बिहार चुनाव: खाते में 10 हजार तो 10वीं बार नीतीश कुमार... फिर ढाल बन गईं बिहार की महिला वोटर

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे ने दसवीं बार नीतीश कुमार को राज्य का ताज दे दिया है. नीतीश प्रचंड बहुमत के साथ 10वीं बार राज्य का सीएम बनने को तैयार हैं. नीतीश की इस वापसी में 1.5 करोड़ महिलाओं के खाते में 10 हजार रुपये के ट्रांसफर का बड़ा रोल रहा.

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बिहार में 1.5 करोड़ महिलाओं के खाते में 10-10 हजार ट्रांसफर किये गए हैं. (Photo: Facebook/Nitishkumar) बिहार में 1.5 करोड़ महिलाओं के खाते में 10-10 हजार ट्रांसफर किये गए हैं. (Photo: Facebook/Nitishkumar)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 14 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:46 AM IST

नीतीश कुमार 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बन सकते हैं. बिहार चुनाव के नतीजे में एनडीए प्रचंड बहुमत के साथ बिहार की सत्ता में वापसी की है. भारत की राजनीति में ऐसा कम ही होता है जब किसी राजनेता को इतने लंबे वक्त तक सार्वजनिक जीवन में जनता के समर्थन में रहने का सौभाग्य मिलता है. लेकिन नीतीश कुमार ने इस गौरव को हासिल किया है. नीतीश कुमार की 10वीं पारी सुनिश्चित करने में महिलाओं के खाते में 10 हजार रुपये का कैश ट्रांसफर टर्न अराउंड फैक्टर साबित हुआ है. 

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बिहार चुनाव में महिलाओं के खाते में 10 हजार रुपये देने की योजना नीतीश कुमार के लिए निर्णायक टर्नअराउंड फैक्टर बन गई, क्योंकि इससे महिला वोटरों का भरोसा उनके पक्ष में मजबूत हुआ और विपक्ष की रणनीति कमजोर पड़ गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने की 26 तारीख को इस योजना का वर्चुअल शुभारंभ किया था. इस मौके पर उन्होंने 75 लाख महिला लाभार्थियों के बैंक खातों में 10-10 हजार रुपये ट्रांसफर किए थे. बाद में ये आंकड़ा बढ़कर 1.5 करोड़ तक पहुंच गया.

बिहार एनडीए ने इस योजना को मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का नाम दिया है. नीतीश सरकार ने दावा किया कि ये स्वरोजगार को बढ़ावा देने के नाम पर लॉन्च किया गया है. 

1.5 करोड़ महिलाओं के खाते में 10 हजार

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चुनाव से ठीक पहले 29 अगस्त 2025 को इस योजना को नीतीश कैबिनेट का अप्रूवल मिला. तब विपक्ष ने सरकार पर वोट खरीदने का आरोप लगाया, लेकिन चुनाव के परिणाम बताते हैं कि इस योजना ने नीतीश सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी को पलट दिया. 

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नीतीश की ये स्कीम चुनाव में गेम चेंजर साबित हुई. इस योजना के तहत 1.5 करोड़ महिलाओं के खाते में 10 हजार रुपये ट्रांसफर किए गए. बिहार में महिला मतदाताओं की संख्या लगभग 3 करोड़ 60 लाख है. महिला रोजगार योजना का फायदा डेढ़ करोड़ महिलाओं को मिला. इसका एनडीए को फायदा मिला. 

बता दें कि इस चुनाव में कुल महिला मतदाताओं में से 71 प्रतिशत से ज्यादा ने वोट दिया. एनडीए को इसका लाभ मिला.  

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अगर 10 हजार का ये फंड 1.5 करोड़ महिलाओं के खाते में गया तो इसका अप्रत्यक्ष असर लगभग 4 से 5 करोड़ परिवारों पर पड़ा. इस तरह सिर्फ 10 हजार पाने वाली महिलाओं ने ही नहीं, बल्कि उसके परिवार की दूसरी महिलाओं ने भी एनडीए को वोट दिया. कहा जा सकता है कि इस स्कीम ने नीतीश और बीजेपी को तगड़ा वोट हासिल करने में मदद की है.

इस स्कीम के अनुसार 10 हजार की ये रकम महिलाओं को वापस नहीं करनी है, यानी कि ये लोन नहीं है. इसे महिलओं को रोजगार खड़ा करने के लिए दिया गया है. 

सरकार ने कहा है कि अगर महिलाएं इस 10 हजार से सफलतापूर्वक रोजगार खड़ा करती हैं तो उन्हें 2 लाख का अतिरिक्त लोन दिया जाएगा. 

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नीतीश ने बनाया 'ट्रस्ट चेन'

महिलाओं के पक्ष में स्कीम डिलीवरी का नीतीश कुमार का लंबा इतिहास रहा है. इसमें मुफ्त साइकिल, शराबबंदी, छात्रवृति, पंचायत में 50 प्रतिशत सीटों का आरक्षण, सरकारी नौकरी में 35 फीसदी आरक्षण अहम हैं. इस बार नतीश कुमार ने 10 हजार नगदी देने का न सिर्फ वादा किया बल्कि इसे डिलीवर भी किया. इससे नीतीश ने महिलाओं के साथ 'ट्रस्ट चेन' विकसित किया, इसका नतीजा उन्हें महिलाओं के बंपर वोटों के रूप में मिला.

10वीं बार सीएम की कुर्सी

नीतीश कुमार अब तक 9 बार बिहार के मुख्यमंत्री बन चुके हैं. 10 वीं बार सीएम की कुर्सी उनका इंतजार कर रही है. वह भारत के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले नेताओं में से एक हैं, उनका कुल कार्यकाल 20 वर्ष से अधिक है. 

नीतीश कुमार 3 मार्च 2000 को पहली बार 7 दिनों के लिए बिहार के मुख्यमंत्री बने थे. ये अल्पमत की सरकार थी और नीतीश कुमार को इस्तीफा देना पड़ा था. मार्च साल के इंतजार के बाद नीतीश ने 2005 में वापसी की थी. नवंबर 2005 को वे पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आए थे. 2010 में वह तीसरी बार सीएम बने. 

इसके बाद 2014 में वे बीजेपी से अलग हो गए. 2015 में महागठबंधन की शानदार जीत के साथ नीतीश ने फिर से वापसी की. 2017 में उनकी राहें एक बार फिर से महागठबंधन से जुदा हो गई और वे एनडीए में आ गए. 

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2020 के चुनाव में नीतीश फिर से सीएम बने. 2022 में नीतीश ने फिर से एनडीए छोड़कर दिया और महागठबंधन के साथ मिलकर सीएम बने. जनवरी 2024 में नीतीश ने एक बार फिर से महागठबंधन छोड़ दिया और बीजेपी के साथ आकर नौंवीं बार सीएम बने. अब 10वीं बार बिहार सीएम की कुर्सी उनका इंतजार कर रही है.

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