हरिद्वार में अतिक्रमण हटाओ अभियान, तोड़ी गई 30 साल पुरानी मजार, पांच दशक पुराना मंदिर भी ढहाया

उत्तराखंड में अतिक्रमण विरोधी अभियान जारी है. हरिद्वार प्रशासन ने इसे आगे बढ़ाते हुए एक मंदिर और एक मजार को ढहा दिया है. मजार तीस साल पुरानी तो वहीं मंदिर 50 साल पुराना बताया जा रहा है. राज्य के सीएम कह चुके हैं कि ऐसे 1000 से ज्यादा स्थान चिह्नित किए गए हैं, जहां अवैध अतिक्रमण किया गया है.

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तस्वीर 1 मई को हरिद्वार में ढहाई गई मजार की है. (फाइल फोटो) तस्वीर 1 मई को हरिद्वार में ढहाई गई मजार की है. (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • हरिद्वार,
  • 07 मई 2023,
  • अपडेटेड 10:40 AM IST

उत्तराखंड में सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने का अभियान जोरशोर से जारी है. इस अतिक्रमण विरोधी मुहिम के तहत अब हरिद्वार में एक मजार और एक मंदिर को ध्वस्त किया गया है. ढहाई गई मजार तीस साल पुरानी तो वहीं मंदिर पांच दशक पुराना बताया जा रहा है. एक्शन हरिद्वार के आर्यनगर की मजार और हरिद्वार-दिल्ली राजमार्ग पर सिंहद्वार में फ्लाईओवर के नीचे बने हनुमान मंदिर के खिलाफ लिया गया.

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इससे पहले प्रशासन ने दो इलाकों में बनी अवैध मजारों को तोड़ा था. धार्मिक स्थलों को ध्वस्त करने के एक्शन पर हरिद्वार के डिप्टी कलेक्टर पूरन सिंह राणा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेश पर संवैधानिक कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने आगे कहा कि फिलहाल कानून व्यवस्था की स्थिति सामान्य है. किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी. कार्रवाई को निष्पक्ष बताते हुए राणा ने कहा कि सरकारी संपत्तियों पर अवैध अतिक्रमण को गिराया जाएगा चाहे वे किसी भी समुदाय के हों.

1000 से ज्यादा स्थान चिह्नित

बता दें कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि 1000 से ज्यादा स्थान चिह्नित किए गए हैं, जहां अतिक्रमण हुआ है. इन्हें अभियान चलाकर साफ किया जाएगा. अब तक 300 से ज्यादा अवैध निर्माण पर कार्रवाई की जा चुकी है. उन्होंने दो टूक कहा था कि अवैध निर्माणों पर यह कार्रवाई बिना भेदभाव के करेंगे. सभी सरकारी संपत्तियों को अवैध निर्माण से छुड़ाएंगे, फिर चाहे वह मंदिर, मजार या गुरुद्वारा क्यों न हो.

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मजार हटाने पर नहीं मिली कब्र

उत्तराखंड में अब तक सिर्फ कुछ ही अवैध मजारों पर कार्रवाई हुई है और उसमें भी अब ये बात पता चल रही है कि इन मजारों में कोई कब्र नहीं थी. यहां के जंगलों की जमीन उत्तराखंड के वन विभाग के अंतर्गत आती है और कानून कहता है कि यहां जंगलों के किसी भी क्षेत्र में कोई धार्मिक स्थल नहीं बनाया जा सकता और ना ही किसी तरह का कोई अतिक्रमण हो सकता है. यहां टाइगर रिजर्व एरिया में तक मजारें बना दी गई हैं. इनमें कुछ मजारें तो ऐसी हैं, जो पिछले 10 से 15 वर्षों में बनी हैं.

पहले भी हुई चलाया गया अभियान

इससे पहले 1 मई को हरिद्वार में सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध रूप से बने दो मजारों को प्रशासन ने हटाया था. हरिद्वार जिला प्रशासन ने बहादराबाद कोतवाली क्षेत्र के रघुनाथ मॉल के सामने सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध कब्जा कर बनाई गई दो मजारों को हटाया था. कार्रवाई के दौरान एसडीएम पूरन सिंह राणा और सीओ निहारिका सेमवाल पुलिस बल के साथ मौके पर मौजूद रहे थे. इस एक्शन को लेकर एसडीएम पूरन सिंह राणा ने कहा था कि मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी के आदेश पर पूरे जिले में सरकारी प्रॉपर्टी पर जो भी अतिक्रमण किया गया है उसे हटाया जा रहा है.

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