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इस इस्लामिक देश में सैलरी स्लिप देखकर गैर-मुस्लिमों को मिलेगी शराब!

सऊदी अरब ने शराब बिक्री पर दशकों पुराने कड़े प्रतिबंधों में ढील दी है. अब इस्लामिक देश में अमीर गैर-मुसलमान शरीब खरीद सकेंगे. सऊदी में शराब की एक ही दुकान है और आने वाले सालों में दो और दुकानें खोली जानी है.

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सऊदी अरब ने अमीर गैर-मुस्लिमों को शराब मिलनी शुरू हो गई है (File Photo: Reuters)
सऊदी अरब ने अमीर गैर-मुस्लिमों को शराब मिलनी शुरू हो गई है (File Photo: Reuters)

मध्य-पूर्व के इस्लामिक देश सऊदी अरब ने शराब बिक्री पर दशकों से लगे अपने कड़े प्रतिबंधों में ढील दी है जो कि बेहद दुर्लभ माना जा रहा है. लेकिन यह ढील सिर्फ कुछ चुनिंदा गैर-मुस्लिम विदेशी निवासियों के लिए है. सऊदी अरब में रहने वाले गैर-मुसलमान अमीरों को अब शराब मिलनी शुरू हो गई है.

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर आप गैर-मुस्लिम हैं और आपकी मासिक आय लगभग 13,300 डॉलर (करीब 12 लाख रुपये) है, तो आप सऊदी की राजधानी रियाद में स्थित एकमात्र शराब दुकान पर जाकर बीयर खरीद सकते हैं.

यह कदम उस इस्लामी देश की बड़ी नीतिगत बदलाव का संकेत है, जहां कुरान की शिक्षाओं का पालन करते हुए कई मुसलमान पूरी तरह शराब से दूरी बनाए रखते हैं. यह देश इस्लाम के दो सबसे पवित्र स्थलों मक्का और मदीना का भी घर है.

हालांकि, पिछले कुछ सालों में सऊदी अरब ने कई सख्त नियमों को खत्म किया है. महिला सुधारों की दिशा में बड़े कदम उठाए गए हैं जैसे उन्हें ड्राइविंग की आजादी देना, अकेले कहीं भी आने-जाने की आजादी देना.

सऊदी अरब का यह हालिया फैसला सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट ‘विजन 2030’ के तहत अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश को आकर्षित करने की रणनीति का हिस्सा है. इस विजन के तहत सऊदी अरब कच्चे तेल से अपनी निर्भरता कम करना चाहता है.

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सिर्फ अमीरों के लिए शराब

ब्लूमबर्ग के अनुसार, शराब खरीदने के लिए विदेशी निवासियों को दुकान पर अपना सैलरी सर्टिफिकेट दिखाना होता है, ताकि उनकी इनकम की पुष्टि हो सके. फिलहाल सऊदी अरब में औसत मासिक वेतन करीब 2,750 डॉलर (लगभग 2.47 लाख रुपये) है.

रियाद के डिप्लोमैटिक क्वार्टर में स्थित सऊदी का एकमात्र शराब स्टोर जनवरी 2024 में खोला गया था, लेकिन उस समय यह सिर्फ विदेशी डिप्लोमैट्स और प्रीमियम रेजीडेंसी धारकों (जैसे उद्यमी और बड़े निवेशक) के लिए था. उससे पहले, डिप्लोमैट्स सीलबंद पैकेजों में शराब आयात करते थे.

70 साल बाद बड़ा बदलाव

सऊदी अरब ने 1952 में शराब की खरीद-बिक्री पर कड़ा प्रतिबंध लगा दिया था जब राजा अब्दुलअजीज के बेटे ने शराब के नशे में एक ब्रिटिश डिप्लोमैट की गोली मारकर हत्या कर दी थी. अब यह कदम शराब नीति में सबसे बड़े ढील के रूप में देखा जा रहा है.

रियाद स्थित शराब स्टोर से शराब खरीदने के लिए डिप्लोमैट्स को मोबाइल ऐप के जरिए स्लॉट बुक करना पड़ता था और विदेश मंत्रालय की ओर से कोड और मासिक कोटा दिया जाता था.

अब हाई इनकम वाले गैर-मुस्लिम निवासी भी शराब खरीद सकेंगे. इसके अलावा, जेद्दा और दहरान में भी नई शराब दुकानें खोली जाएंगी.

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यह कदम पर्यटन बढ़ाने, अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को आकर्षित करने और तेल पर निर्भरता कम करने की दिशा में सऊदी अरब का बड़ा प्रयास है. साथ ही, 2034 फीफा फुटबॉल वर्ल्ड कप भी सऊदी अरब में आयोजित किया जाएगा जिसके लिए सऊदी अरब अपनी छवि को आधुनिक बनाने की दिशा में काम कर रहा है.

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