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रियल एस्टेट सेक्टर में सुस्ती, कई बड़े शहरों में घरों की बिक्री में कमी

दिल्ली-एनसीआर में 14 फीसदी और कोलकाता में 23 फीसदी की गिरावट देखी गई है. सिर्फ चेन्नई में हाउसिंग सेल्स में वृद्धि हुई है जिसका कारण वहां की स्थिर अर्थव्यवस्था और किफायती आवास की उपलब्धता को माना जा रहा है.

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घरों की बिक्री क्यों हुई कम?((Photo: AI-generated)
घरों की बिक्री क्यों हुई कम?((Photo: AI-generated)

साल के 6 महीने बीत गए हैं, रियल एस्टेट मार्केट 2025 की दूसरी तिमाही में अच्छा संकेत नहीं दे रहा है.  इस पीरियड में हाउसिंग सेल्स में गिरावट देखी गई है. Anarock Research की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2024 की तुलना में इस बार घर कि बिक्री में गिरावट आई है. चेन्नई इकलौता ऐसा शहर हैं, जहां इस दौरान घरों की सेल बढ़ी है.  

रिपोर्ट में कहा गया है कि पुणे और हैदराबाद में हाउसिंग डिमांड में सबसे ज्यादा गिरावट आई है. यहां करीब 27 फीसदी तक सेल घट गई है. वहीं मुंबई मेट्रो पॉलिटन एरिया में 25 फीसदी तक सेल कम हुई है. दिल्ली-एनसीआर में 14 फीसदी और कोलकाता में 23 फीसदी की गिरावट देखी गई है. सिर्फ चेन्नई में हाउसिंग सेल्स में वृद्धि हुई है जिसका कारण वहां की स्थिर अर्थव्यवस्था और किफायती आवास की उपलब्धता को माना जा रहा है. चेन्नई में मध्यम वर्ग के लिए कई प्रोजेक्ट्स अभी भी सस्ती कीमतों पर उपलब्ध हैं, और IT सेक्टर की मजबूत मौजूदगी ने खरीदारों का भरोसा बनाए रखा है. इसके अलावा, चेन्नई में डेवलपर्स ने मध्यम और प्रीमियम दोनों सेगमेंट्स पर संतुलित ध्यान दिया है, जिससे बिक्री को बढ़ावा मिला है.

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बढ़ती कीमतें और मध्यम वर्ग की चुनौतियां

पिछले कुछ सालों में घरों की कीमतों में 11% तक की वृद्धि हुई है, जिसने मध्यम वर्ग के लिए घर खरीदने को और मुश्किल बना दिया है. कच्चे माल और श्रम की लागत में वृद्धि ने डेवलपर्स को कीमतें बढ़ाने के लिए मजबूर किया है. इसके साथ ही, बढ़ती महंगाई ने मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति को कम किया है, जिससे किफायती आवास अब एक दूर का सपना बनता जा रहा है.

लग्जरी घरों की सेल बढ़ी

हालांकि, एक करोड़ रुपये से अधिक कीमत वाले लग्जरी घरों की बिक्री में वृद्धि देखी गई है. कोविड के बाद से इस सेगमेंट में लगातार डिमांड बढ़ रही है. पहले जहां एक करोड़ से अधिक कीमत वाले घर कम बिकते थे, वहीं अब बिल्डर्स इस सेगमेंट पर अधिक ध्यान दे रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि किफायती आवास की आपूर्ति में कमी आ रही है, क्योंकि डेवलपर्स अब प्रीमियम और लग्जरी प्रोजेक्ट्स पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं.

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