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Trade War: अमेरिका जिद्दी तो चीन भी झुकने को तैयार नहीं, क्या आड़े आ रहा ट्रंप-जिनपिंग का EGO?

व्हाइट हाउस का कहना है कि राष्ट्रपति ट्रंप से टैरिफ पर बातचीत के लिए दर्जनभर से ज्यादा देश संपर्क में हैं. आगामी हफ्तों में ट्रंप के साथ कई देशों के प्रतिनिधियों की बातचीत और मीटिंग्स हो सकती है. लेकिन इन देशों में चीन शामिल नहीं है.

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग

अमेरिका और चीन के बीच का टैरिफ वॉर चरम पर पहुंच गया है. राष्ट्रपति ट्रंप टैरिफ पर 70 से अधिक देशों को 90 दिनों की राहत दे चुके हैं लेकिन चीन को बड़ा झटका दिया है. चीन पर ट्रंप ने कुल 145 फीसदी टैरिफ लगाया है. इन सबके बीच ट्रंप को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के फोन करने की उम्मीद है.

व्हाइट हाउस का कहना है कि राष्ट्रपति ट्रंप से टैरिफ पर बातचीत के लिए दर्जनभर से ज्यादा देश संपर्क में हैं. आगामी हफ्तों में ट्रंप के साथ कई देशों के प्रतिनिधियों की बातचीत और मीटिंग्स हो सकती है. लेकिन इन देशों में चीन शामिल नहीं है.

व्हाइट हाउस के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि टैरिफ को लेकर अमेरिका किसी भी सूरत में बातचीत की पहल नहीं करेगा. चीन को ही इसकी पहल करनी होगी. ट्रंप ने अपनी टीम को बताया है कि चीन ही इस दिशा में पहला कदम उठाएगा. 

सूत्रों का कहना है कि लेकिन टैरिफ को लेकर इस संभावित बातचीत में एक बड़ी अड़चन चीन का रुख है. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग किसी भी हाल में कमजोर दिखना नहीं चाहते. इसलिए वह पहला कदम उठाकर कमजोर दिखने से बचना चाहते हैं. ट्रंप इससे पहले भी कह चुके हैं कि चीन हमसे डील करना चाहता है लेकिन उसे नहीं पता है कि यह डील कैसे शुरू की जाए. 

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जिनपिंग की तारीफ भी और...

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन पर भारी-भरकम टैरिफ लगा दिया है. दूसरी तरफ वह शी जिनपिंग की तारीफ भी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग दुनिया के सबसे स्मार्ट लोगों में से एक हैं. और हम यकीनन बहुत बेहतरीन डील करेंगे. राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि शी ऐसे शख्स हैं जिन्हें पता है कि आखिर क्या करना है. वह अपने मुल्क से प्यार करते हैं. हम यकीनन टैरिफ पर बात करेंगे.

वहीं, जब अमेरिका के टैरिफ पर सवाल पूछा गया तो चीन के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ही योंगकियान ने कहा कि चीन का रुख स्पष्ट और तर्कसंगत है. अगर अमेरिका बात करना चाहता है तो हमारे दरवाजे हमेशा खुले हैं. लेकिन बातचीत आपसी सम्मान और समानता के आधार पर होनी चाहिए. अगर अमेरिका युद्ध ही चाहता है तो हम इसका मुंहतोड़ जवाब देंगे. दबाव और धमकी चीन के साथ नहीं चलेगी.

चीन के विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी टैरिफ की आलोचना करते हुए कहा है कि वह अपने वैध अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए ठोस और मजबूत कदम उठाएगा.

बता दें कि अमेरिका के टैरिफ में छूट के फैसले से भारत समेत 75 देशों को फिलहाल राहत मिली है. इन देशों पर नई टैरिफ दरें लागू नहीं होंगी और उन्हें 90 दिनों की छूट दी गई है. इस अवधि में उन पर केवल 10% शुल्क लगेगा. लेकिन अब तक चीन पर ट्रंप 145 फीसदी टैरिफ लगा चुके हैं.

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