नीट पेपर लीक कांड के मास्टर माइंड संजीव मुखिया की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. हालांकि संजीव मुखिया अबतक सीबीआई समेत अन्य जांच एजेंसियों की पकड़ से बाहर है लेकिन अब बड़ी कार्रवाई करते हुए बिहार की आर्थिक अपराध ईकाई यानी EOU ने उसके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति यानी डीए का केस दर्ज कर लिया है.
जांच एजेंसी EOU ने पाया है कि संजीव मुखिया पास आय से 144 फीसदी ज्यादा यानी तकरीबन 1 करोड़ 75 लाख की चल और अचल संपत्ति है. आपको बता दें कि संजीव मुखिया पर बिहार में सिपाही बहाली परीक्षा, शिक्षक बहाली परीक्षा के साथ–साथ नीट यूजी का पेपर लीक कराने का भी आरोप है. इतना ही नहीं मुखिया ने झारखंड समेत अन्य राज्यों में अपने नेटवर्क के जरिए पेपर लीक कराकर करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है.
बेटा है जेल में बंद
मास्टर माइंड संजीव मुखिया नालंदा जिले का रहने वाला है. उसका पैतृक घर नालंदा के नगरनौसा थाना के यारपुर भलवा गांव में है. संजीव मुखिया कृषि कॉलेज में नौकरी भी करता है. उसकी नियुक्ति नंवबर 2011 में सबोर कृषि विवि भागलपुर में तकनीकी सहायक के पद पर हुई थी. फिलहाल संजीव मुखिया नालंदा उद्यान महाविद्यालय, नगरनौसा में तकनीकी सहायक के पद पर तैनात है. संजीव मुखिया की मां यशोदा देवी नर्स रह चुकी हैं और अब वे सेवानिवृत हैं.
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फरार चल रहा है संजीव मुखिया
मुखिया के पिता जनककिशोर प्रसाद किसान हैं, जबकि उसकी पत्नी ममता देवी राजनीति में हाथ आजमा रही है. ममता देवी विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुकी हैं. आपको बता दें कि संजीव मुखिया पर पहले से सीबीआई ने पेपर लीक करने का केस दर्ज कर रखा है जबकि ईडी ने पीएमएलए का केस दर्ज किया हुआ है. संजीव मुखिया पर भले ही एक के बाद एक नए मामले दर्ज हो रहें लेकिन वो अबतक किसी एजेंसी के हत्थे नहीं चढ़ा है. संजीव का बेटा शिव कुमार उर्फ डॉ. शिवकुमार पेपर लीक के एक मामले में जेल के अंदर है.
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संजीव का बेटा डॉ. शिवकुमार भी उसके नेटवर्क का हिस्सा है. जांच एजेंसी ने पाया है कि संजीव मुखिया की पत्नी और उसके बेटे अलग अलग बैंकों में नया खाता खोलते हैं फिर उन खातों से लेनदेन करने के बाद दो-तीन साल में बंद भी कर देते हैं. जानकारी के मुताबिक ये शातिर पेपर लीक करने के बाद छात्रों और उनके अभिभावकों से रकम इन्हीं खाते में लेने के बाद निकाल लेते थे और फिर उन खातों को बंद करा देते थे. डीए का केस दर्ज होने से संजीव मुखिया और उसके परिवार की मुसीबत और बढ़ेगी.