2 महीने में क्या बदल गया? चीन में ही तब राजनाथ ने किया साइन करने से इनकार, आज मोदी ने मनवा ली बात...

SCO के तियानजिन घोषणापत्र में पहलगाम आतंकी हमले की निंदा भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किंगदाओ में बयान पर हस्ताक्षर नहीं किए थे, क्योंकि हमले का जिक्र नहीं था. तियानजिन में सभी SCO देशों ने आतंकवाद के खिलाफ मजबूत रुख अपनाया, जो भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है.

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एससीओ समिट में पीएम नरेंद्र मोदी ने पहलगाम हमले कड़ी निंदा की, जिसपर सभी सदस्य देशों ने सहमति जताई. (Photo: PTI) एससीओ समिट में पीएम नरेंद्र मोदी ने पहलगाम हमले कड़ी निंदा की, जिसपर सभी सदस्य देशों ने सहमति जताई. (Photo: PTI)

शिवानी शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 01 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:16 PM IST

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों द्वारा पहलगाम आतंकी हमले की निंदा SCO के संयुक्त घोषणापत्र में शामिल होना भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक जीत है. तियानजिन घोषणापत्र में सदस्य राष्ट्रों ने आतंकवाद के खिलाफ मजबूत रुख अपनाया और कहा कि सदस्य राष्ट्र 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हैं. उन्होंने मृतकों और घायलों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की.

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घोषणापत्र में कहा गया कि ऐसे हमलों के अपराधी, आयोजक और प्रायोजक को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए. सदस्य राष्ट्रों ने आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के खिलाफ अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. सदस्य राष्ट्र आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की कड़ी निंदा करते हैं, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मापदंडों की अस्वीकार्यता पर जोर देते हैं.  

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राजनाथ सिंह ने संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर से मना किया था

यह घोषणापत्र दो महीने बाद आया, जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पहलगाम आतंकी हमले का उल्लेख न होने के कारण SCO संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था. तियानजिन में SCO शिखर सम्मेलन में पहलगाम हमले की निंदा को भारत के आतंकवाद विरोधी कदमों की बड़ी मान्यता माना जा रहा है.

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भारत ने चीन और पाकिस्तान के साथ आतंकवाद पर मतभेद के कारण SCO डिफेंस मंत्रियों के बयान से हटने का फैसला किया था. SCO डिफेंस मंत्रियों का शिखर सम्मेलन 2025 में एक अभूतपूर्व कूटनीतिक क्षण का साक्षी बना, जब भारत के रक्षा मंत्री ने चीन के किंगदाओ में डिफेंस मंत्रियों की बैठक में संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया.

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संयुक्त बयान में पहलगाम आतंकी हमले का उल्लेख नहीं था, जबकि मार्च में पाकिस्तान में जाफर एक्सप्रेस अपहरण का जिक्र था. इस साहसिक कदम ने जियो-पॉलिटिकल परिदृश्य में हलचल पैदा कर दीं, जो भारत के आतंकवाद पर अटल रुख और रणनीतिक स्वायत्तता की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है.

SCO में भारत के स्टैंड ने कैसे पलटा?

SCO शिखर सम्मेलन 2025 में भारत के समझौता न करने का फैसला कई रणनीतिक विचारों को दर्शाता है. यह भारत की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है. भारत ने लगातार कहा है कि शांति और आतंकवाद एक साथ नहीं रह सकते. यह सिद्धांत प्रतिष्ठित बहुपक्षीय मंचों पर भी अटल है.

चीन, वर्तमान SCO अध्यक्ष और पाकिस्तान का प्रमुख सहयोगी है. उसने दो महीने पहले पहलगाम हमले को संयुक्त बयान से बाहर रखने का समर्थन किया था, लेकिन तियानजिन में सभी सदस्यों ने पहलगाम हमले की एकतरफा निंदा की, जो पाकिस्तान को मजबूत संदेश देती है. SCO डिफेंस मिनिस्टर शिखर सम्मेलन में मजबूत स्टैंड तियानजिन में भारत के लिए रणनीतिक जीत है.

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