58 PAK सैनिकों को मारने का तालिबान ने किया दावा, कहा- ISIS को पनाह दे रहा पाकिस्तान

अफगानिस्तान ने कहा कि डूरंड लाइन पर हुई झड़पों में करीब पांच दर्जन पाकिस्तान सैनिकों को मार गिराया गया है. अफगान सेना के भी 20 से अधिक जवान हताहत हुए. तालिबान प्रवक्ता ने पाकिस्तान पर आतंकी समूहों को शरण देने का आरोप लगाया और बताया कि यह सैन्य कार्रवाई कतर और सऊदी अरब के अनुरोध पर रोकी गई.

Advertisement
अफगानिस्तान और पाकिस्तान में शनिवार रात को तनाव बढ़ गया. (Photo- ITG) अफगानिस्तान और पाकिस्तान में शनिवार रात को तनाव बढ़ गया. (Photo- ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 12 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 2:03 PM IST

पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच शनिवार देर रात डूरंड रेखा पर भीषण झड़पें हुईं. दोनों देशों के सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक, यह संघर्ष उस पाकिस्तानी हवाई हमले के बाद हुआ, जिसमें इस्लामाबाद ने काबुल में पाकिस्तानी तालिबान (TTP) के ठिकाने को निशाना बनाया था. यह झड़प ऐसे वक्त में हुई जब अफगान अमीरात के विदेश मंत्री दिल्ली में मौजूद थे. इस बीच तालिबान ने 58 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराने का दावा किया है.

Advertisement

अफगानिस्तान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद के अनुसार, बीती रात अफगान इस्लामिक अमीरात की सेनाओं और पाकिस्तानी सेना के बीच हुई झड़पों में 58 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और 30 घायल हुए. इस दौरान बड़ी मात्रा में पाकिस्तानी हथियार भी अफगान बलों के कब्जे में आ गए. उन्होंने बताया कि इस संघर्ष में अफगान सेना के भी 20 से अधिक जवान मारे गए या घायल हुए हैं. मुजाहिद ने कहा कि यह सैन्य कार्रवाई कतर और सऊदी अरब के अनुरोध पर रोकी गई.

यह भी पढ़ें: Pak-अफगान की टेंशन पर क्या बोला भारत?

अफगान प्रवक्ता ने काबुल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर डुरंड लाइन पर पाकिस्तान के हवाई हमलों के जवाब में अफगान सेना की कार्रवाई की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपनी जमीन पर मौजूद आईएसआईएस जैसे आतंकी समूहों की अनदेखी कर रहा है, जबकि अफगानिस्तान को अपने हवाई और जमीनी सीमाओं की रक्षा करने का पूरा अधिकार है. मुजाहिद ने पाकिस्तान से आतंकियों को पनाह देना बंद करने और उन्हें काबुल सरकार को सौंपने की मांग की.

Advertisement

भारतीय पूर्व राजनयिक ने PAK-अफगान तनाव पर क्या कहा?

इस बीच तनाव पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व भारतीय राजनयिक केपी फेबियन ने कहा, "यह शायद संयोग है कि जब अफगान विदेश मंत्री दिल्ली में हैं, तभी यह घटना हुई. अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच खराब रिश्तों को सिर्फ डूरंड रेखा से नहीं समझा जा सकता. पाकिस्तान ने अपनी नीति गलत तरीके से चलाई, बहुत दबाव बनाया, और गर्वीले अफगानों ने प्रतिरोध किया. नतीजा यह है कि अब संबंध बहुत खराब हैं. पाकिस्तान ने काबुल पर हमले किए, और अफगानिस्तान ने जवाब दिया. कुल मिलाकर पाकिस्तान की नीति असफल रही है."

पूर्व राजनयिक ने आगे कहा कि अफगानिस्तान अब भारत के साथ संबंध मजबूत करने के लिए उत्सुक है, और "यह स्वाभाविक है कि पाकिस्तान इससे असहज महसूस कर रहा है."

यह भी पढ़ें: अफगानिस्तान के साथ जंग में क्या पाकिस्तान को मिलेगा सऊदी का साथ? NATO जैसी डील का लिटमस टेस्ट

पाकिस्तानी सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि अफगानिस्तान की तरफ से "बिना किसी उकसावे" के फायरिंग की गई, जिसका जवाब "पूरी ताकत" से दिया गया. झड़पें सीमा के छह से ज्यादा इलाकों में हुईं. पाकिस्तानी सेना ने दावा किया कि उसने कई अफगान पोस्ट नष्ट कर दीं, जबकि तालिबान का कहना है कि उनके लड़ाकों ने तीन पाकिस्तानी चौकियां कब्जे में ले लीं.

Advertisement

अफगान रक्षा मंत्रालय ने दी चेतावनी

अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इनायतुल्लाह ख्वारज़मी ने कहा कि यह हमला पाकिस्तान की ओर से अफगान हवाई सीमा का उल्लंघन करने के जवाब में किया गया. उन्होंने कहा, "अगर दुश्मन ने फिर ऐसा किया, तो हमारी सेना मजबूती से जवाब देगी." इस्लामाबाद की तरफ से फिलहाल यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि संघर्ष खत्म हुआ या नहीं. करीब 2,600 किलोमीटर लंबी यह सीमा दशकों से दोनों देशों के बीच तनाव का कारण बनी हुई है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement