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Adani Vs Hindenburg: 24 जनवरी को हिंडनबर्ग ने फोड़ा था 'बम', एक महीने में अर्श से फर्श पर पहुंचे अडानी!

23 जनवरी तक गौतम अडानी की नेटवर्थ करीब 121 अरब डॉलर पर थी, लेकिन इसके अगले ही दिन ऐसा बम फूटा कि उसके विस्फोट की आंच में अब तक पूरा अडानी साम्राज्य झुलस रहा है. Gautam Adani की नेटवर्थ अब गिरते-गिरते 41.5 अरब डॉलर रह गई है. यही नहीं अडानी ग्रुप का मार्केट कैप 100 अरब डॉलर के नीचे पहुंच गया है.

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हिंडनबर्ग के भंवर में फंसकर अडानी साम्राज्य एक महीने में कितना बदला?
हिंडनबर्ग के भंवर में फंसकर अडानी साम्राज्य एक महीने में कितना बदला?

आज 24 फरवरी है... ये तारीख किसी के लिए खास हो न हो, लेकिन भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी (Gautam Adani) के लिए जीवनभर की याद है. दरअसल, ठीक एक महीने पहले इसी तारीख को अडानी ग्रुप (Adani Group) के बुरे दिनों की शुरुआत तब हो गई थी, जब अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) ने ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की थी. इस रिपोर्ट में शेयरों की हेरा-फेरी से लेकर ग्रुप पर कर्ज के बारे में कई बड़े खुलासे किए गए थे. इसका कहर ऐसा शुरू हुआ कि अब तक जारी है. अडानी की कंपनियों के शेयर धराशायी हो गए और अरबपतियों की लिस्ट (Billionaires List) में गौतम अडानी टॉप-4 से लुढ़ककर 29वें पायदान पर पहुंच गए. 

बीते साल अडानी ने किया था कमाल
सबसे पहले बात करते हैं रिपोर्ट पब्लिश होने से पहले Gautam Adani के दबदबे की, तो बता दें बीते साल दुनिया के तमाम अमीरों की तुलना में अडानी एक मात्र ऐसे अरबपति थे, जिन्होंने ताबड़तोड़ कमाई की थी. उन्होंने एलन मस्क, जेफ बेजोस से लेकर मुकेश अंबानी तक सभी को पीछे छोड़ते हुए सालभर में ही अपनी संपत्ति में 40 अरब डॉलर जोड़े थे. यही नहीं वे टॉप-10 अरबपतियों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर पहुंच गए थे, हालांकि एक दिन बाद ही वे चौथे पायदान पर पहुंच गए. उन्होंने नए साल की शुरुआत में भी अपनी सीट पर कब्जा जमाए रखा था, लेकिन साल 2023 उनके लिए अब तक का सबसे बुरा साल साबित हो रहा है. 

2023 आखिर क्यों साबित हो रहा बुरा? 
सितंबर 2022 में गौतम अडानी की नेटवर्थ तेजी से बढ़ते हुए 150 अरब डॉलर पर जा पहुंची थी, जो साल के अंत तक इसी दायरे के आसपास रही थी. दिसंबर 2022 में उनकी कुल संपत्ति 138.1 अरब डॉलर दर्ज की गई थी. हालांकि, साल की शुरुआत में दूसरे अरबपतियों के साथ उन्हें भी मामूली उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा. 23 जनवरी तक गौतम अडानी की नेटवर्थ करीब 121 अरब डॉलर पर थी, लेकिन इसके अगले ही दिन ऐसा बम फूटा कि उसके विस्फोट की आंच में अब तक पूरा अडानी साम्राज्य झुलस रहा है. इस रिपोर्ट के असर के चलते अडानी को अपना 20000 करोड़ रुपये का फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) तक वापस लेना पड़ा.

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दरअसल, यूनिवर्सिटी ऑफ कनेक्टिकट से ग्रेजुएट नाथन एंडरसन की शॉर्ट सेलर कंपनी Hindenburg ने 24 जनवरी 2023 को अडानी ग्रुप को लेकर एक रिसर्च रिपोर्ट जारी की थी. फॉरेंसिक फाइनेशियल रिसर्च फर्म की इस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप को लेकर 88 सवाल उठाए गए थे. इसमें दावा किया गया कि अडानी ग्रुप की शेयर बाजार में लिस्टेड 7 प्रमुख कंपनियां 85 फीसदी से अधिक ओवरवैल्यूज हैं. यानी साफ शब्दों में कहें तो इसमें आरोप लगाया गया कि अडानी ग्रुप के शेयरों के भाव असली कीमत से 85% अधिक हैं. 

एक उदाहरण के तौर पर समझें को रिपोर्ट के मुताबिक, Adani Group की किसी कंपनी के शेयर की वैल्यू अगर 1000 रुपये है और कहा जाए कि यह शेयर 85% ओवरवैल्यूड है, तो फिर इस हिसाब से इस स्टॉक का असली भाव महज 150 रुपये ही होता है. इसके अलावा इसमें अडानी ग्रुप पर भारी-भरकम कर्ज को लेकर भी गंभीर आरोप लगाए गए थे. 

हिंडनबर्ग आखिर क्या बला है?
महज 9 लोगों की ये कंपनी, सिर्फ अडानी ही नहीं बल्कि ट्विटर समेत अब तक 16 बड़े कारोबारी समूहों को लेकर अपनी रिसर्च रिपोर्ट पेश कर चुकी है. दरअसल, 2017 में शुरू की गई इस अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग का कॉर्पोरेट सेक्टर में गलत कामों को खोजने और कंपनियों के खिलाफ दांव लगाने का ट्रैक-रिकॉर्ड है. दांव लगाने से मतलब 'शॉर्ट सेलिंग' है. फोरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च फर्म इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव का विश्लेषण करती है. 

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एक महीने में अडानी के शेयर धराशायी
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से हो रहे विपरीत असर के चलते अडानी ग्रुप ने तुरंत ही 29 जनवरी को एक 400 पन्नों जवाब जारी कर रिपोर्ट में लगाए गए सभी आरोपों को निराधार बताया था और कानूनी लड़ाई लड़ने की बात कही थी. लेकिन ग्रुप का स्टेटमेंट भी निवेशकों के सेंटिमेंट पर कोई असर नहीं डाल सका. बीते एक महीने में अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में ऐसी सुनामी देखने को मिली की स्टॉक्स की वैल्यू 85 फीसदी तक गिर गई. 24 जनवरी को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पब्लिश होने के बाद का अडानी ग्रुप का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन 100 अरब डॉलर के नीचे पहुंच चुका है और इसमें अब तक 133 अरब डॉलर से ज्यादा की कमी आ चुकी है. 

इस साल गवांई 79 अरब डॉलर नेटवर्थ
हिंडनबर्ग के भंवर में फंसे गौतम अडानी के नाम जहां पिछले साल सबसे ज्यादा कमाई करने का रिकॉर्ड था, तो वहीं इस साल अब तक सबसे ज्यादा दौलत गंवाने में उन्होंने सभी को पीछे छोड़ दिया है. जनवरी 2023 की शुरुआत से अब तक गौतम अडानी की नेटवर्थ में 79 अरब डॉलर की कमी आ चुकी है और उनकी कुल संपत्ति घटकर महज 41.5 अरब डॉलर रह गई है. हर रोज उन्हें करीब 5 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ रहा है. 

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तीन बड़ी डील्स हाथ से निकली
अडानी के शेयरों में आई सुनामी के चलते ग्रुप की ज्यादातर कंपनियों का मार्केट कैप बुरी तरह गिरा है. Adani Group की साख पर पड़े असर की बात करें तो इस एक महीने में बेशुमार दौलत गवांने के साथ ही गौतम अडानी के हाथ से तीन बड़ी डील्स भी निकल गई हैं. पहले अडानी पावर और DB Power के बीच हुआ 7000 करोड़ रुपये का सौदा टूटा, तो उसके ठीक बाद PTC India में हिस्सेदारी के लिए बोली लगाने के प्लान को अडानी ग्रुप ने कैंसिल कर दिया. बुधवार को ओरियंट सीमेंट के अधिग्रहण की डील भी ठंडे बस्ते में चली गई. 

 

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