बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए के घटक दलों के बीच सीट शेयरिंग का फॉर्मूला सुलझने के बजाय लगातार उलझता ही जा रहा है. एनडीए के दो घटक दलों के नेता आमने-सामने आ गए, जिससे सीट बंटवारे में पेंच फंस गया है. लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के नाम का ऐलान शुरू कर दिया है.
सीएम नीतीश कुमार ने शनिवार को बक्सर के एक कार्यक्रम के दौरान राजपुर सीट से जेडीयू उम्मीदवार के तौर पर पूर्व मंत्री संतोष निराला का नाम घोषित कर दिया है. बीजेपी नेता और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी की मौजूदगी में नीतीश ने संतोष निराला के नाम का ऐलान कर अपने तेवर दिखा दिए हैं.
बिहार में इस बार नीतीश के नेतृत्व वाले एनडीए में पांच दल हैं. बीजेपी और जेडीयू के अलावा चिराग पासवान की एलजेपी (आर), जीतन राम मांझी की एचएएम और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा. जेडीयू पहले ही कह चुकी है कि वो बीजेपी से कम से कम एक सीट ज्यादा पर चुनाव लड़ना चाहती है तो चिराग और मांझी भी अपनी सीटों की डिमांड रख चुके हैं. ऐसे में सीट शेयरिंग को लेकर एनडीए के घटक दल आमने-सामने हैं, लेकिन नीतीश ने अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान करके संदेश दे दिया है.
संतोष निराला को नीतीश ने बनाया प्रत्याशी
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अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित राजपुर सीट से संतोष निराला को नीतीश ने जेडीयू का उम्मीदवार घोषित कर दिया है. नीतीश कुमार ने कार्यक्रम के दौरान संतोष निराला की ओर इशारा करते हुए कहा कि हम कड़ी मेहनत कर रहे हैं और विकास के कई अहम काम किए हैं. अब यह लोगों का काम है कि वे हमारा समर्थन करें और संतोष निराला को यहां से जिताएं. संतोष निराला 2020 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के विश्वनाथ राम से हार गए थे.
संतोष निराला जेडीयू के दलित चेहरा माने जाते हैं. वे दो बार बिहार सरकार में मंत्री रह चुके हैं. 2014 से 2017 के बीच उन्होंने अनुसूचित जाति और जनजाति से जुड़े विभाग को संभाला, जबकि 2017 से 2020 के बीच वे परिवहन मंत्री रहे. ऐसे में नीतीश कुमार ने एक बार फिर से संतोष निराला को उनकी परंपरागत सीट राजपुर से कैंडिडेट घोषित करके कई सियासी संदेश दे दिए हैं.
नीतीश कुमार ने दिए कई सियासी संदेश
सीएम नीतीश कुमार ने सीट शेयरिंग से पहले संतोष निराला को उम्मीदवार बनाकर कई सियासी संदेश दे दिए हैं. इस तरह से उन्होंने अपने दल के संभावित प्रत्याशियों को यह आश्वस्त कर दिया है कि भले ही सीट बंटवारा न हुआ हो, लेकिन जेडीयू अपनी परंपरागत सीटों पर किसी तरह का बदलाव नहीं करेगी. जेडीयू जिन सीटों पर चुनाव लड़ती रही है, उन पर अपने उम्मीदवार उतारकर पार्टी नेताओं को जोड़े रखने का दांव चला है, तो बीजेपी को भी सियासी संदेश दे दिया है कि जेडीयू सीट बंटवारे का इंतज़ार नहीं करेगी.
सूत्रों के मुताबिक, जेडीयू ने सीटों को लेकर दो तरह की श्रेणी बनाई है. पहली श्रेणी वह है जहां सीट के साथ-साथ प्रत्याशी का नाम भी तय है. वहीं, दूसरी श्रेणी वह है जहाँ सीट तो तय है पर प्रत्याशी के नाम पर थोड़ी कशमकश वाली स्थिति है. जेडीयू ने अपने लिए लगभग तय सीटों पर 2020 के चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे प्रत्याशियों को मौका देने का प्लान बनाया है, जिसके तहत ही राजपुर सीट से संतोष निराला को टिकट दिया गया है. इस तरह सीट पर मुहर और प्रत्याशी भी तय श्रेणी वाले विधानसभा क्षेत्रों की संख्या एक दर्जन से ऊपर है.
