स्पीड-स्टील्थ का कॉम्बो, बस तीन देशों के पास... जानें- उस फाइटर जेट की ताकत जिसको बनाने के लिए अडानी की कंपनी लगाएगी बोली

अडानी डिफेंस भारत के 15,000 करोड़ के AMCA स्टेल्थ फाइटर जेट प्रोजेक्ट के लिए बोली लगाएगी, जिसकी डेडलाइन 30 सितंबर 2025 है. AMCA 5वीं पीढ़ी का स्टील्थ जेट होगा, जिसमें सुपरक्रूज और AESA रडार होंगे. इस बोली अडानी के अलावा रिलायंस, टाटा, महिंद्रा और HAL भी शामिल होंगी. यह प्रोजेक्ट भारत को चीन-पाकिस्तान के खिलाफ मजबूत करेगा.

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इस साल फरवरी में बेंगलुरू के येलाहंका एयरफोर्स स्टेशन पर हुए एयरो इंडियो डिफेंस एक्सपो में AMCA का फुल स्केल मॉडल दिखाया गया था. (File Photo: AFP) इस साल फरवरी में बेंगलुरू के येलाहंका एयरफोर्स स्टेशन पर हुए एयरो इंडियो डिफेंस एक्सपो में AMCA का फुल स्केल मॉडल दिखाया गया था. (File Photo: AFP)

ऋचीक मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 01 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 6:20 PM IST

अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने भारत के सबसे महत्वाकांक्षी रक्षा प्रोजेक्ट AMCA (एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) स्टील्थ फाइटर जेट के लिए बोली लगाने की घोषणा की है. यह बोली 30 सितंबर 2025 तक जमा करनी है. प्रोजेक्ट की लागत लगभग 15,000 करोड़ रुपये है.

अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने कहा कि यह 'मेक इन इंडिया' को मजबूत करने का बड़ा कदम है. AMCA भारत का पहला स्वदेशी 5वीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट होगा, जो चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी खतरों से निपटने के लिए जरूरी है.

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अडानी डिफेंस पहले से ड्रोन और मिसाइल सिस्टम बना रही है. अब फाइटर जेट प्रोडक्शन में एंट्री लेगी. आइए आसान हिंदी में समझते हैं कि AMCA क्या है? इसकी खासियतें क्या हैं? बोली में कौन-कौन सी कंपनियां हिस्सा लेंगी.

AMCA स्टील्थ फाइटर जेट: भारत का गेम-चेंजर

AMCA प्रोजेक्ट 2008 में शुरू हुआ, लेकिन 2015 में DRDO और ADA (एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी) ने इसे आधिकारिक रूप दिया. यह 5वीं पीढ़ी का सिंगल-इंजन स्टील्थ फाइटर है, जो राफेल और Su-30 MKI जैसी पुरानी मशीनों को रिप्लेस करेगा.

भारतीय वायुसेना (IAF) को 2035 तक 126 AMCA चाहिए. प्रोटोटाइप 2028 में उड़ेगा. पहला स्क्वाड्रन 2032-33 में तैयार होगा. लागत: 15,000 करोड़ (पहला प्रोटोटाइप और टेस्टिंग के लिए).

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AMCA की मुख्य विशेषताएं और स्पेसिफिकेशन

AMCA को स्टील्थ, मल्टी-रोल और सुपरक्रूज क्षमता के साथ डिजाइन किया गया है. यह रडार से बचने वाला जेट है, जो हवा से हवा, हवा से जमीन और हवा से समुद्र हमले कर सकता है. मुख्य स्पेसिफिकेशन...

