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बैन के बाद तकरार: डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ कोर्ट जाने की तैयारी में TikTok

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ​TikTok पर बैन लगाते हुए उसे 90 दिन के भीतर अपना कारोबार बेचने या अमेरिका से बाहर निकल जाने को कहा है. हालांकि, टिकटॉक एक दूसरे आदेश के मामले में कोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है.

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 कोर्ट जाने की तैयारी कर रहा टिकटॉक
कोर्ट जाने की तैयारी कर रहा टिकटॉक
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ट्रंप के आदेश को कोर्ट में चुनौती की तैयारी
  • कोर्ट का रुख करेगा चाइनीज ऐप टिकटॉक
  • तीन महीने में कारोबार समेटने का आदेश

चीनी कंपनी बाइटडांस के स्वामित्व वाला ऐप  TikTok अब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के आदेश को कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रहा है. ट्रंप प्रशासन ने ​TikTok पर बैन लगाते हुए उसे 90 दिन के भीतर अपना कारोबार बेचने को कहा है. हालांकि, टिकटॉक एक दूसरे आदेश के मामले में कोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है. 


न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक TikTok सोमवार को ही इसके लिए कोर्ट में जा सकता है. बाइटडांस टिकटॉक के अमेरिकी कारोबार को बेचने के लिए अमेरिकी कंपनियों माइक्रोसॉफ्ट और oracle  से बातचीत भी कर रहा है. 

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क्या था ट्रंप प्रशासन का आदेश 
ट्रंप प्रशासन ने गत 14 अगस्त को एक आदेश जारी कर चीनी कंपनी ByteDance से कहा था कि वह 90 दिन के भीतर टिकटॉक के अमेरिकी कारोबार को बेच दे. इसके बाद बाइटडांस की माइक्रोसॉफ्ट और oracle से संभावित बिक्री को लेकर बातचीत हो रही है. इस दौड़ में बाइटडांस के कुछ अमेरिकी निवेशक भी शामिल हो सकते हैं. 


किस मामले में टिकटॉक जाएगा कोर्ट 
हालांकि सूत्रों के अनुसार, टिकटॉक राष्ट्रपति ट्रंप के 6 अगस्त के आदेश को चुनौती देने की तैयारी कर रहा है. इस आदेश के द्वारा अमेरिकी वाणिज्य मंत्री को यह आदेश दिया गया था कि वह बाइटडांस और उसकी होल्डिंग कंपनियों के लेनदेन की एक सूची बनाएं जिन पर 45 दिन के बाद रोक लगाई जा सके. 

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क्या है टिकटॉक का तर्क 
टिकटॉक का तर्क है कि 6 अगस्त का यह आदेश उसको वाजिब प्रक्रिया से वंचित करता है. सूत्रों के अनुसार टिकटॉक अमेरिकी राष्ट्रपति प्रशासन से इस बात पर भी सफाई मांगेगा कि वह अमेरिकी सुरक्षा के लिए किस तरह से खतरा है. हालांकि, यह साफ नहीं है कि टिकटॉक यह केस दर्ज करने के लिए कौन से कोर्ट में जाएगा, लेकिन वह सभी विकल्पों पर विचार कर रहा है और उसके कर्मचारी भी अलग से केस दर्ज करने की तैयारी कर रहे हैं. 


गौरतलब है कि अमेरिकी प्रशासन ने यह आशंका जाहिर की थी कि टिकटॉक के द्वारा लोगों की गोपनीय जान​कारियां चीन के कम्युनिस्ट सरकार तक पहुंचाई जा रही हैं. निजता और सुरक्षा का हवाला देकर भारत में भी टिकटॉक को बैन किया जा चुका है. 

 

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