जेडीयू के फाइनल कैंडिडेट की लिस्ट
पूर्णिया जिले के धमदाहा विधानसभा क्षेत्र से लेशी सिंह, दरभंगा के बहादुरपुर से मदन सहनी, गोपालगंज के भोरे (सु.) से सुनील कुमार, बांका के अमरपुर से जयंत राज, महनार से उमेश कुशवाहा, नालंदा से श्रवण कुमार, अस्थावां से जितेंद्र कुमार, राजगीर (सु.) से कौशल किशोर, गोपालपुर से नरेंद्र कुमार नीरज, मटिहानी से राजकुमार, झाझा से दामोदर रावत, वैशाली से सिद्धार्थ पटेल, सोनवर्षा से रत्नेश सदा, सुपौल से बिजेंद्र प्रसाद यादव, हरलाखी से सुधांशु शेखर, बाबूबरही से मीना कुमारी, फुलपरास से शीला मंडल, बाजपट्टी से रंजू गीता व आलमनगर से नरेंद्र नारायण यादव, मोकामा से अनंत सिंह, जगदीशपुर से भगवान सिंह कुशवाहा, सुलतानगंज से ललित नारायण मंडल, बेलागंज से मनोरमा देवी व वाल्मीकिनगर से धीरेंद्र प्रताप सिंह का नाम तय माना जा रहा है.
जेडीयू जिन सीटों को अपने खाते में आने की संभावना मान रही है, उसमें एक शिवहर की सीट भी है. मौजूदा समय में आरजेडी के बागी चेतन आनंद विधायक हैं और अब वो नीतीश कुमार के साथ हैं. पिछली बार जेडीयू के प्रत्याशी यहां से दूसरे नंबर पर थे. इसी तरह से जेडीयू 2020 में अपने कोटे वाली जो सीटें जीत नहीं सकी थी, उन सीटों को भी अपने खाते में मानकर तैयारी शुरू कर दी है.
सीट शेयरिंग: एनडीए में कैसे निकलेगा हल?
बिहार में कुल 243 विधानसभा सीटें हैं. 2020 में जेडीयू 115 सीटों पर चुनाव लड़ी थी जबकि बीजेपी 110 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारी थी. इसके अलावा मांझी की पार्टी 7 और मुकेश सहनी 11 सीटों पर चुनाव लड़े थे. एलजेपी अकेले चुनावी मैदान में उतरी थी. जेडीयू 115 सीटों पर लड़कर 47 सीटें जीती थी तो बीजेपी 110 में से 74 सीटें जीतने में कामयाब रही.
जेडीयू ने पिछले दिनों साफ तौर पर कहा था कि वह बीजेपी से कम से कम एक सीट ज़्यादा पर चुनाव लड़ेगी. इस तरह जेडीयू बिहार में बड़े भाई की भूमिका में रहने का साफ ऐलान कर चुकी है तो बीजेपी 2020 के विनिंग फॉर्मूले को रखकर सीट बंटवारा चाहती है.
हालांकि, इस बार एनडीए के घटक दलों की संख्या ज़्यादा है, जिसके चलते बीजेपी और जेडीयू को 2020 की तुलना में कम सीटों पर चुनाव लड़ना होगा. इसके अलावा, चिराग पासवान और जीतन राम मांझी ने जिस तरह सीटों की मांग रखी है, उसके चलते सीट बंटवारे में पेंच फंसा हुआ है, लेकिन नीतीश अब ज़्यादा इंतज़ार नहीं करना चाहते हैं. इसीलिए उन्होंने संतोष निराला को उम्मीदवार घोषित करके संदेश दे दिया है.
कुबूल अहमद