  • इंजन: GE F414 जेट इंजन (98 kN थ्रस्ट), जो सुपरक्रूज (1.6 मैक बिना आफ्टरबर्नर) की क्षमता देगा. भविष्य में स्वदेशी कावेरी इंजन लगेगा.
  • रेंज और स्पीड: 3000 किमी कॉम्बैट रेंज, अधिकतम स्पीड 2.2 मैक (2,700 किमी/घंटा). फेरी रेंज 1,500 किमी.
  • स्टील्थ फीचर्स: रडार क्रॉस-सेक्शन (RCS) 0.1 वर्ग मीटर (F-35 जैसा). कार्बन कंपोजिट बॉडी, S-आकार वाले एयर इंटेक और RAM (रडार एब्जॉर्बिंग मटेरियल) से रडार से बचाव.
  • हथियार: 6 एयर-टू-एयर मिसाइलें (ASTRA, Derby), 4 एयर-टू-सर्फेस मिसाइलें (ब्रह्मोस-NG), 2,000 किग्रा बम. इंटरनल वेपन बे से स्टील्थ बनी रहती है.
  • सेंसर और एवियोनिक्स: AESA रडार (उत्तम), IRST (इन्फ्रारेड सर्च एंड ट्रैक), EW सिस्टम (इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर). AI और नेटवर्क-सेंट्रिक वॉरफेयर से जुड़ेगी.
  • वजन और साइज: 25 टन अधिकतम टेकऑफ वेट, 17 मीटर लंबाई, 11 मीटर विंगस्पैन. 1+1 कॉकपिट (पायलट + AI असिस्ट).
  • अन्य: वर्टिकल टेकऑफ/लैंडिंग वर्जन (AMCA-NG) भी प्लान. लागत: प्रति यूनिट 500-600 करोड़ रुपये.

AMCA तेजस Mk-2 का अपग्रेडेड वर्जन है, जो 4.5वीं पीढ़ी से 5वीं में बदलता है. यह IAF को 42 स्क्वाड्रन की कमी पूरी करेगा.

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बोली में कौन-कौन सी कंपनियां हिस्सा लेंगी?

AMCA प्रोजेक्ट के लिए बोली 30 सितंबर 2025 तक जमा करनी है. DRDO और ADA लीड करेंगे, लेकिन प्राइवेट सेक्टर को 49% हिस्सेदारी दी जाएगी. मुख्य कंपनियां...

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  • अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस: बोली की पुष्टि की. वे एयरोस्ट्रक्चर, एवियोनिक्स और प्रोडक्शन लाइन बनाएंगे. अडाणी पहले ड्रोन (ड्रिश्यु) और मिसाइल सिस्टम बना रही है.
  • रिलायंस डिफेंस (रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर): रिलायंस पहले से रक्षा में सक्रिय, AMCA के लिए एवियोनिक्स और कंपोनेंट्स पर बोली लगाएगी.
  • टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL): टाटा पहले C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट बना रही है. AMCA में एयरफ्रेम और सेंसर पर फोकस.
  • हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL): सरकारी कंपनी, लेकिन प्राइवेट पार्टनरशिप में शामिल. तेजस और Su-30 का अनुभव.
  • अन्य संभावित: लार्सन एंड टूब्रो (L&T) एवियोनिक्स के लिए, महिंद्रा डिफेंस सिस्टम्स कंपोनेंट्स के लिए. विदेशी पार्टनर जैसे साब (स्वीडन) या बोइंग (अमेरिका) टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के लिए.

बोली में 70% स्वदेशी कंटेंट जरूरी. अडाणी की एंट्री से प्राइवेट सेक्टर की भूमिका बढ़ेगी.

क्यों जरूरी है AMCA? 

चीन की PLAAF (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स) के पास 3,000+ विमान हैं, जिसमें J-20 स्टील्थ शामिल. पाकिस्तान के JF-17 थंडर. IAF को 42 स्क्वाड्रन चाहिए, लेकिन 30 हैं. AMCA से हवाई वर्चस्व मिलेगा. 2025 के ऑपरेशन सिंदूर में स्टील्थ की जरूरत दिखी.

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अडानी की AMCA बोली से भारत का फाइटर जेट प्रोडक्शन मजबूत होगा. 15000 करोड़ का प्रोजेक्ट 2035 तक 126 जेट देगा. बोली में अडानी, रिलायंस, टाटा और HAL मुख्य होंगे. यह 'मेक इन इंडिया' को बूस्ट देगा. भारत को एशिया की सैन्य महाशक्ति बनाएगा. 

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