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Ola-Uber और Rapido को इस राज्य ने बताया गैरकानूनी, तीन दिन में सर्विस बंद करने का दिया आदेश

कर्नाटक सरकार ने कैब सेवाएं मुहैया कराने वाली एप बेस्ड दिग्गज कंपनियों Ola, Uber और Rapido को अवैध करार दिया है. सरकार की ओर से जारी नियमों का उल्लंघन करने के मामले में सरकार ने इन्हें 3 दिन के भीतर ऑटो सेवाएं रोकने के लिए कहा है.

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कैब कंपनियों पर कर्नाटक सरकार सख्त
कैब कंपनियों पर कर्नाटक सरकार सख्त

ऐप आधारित कैब कंपनियों ओला (Ola), उबर (Uber) और रैपिडो (Rapido) को एक बड़ा झटका लगा है. दरअसल, उन्हें तीन दिनों के भीतर कर्नाटक (Karnataka) में अपनी ऑटो सेवाएं बंद करनी होंगी. राज्य सरकार ने इन कैब कंपनियों को अवैध घोषित करते हुए ये बड़ा आदेश दिया है. 

सरकार ने दिया 3 दिन का समय
कर्नाटक सरकार के फैसले के बाद परिवहन विभाग (Karnataka Transport Dept.) की ओर से इन तीनों कैब सर्विस देने वाली कंपनियों को नोटिस भेजा गया है. इसमें विभाग द्वारा उन्हें अगले तीन दिनों के भीतर कर्नाटक में अपनी ऑटो सेवाएं बंद करने के लिए निर्देशित किया गया है. इन कैब कंपनियों के खिलाफ लगातार मिल रही शिकायकों का संज्ञान लेते हुए सरकार ने इन पर ये एक्शन लिया है. 

यात्रियों की शिकायत पर एक्शन
रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक में ओला, उबर और रैपिडो में यात्रा करने वाले यात्रियों ने राज्य सरकार से शिकायत की थी कि दो किलोमीटर से कम दूरी होने पर भी कंपनियां न्यूनतम 100 रुपये का किराया वसूलती हैं. जबकि सरकार के नियमों के मुताबिक, ऑटो चालक पहले 2 किमी के लिए 30 रुपये और उसके बाद 15 रुपये प्रति किमी के हिसाब से चार्ज कर सकते हैं. 

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आदेश ना मानना पड़ेगा महंगा
दरअसल, कई यात्रियों ने इन प्लेटफार्मों के तहत चलने वाले ऑटोरिक्शा द्वारा सर्ज प्राइसिंग की शिकायत करते हुए कहा था कि इन कैब कंपनियों के ऐप के चलते ऑटोरिक्शा का किराया भी बढ़ गया है. इन सभी शिकायतों के मिलने के बाद गुरुवार को कर्नाटक सरकार ने इन कैब एग्रीगेटर को नोटिस जारी किया है. परिवाह विभाग ने सख्ती दिखाते हुए यह भी कहा है कि अगर कैब एग्रीगेटर्स और वाहन मालिकों को सरकारी आदेश का उल्लंघन करते पाया गया तो उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा.

कैब कंपनियां तोड़ रहीं नियम
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य पुलिस के अधिकारियों ने यह भी कहा कि ये कंपनियां ऑटो-रिक्शा चलाने के लिए योग्य नहीं हैं क्योंकि नियम केवल टैक्सियों के लिए उपलब्ध हैं. इसके अलावा ये कैब कंपनियां राज्य में सरकारी दिशा-निर्देशों की धज्जियां उड़ाते हुए ऑटो सेवाएं दे रही हैं और ग्राहकों से मनमाने तरीके से तय दरों से ज्यादा चार्ज लिया जा रहा है.
 


 

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