा आदम के ज़माने का है. और इतना खटारा है कि कभी भी इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ सकती है. कुल मिलाकर किम जोंग उन का अधिकारिक विमान बिना ईंधन भराए एक बार में उत्तर कोरिया से यूरोप तक भी नहीं पहुंच सकता.

लंबी उड़ान के काबिल नहीं किम विमान

अब मई में नहीं जून में होगी किम जोंग उन और डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात. मगर किम ट्रंप से कैसे मिलेगा. उनकी मुलाकात जून के पहले हफ्ते में हो सकती है. मगर किम ट्रंप से कहां मिलेगा. क्योंकि उसका विमान तो उड़ान ही नहीं भर सकता. मुमकिन ये है कि यह बात किम को बुरी लगे. लेकिन सच तो यही है कि किम का विमान तो उड़ ही नहीं सकता. वो यूरोप तक भी नहीं जा सकता. उसके विमान को एयरफोर्स उन कहते हैं, जो शीतयुद्ध के समय का है. जानकार कहते हैं कि उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या किम ऐसे में इस विमान से उड़ान भरने का खतरा उठाएगा.

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परमाणु निरस्त्रीकरण के मुद्दे पर होनी है मुलाकात

उत्तर कोरिया के अधिकारियों ने अपने अमेरिकी समकक्षों को परमाणु निरस्त्रीकरण के मुद्दे पर अहम जानकारी दी है. अधिकारियों ने बताया कि उनके नेता किम जोंग उन, अमेरिका के साथ परमाणु निरस्त्रीकरण पर बातचीत करने को तैयार है. एक रिपोर्ट में उक्त दावा किया गया है कि उत्तर कोरिया का यह आश्वासन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके नेता के बीच बैठक का मार्ग प्रशस्त करेगा.

अमेरिका ने किया बातचीत का ऐलान

बता दें, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार चुंग यी योंग द्वारा अमेरिका तक वार्ता प्रस्ताव पहुंचाने के बाद यह पहला मौका है जब उत्तर कोरिया ने सीधे अपना संदेश वॉशिंगटन तक पहुंचाया है. ट्रंप प्रशासन के एक अधिकारी ने 'द वॉल स्ट्रीट जनरल' और 'वॉशिंगटन पोस्ट' से कहा, 'अमेरिका ने यह पुष्टि की है कि किम जोंग उन कोरियाई प्रायद्वीप में परमाणु निरस्त्रीकरण के मुद्दे पर बातचीत को तैयार हैं.'

ऐसा हुआ था बातचीत का ऐलान

वॉशिंगटन ने पिछले महीने ट्रंप और किम जोंग उन के बीच ऐतिहासिक वार्ता के लिए 'हां' भर कर पर्यवेक्षकों को चौंका दिया था. फिलहाल, वार्ता की तारीख और जगह की घोषणा नहीं की गई है.

दबाव में था किम

दरअसल, मार्च में मिली जानकारी के मुताबिक बताया गया था कि डोनाल्ड ट्रंप ने किम जोंग उन के मिलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. लिहाजा दुनिया के दो ताकतवर नेता जून में मुलाकात कर सकते हैं. पिछले काफी समय से अमेरिका ने नॉर्थ कोरिया पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए थे. जिसके कारण उत्तर कोरिया दबाव में था.

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बता दें कि लगातार परमाणु मिसाइलों के प्रक्षेपण और अमेरिका को धमकियां देने वाले किम जोंग उन इस बात को राजी हो गए थे कि वह प्रक्षेपण करना बंद कर देंगे.

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