ईरान इस समय अपने इतिहास के सबसे बड़े सैन्य संकट का सामना कर रहा है, लेकिन देश के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई पिछले एक हफ्ते से सार्वजनिक रूप से दिखाई नहीं दिए हैं. 86 वर्षीय खामेनेई की चुप्पी और गैर-मौजूदगी ने पूरे देश में चिंता, अटकलों और अनिश्चितता का माहौल पैदा कर दिया है.
खामेनेई की गैर-मौजूदगी उस समय ज्यादा खटक रही है, जब ईरान के तीन अहम परमाणु ठिकानों फोर्डो, नतांज और एस्फहान पर अमेरिका ने हमला किया और इजरायल भी लगातार देश पर मिसाइल दागीं. हालांकि ईरान ने पलटवार करते हुए कतर में अमेरिकी एयरबेस पर मिसाइलें दागीं. इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से ईरान और इजरायल के बीच सीजफायर लागू हुआ है.
गुप्त ठिकाने में छिपे होने की आशंका
ईरानी मीडिया ने बीते कुछ दिनों से खामेनेई की कोई तस्वीर या मैसेज प्रसारित नहीं किया है. खुफिया सूत्रों के अनुसार उन्हें एक गुप्त भूमिगत ठिकाने में शिफ्ट किया गया है और वह किसी भी इलेक्ट्रॉनिक संचार से बच रहे हैं, ताकि संभावित हत्या की कोशिश से बचा जा सके. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस आशंका को नकारा नहीं है. हालांकि ट्रंप ने भी सुप्रीम लीडर खामेनेई को नहीं मारने की सलाह दी है.
ये भी पढ़ें- एक तरफ दबाव की बात, दूसरी तरफ तारीफ... ट्रंप ने कहा- ईरान बहादुरी से लड़ा जंग
जनता में बेचैनी, सरकार में चुप्पी
रिपोर्टों के मुताबिक ईरान के शीर्ष सरकारी अधिकारी भी खामेनेई के साथ सीधे संपर्क से कटे हुए हैं. मंगलवार को ईरान की सरकारी टीवी पर जब एक एंकर ने खामेनेई के ऑफिस के सीनियर अधिकारी मेहदी फ़ज़ाइली से खामेनेई के हालचाल के बारे में पूछा कि लोग सुप्रीम लीडर के बारे में बहुत चिंतित हैं. क्या आप हमें बता सकते हैं कि वह कैसे हैं? लेकिन फजाइली ने सवाल को टालते हुए कहा कि हम सभी को प्रार्थना करनी चाहिए. सुप्रीम लीडर की सुरक्षा का काम करने वाले लोग अपना काम कर रहे हैं.
'अगर खामेनेई मर जाते तो...', ईरानी मीडिया ने जताई चिंता
वहीं, ईरानी समाचार पत्रों ने भी चिंता व्यक्त करना शुरू कर दिया है. खानमैन नामक न्यूजपेपर के एडिटर मोहसेन खलीफे ने कहा कि उनकी (खामेनेई) कई दिनों की अनुपस्थिति ने हम सभी को बहुत चिंतित कर दिया है. उन्होंने कहा कि अगर खामेनेई मर जाते, तो उनका अंतिम संस्कार सबसे शानदार और ऐतिहासिक होता.
ये भी पढ़ें- क्या अब बेकाबू हो जाएगा ईरान का न्यूक्लियर प्रोग्राम? जंग रुकते ही संसद में पारित कराया अहम बिल
खामेनेई के उत्तराधिकारी की तलाश में तेजी!
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक ईरान की एक शीर्ष धार्मिक समिति, जिसे खामेनेई ने 2 साल पहले अपने उत्तराधिकारी की पहचान करने के लिए बनाया था, उसने अपनी बैठकों की गति तेज़ कर दी है. खुफिया सूत्रों का कहना है कि खामेनेई अपने परिवार समेत सुरक्षा घेरे में हैं, जिन्हें रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की वली-ए-अम्र स्पेशल यूनिट द्वारा सेफ्टी दी जा रही है.
12 दिन की खूनी जंग में किसे कितना नुकसान?
ईरान और इजरायल के बीच जंग की शुरुआत 13 जून को तब हुई थी, जब हवाई हमलों में ईरान के कई शीर्ष सैन्य अधिकारी और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए थे. जवाबी कार्रवाई में ईरान ने 500 से ज्यादा मिसाइलें और 1000 से ज्यादा ड्रोन इज़राइल पर दागे. रिपोर्ट्स के मुताबिक कई मिसाइलें पहली बार इजरायल की एयर डिफेंस को चकमा देने में सफल रहीं. ईरान का दावा है कि इस संघर्ष में 627 लोगों की मौत और लगभग 5000 लोग घायल हुए हैं, जबकि इज़रायल ने 28 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है.