डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने भारत पर 50% टैरिफ लगाकर भले ही झटका दिया हो, लेकिन इसका बहुत ज्यादा असर इंडियन इकोनॉमी (Indian Economy) पर देखने को नहीं मिला, इसकी बड़ी वजह है मोदी सरकार की स्ट्रेटजी. इसके चलते ट्रंप टैरिफ-टैरिफ खेलते रहे और भारत ने पूरा गेम ही पलटकर रख दिया. भारत एक के बाद एक कई देशों से जीरो टैरिफ डील (Zero Tariff Deal) करता जा रहा है. बीते दिनों न्यूजीलैंड और ओमान से समझौता करने के बाद अब India-Australia Trade Pact में नया मोड़ आया है. दोनों देशों के बीच बनी सहमति के बाद 1 जनवरी 2026 ऑस्ट्रेलिया सभी भारतीय निर्यात को टैरिफ फ्री कर देगा.
100% सामान अब Tariff Free
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते के 3 साल पूरे होने पर ये बड़ी खबर शेयर की. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर (अब X) पर एक पोस्ट के जरिए बताया कि 1 जनवरी 2026 से ऑस्ट्रेलिया भारतीय निर्यात के लिए अपनी सभी टैरिफ लाइनों को जीरो (Zero Tariff) कर देगा. इसका मतलब साफ है कि पहली तारीख से भारत से ऑस्ट्रेलिया जाने वालीं 100% वस्तुओं पर कोई भी टैरिफ नहीं लगेगा.
As we mark the 3rd anniversary of the India-Australia Economic Cooperation & Trade Agreement (Ind-Aus ECTA), we celebrate a partnership that has translated intent into impact.
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) December 29, 2025
Over the past three years, the Agreement has delivered sustained export growth, deeper market access,… pic.twitter.com/uV6ILiOdq2
भारत का जलवा, ट्रंप टैरिफ धुआं-धुआं
India-Australia के बीच 20 दिसंबर 2022 को किए गए इस व्यापार समझौते को 'अर्ली हार्वेस्ट' डील भी कहा जाता है और बीते कारोबारी दिन सोमवार को इसे तीन साल पूरा हो गए हैं. इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया ने बड़ा कदम उठाते हुए सभी भारतीय सामानों को पूरी तरह ड्यूटी-फ्री करने का फैसला ले लिया. ये खबर अमेरिका के साथ भारत के व्यापारिक तनाव और ट्रंप के भारतीय निर्यात पर 50% टैरिफ के बीच बड़ी राहत लेकर आई है. दुनिया के बड़े बाजारों में भारत के लिए ड्यूटी फ्री एक्सेस देखकर ट्रंप का टैरिफ धुआं-धुआं होता नजर आ रहा है.
इन सेक्टर्स को होगा तगड़ा फायदा
रिपोर्ट के मुताबिक FY2024-25 में भारत का ऑस्ट्रेलिया को निर्यात (India Export To Australia) में आठ फीसदी से ज्यादा उछाल आया है. ये इस बात का उदाहरण है कि दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्ते और भी मजबूत हुए हैं. ऑस्ट्रेलिया के साथ ट्रेड में बीते वित्तीय वर्ष में मैन्युफैक्चरिंग, केमिकल्स, टेक्सटाइल से लेकर फार्मा, पेट्रोलियम और जेम्स एंड ज्वेलरी सेक्टर्स के निर्यात में जोरदार तेजी आई है. अब 100% भारतीय सामानों को Duty Free करने से खासतौर पर लेबर-बेस्ड टेक्सटाइल, लेदर, जेम्स-ज्वेलरी और प्रोसेस्ड फूड सेक्टर को तगड़ा फायदा मिल सकता है. बता दें कि अप्रैल से नवंबर 2025 के दौरान जेम्स एंड ज्वेलरी के निर्यात में 16% की बढ़ोतरी हुई है.

न्यूजीलैंड से हुआ है FTA फाइनल
ऑस्ट्रेलिया के साथ व्यापार समझौते में इस बड़े ऐलान से पहले हाल ही में भारत ने न्यूजीलैंड के साथ डील फाइनल की थी. India-New Zeeland ने 22 दिसंबर 2025 को महत्वाकांक्षी मुक्त व्यापार समझौता (FTA) को अंतिम रूप दिया था, जिसके तहत न्यूजीलैंड के 95% निर्यात पर भारत में आयात शुल्क (टैरिफ) को या तो पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा, या काफी कम हो जाएगा.
खास बात ये है कि ये डील महज 9 महीने में पूरी हो गई. भारत और न्यूजीलैंड ने मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को ऐतिहासिक करार दिया. इसके तहत न्यूजीलैंड ने अगले 15 वर्षों के दौरान भारत में 20 अरब डॉलर के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की प्रतिबद्धता जताई. भारत का न्यूजीलैंड से आयात (साल 2024) में करीब 507 मिलियन डॉलर का था, जबकि भारत ने इस दौरान न्यूजीलैंड को करीब 617 मिलियन डॉलर का निर्यात किया था.

Oman के साथ भी समझौता
इससे पहले भारत और ओमान के बीच एक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (India-Oman CEPA) पर साइन किए गए थे. इसके तहत ओमान भारत को अपनी 98.08% टैरिफ लाइनों तक टैरिफ फ्री (Tariff Free) पहुंच प्रदान करेगा. इसमें भारत द्वारा ओमान को निर्यात की जाने वाली 99.38% वस्तुएं शामिल है. वहीं दूसरी ओर भारत ने अपनी कुल टैरिफ लाइन में से 77.79% पर शुल्क में राहत की पेशकश की है, जो ओमान से आयात होने वाले 94.81% सामान को कवर करती है.
भारत के साथ मुस्लिम देश की ये डील 2006 में अमेरिका के साथ किए गए समझौते के बाद पहला द्विपक्षीय करार है. दोनों देशों के बीच व्यापार के आंकड़े देखें, तो FY2024-25 में भारत और ओमान के बीच व्यापार (India-Oman Trade) 10.61 अरब डॉलर रहा था. इसमें भारत ने ओमान को 4.06 अरब डॉलर (करीब 36634 करोड़ रुपये से ज्यादा) मूल्य का माल निर्यात, जबकि ओमान से 6.5 अरब डॉलर (करीब 58,650 करोड़ रुपये से ज्यादा) मूल्य का सामान आयात किया था.