scorecardresearch
 

नोटबंदी के एक साल: नीलेकणी बोले- लेसकैश इकॉनोमी बनने के सफर में यह अहम

नोटबंदी के एक साल पूरे होने के मौके पर एक ओर जहां देश के सियासी दल विरोध और समर्थन के दो खेमों में बंटे हैं, वहीं इंफोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणि ने मोदी सरकार के इस कदम की सराहना की है और इसे लेस कैस इकॉनोमी बनने के भारत के सफर में एक अहम क्षण करार दिया है.

Advertisement
X
इंफोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणि
इंफोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणि

नोटबंदी के एक साल पूरे होने के मौके पर एक ओर जहां देश के सियासी दल विरोध और समर्थन के दो खेमों में बंटे हैं, वहीं इंफोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणि ने मोदी सरकार के इस कदम की सराहना की है और इसे लेस कैस इकॉनोमी बनने के भारत के सफर में एक अहम क्षण करार दिया है.

सूचना प्रौद्योगिकी के इस दिग्गज ने एक अंग्रेजी अखबार में लिखे में अपने लेख में कहा है, 'गरीबी मिटाने के लिए अहम मानी गई वित्तीय समावेश और सस्ते कर्ज तक पहुंच के लिए दुनिया भर में डिजिटाइजेशन और कैशलेस पेमेंट को पहला कदम माना गया है.'

उन्होंने लिखा है कि भारत डिजिटल पेमेंट के मामले में भारत इसकी समस्या समझता है और एक वक्त इसका हल तलाशने में दुनिया भर में सबसे आगे था, लेकिन यह राजनीतिक दलों की प्राथमिकता में नहीं था. हालांकि नोटबंदी और उसके बाद नकद का विकल्प तलाशने की तात्कालिकता ने डिजिटाइजेशन और कैशलेस पेमेंट पर सरकार का ध्यान केंद्रित किया.

Advertisement

वह लिखते हैं, 'अचानक सरकार के मंत्री और नौकरशाह पूछने लगे कि कैशलेस पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए वे क्या कर सकते हैं और इसके बाद जिन कदमों को पूरा करने में वर्षों लग जाते उन्हें चंद हफ्तों में पूरा कर लिया गया.'

अपने लेख में नीलेकणी ने आंध्र प्रदेश का उदाहरण भी दिया है, जहां मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के तरीके सुझाने के लिए पिछले साल दिसंबर महीने में 13 सदस्यीय एक समिति गठित की. उस समिति ने बस छह हफ्तों में अपनी सिफरिशें पेश की और उनमें से ज्यादातर को बेहद तेजी से लागू भी कर दिया गया.

इसमें उन्होंने लिखा है,  'डिजिटल पेमेंट्स तो बस पहला कदम है. अब लोग इसके जरिये आसानी से पैसों का लेनदेन कर सकते हैं. हम अब इन लोगों के लिए नई सेवाएं और उत्पाद विकसित होते देखेंगे.'

इसके साथ ही उन्होंने लिखा है कि 8 नवंबर, 2016 हमारी यादों में ऐसे दिन की तरह जुड़ गया, जहां हम कैशलेस की तरफ बढ़ गए, लेकिन यह बस शुरुआत था. डिजीटाइजेशन हमेशा से एक लंबी प्रक्रिया रही है, और हमें अब भी लंबा सफर तय करना है, लेकिन नोटबंदी लेसकैश इकॉनोमी की तरफ बढ़ने के भारत के सफर में यह एक अहम कदम था.

Advertisement

बता दें कि पीएम मोदी ने पिछले साल 8 नवंबर को ही 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को अमान्य घोषित किया था. इस नोटबंदी के एक साल पूरे होने पर बीजेपी आज जहां देश भर में 'काला धन विरोधी दिवस' मनाने वाली है. कई केंद्रीय मंत्रियों सहित बीजेपी के वरिष्ठ नेता देश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर नोटबंदी के 'फायदे' गिनाएंगे. वहीं कांग्रेस की अगुवाई में कई विपक्षी दल इसे 'काला दिन' के तौर पर मनाएगी. नोटबंदी को 'जन विरोधी' करार देते हुए कांग्रेस और कई विपक्षी पार्टियां देश भर में इसके खिलाफ प्रदर्शन करेंगी.

Advertisement
Advertisement