'नफीसा' का आशिक, 'गजवा-ए-हिंद' का सिपाही... हनीट्रैप में फंसे ISI जासूस से ATS की पूछताछ में बड़े खुलासे

तुफैल नफीसा को वाराणसी, दिल्ली और अन्य संवेदनशील जगहों की तस्वीरें और वीडियो भेजता था. उसने नफीसा के कहने पर अपने मोबाइल की जीपीएस लोकेशन भी ऑन कर दी थी, जिससे हर तस्वीर के साथ सटीक लोकेशन की जानकारी भी पाकिस्तान पहुंच रही थी.

Advertisement
आरोपी तुफैल और हारून आरोपी तुफैल और हारून

संतोष शर्मा

  • लखनऊ,
  • 24 मई 2025,
  • अपडेटेड 12:18 PM IST

वाराणसी से पकड़े गए आईएसआई एजेंट तुफैल की शुरुआती पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं. तुफैल, जो खुद को गजवा-ए-हिंद और हदीस के लिए लड़ने वाला सिपाही बताता था. वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के हनी ट्रैप में पूरी तरह फंस चुका था.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, तुफैल फैसलाबाद की एक महिला 'नफीसा' के संपर्क में था, जो ISI की बड़ी हैंडलर बताई जा रही है. नफीसा ने तुफैल को अपना असली नाम तक नहीं बताया था. नफीसा उससे कहती थी कि जहां भी जाया करो, वहां से मुझे अपनी फोटो भेजा करो. तुमको दिन में जितनी बार देखती हूं, मन नहीं भरता.

Advertisement

नफीसा के कहने पर ऑन कर रखी थी जीपीएस लोकेशन

तुफैल नफीसा को वाराणसी, दिल्ली और अन्य संवेदनशील जगहों की तस्वीरें और वीडियो भेजता था. उसने नफीसा के कहने पर अपने मोबाइल की जीपीएस लोकेशन भी ऑन कर दी थी, जिससे हर तस्वीर के साथ सटीक लोकेशन की जानकारी भी पाकिस्तान पहुंच रही थी.

पांच साल पहले एक मजलिस के दौरान तुफैल पाकिस्तान के कट्टरपंथी संगठन 'तहरीक-ए-लब्बैक' से जुड़े मौलाना शाह रिजवी के संपर्क में आया था. उसके बाद उसने यूपी के कन्नौज, हैदराबाद और पंजाब में मजलिस के नाम पर कई कट्टरपंथी बैठकों में हिस्सा लिया.

19 व्हाट्सएप ग्रुप चलाता था तुफैल

तुफैल के मोबाइल से पाकिस्तान के 800 से ज्यादा मोबाइल नंबर मिले हैं. वह 19 व्हाट्सएप ग्रुप चलाता था, जिनमें सबसे ज्यादा सदस्य वाराणसी और आजमगढ़ से थे. इन ग्रुपों के जरिए वह मौलाना साद के कट्टरपंथी वीडियो फैलाता और युवाओं को 'गजवा-ए-हिंद' की मुहिम से जोड़ता था.

Advertisement

उसके भेजे गए वीडियो में बाबरी विध्वंस का बदला लेने की तकरीर करने वाले वीडियो भी पाए गए हैं. तुफैल ने कई चैट्स डिलीट कर दिए थे, जिनकी रिकवरी अब यूपी एटीएस कर रही है. जल्द ही यूपी एटीएस, तुफैल की रिमांड के लिए लखनऊ कोर्ट में अर्जी दाखिल करेगी, जिससे इस गंभीर मामले की परतें और खुल सकें.

दिल्ली से गिरफ्तार हारून से भी पूछताछ जारी

वहीं यूपी एटीएस ने दिल्ली से गिरफ्तार किए गए हारून को लेकर भी बड़ा खुलासा किया है. जांच में सामने आया है कि हारून, पाकिस्तान उच्चायोग में कार्यरत अफसर मुजम्मिल हुसैन के लिए फर्जी बैंक खातों की व्यवस्था करता था. मुजम्मिल इन्हीं बैंक खातों में पाकिस्तान का वीजा लेने वालों से पैसे ट्रांसफर करवाता था और फिर यह रकम हारून के जरिए मुजम्मिल दूसरे लोगों को पहुंचता था.

सूत्रों के अनुसार, ये रकम आगे किसे भेजी जाती थी, इसे लेकर गंभीर संदेह जताया जा रहा है कि ये पैसे भारत में सक्रिय आईएसआई एजेंटों तक पहुंचाए जा रहे थे. यूपी एटीएस इस एंगल से गहन जांच कर रही है.

बैंक खातों को खंगाल रही एटीएस

एटीएस अब हारून के मोबाइल डेटा और उसके नाम पर अथवा उसके माध्यम से खोले गए सभी बैंक खातों की जांच कर रही है. पिछले तीन वर्षों में किन लोगों को कितनी रकम दी गई और किस उद्देश्य से ट्रांसफर हुई, इसका पता लगाने के लिए रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं. एटीएस को शक है कि इन खातों में जो रकम जमा की गई थी, उसका इस्तेमाल भारत में जासूसी नेटवर्क को फंडिंग देने में किया गया.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement