अमेरिका के बाद मिस्र पहुंचे पीएम मोदी का वहां शनिवार को जोरदार से स्वागत किया गया. अपने मिस्त्र दौरे के दूसरे दिन पीएम मोदी आज प्रसिद्ध मस्जिद 'अल हकीम' में भी पहुंचे और मस्जिद का निरीक्षण किया. यहां दाऊदी बोहरा समुदाय के लोगों ने प्रधानमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया और उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किए गए.
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने हेलियोपोलिस कॉमनवेल्थ वॉर ग्रेव स्थित युद्ध स्मारक का दौरा किया और प्रथम विश्व युद्ध के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके बाद उन्होंने आंगतुक पुस्तिका पर हस्ताक्षर किए. इस स्मारक को उन 4000 भारतीय सैनिकों के स्मारक के रूप में जाना जाता है, जो प्रथम विश्व युद्ध में मिस्त्र और फलस्तीन में शहीद हो गए थे.
कब्रिस्तान के प्रवेश द्वार पर हेलियोपोलिस पोर्ट टेवफिक मेमोरियल है, जो बहादुर भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि के रूप में बनाया गया है. हालांकि पोर्ट टेवफिक का मूल स्मारक 1970 के दशक में इजरायल-मिस्र संघर्ष के दौरान नष्ट हो गया था.
11वीं शताब्दी की ऐतिहासिक अल-हकीम मस्जिद का भारत से भी खास नाता है और इसके पुर्नरुद्धार में भारत की अहम भूमिका रही है. यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल इस मस्जिद का जीर्णोद्धार बोहरा समुदाय ने किया गया था और दाऊदी बोहरा समुदाय के 52वें धर्मगुरु सैय्यद मोहम्मद बुरहानुद्दीन ने इसकी जिम्मेदारी ली. भारत से ताल्लुक रखने वाले बुरहानुद्दीन का भारत से नाता रहा है और उन्हें मरणोपरांत पद्मश्री दिया गया.
बता दें कि राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी के निमंत्रण पर पीएम मोदी की मिस्र की दो दिवसीय राजकीय यात्रा 1997 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा है. अपने मिस्त्र के अंतिम दिन पीएम मोदी आज विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे.
प्रधानमंत्री आज मिस्र के राष्ट्रपति अल-सिसी से मुलाकात करेंगे. इस दौरान कई समझौतों पर हस्ताक्षर भी होंगे. राष्ट्रपति के साथ पीएम मोदी का लंच का कार्यक्रम भी है जिसके बाद एक संयुक्त प्रेस वक्त्व्य भी जारी किया जा सकता है. इससे पहले कल पीएम मोदी का स्वागत करने बड़ी संख्य में मिस्र के लोग भी पहुंचे थे. इस मौके पर मिस्र की एक युवती ने पीएम मोदी के लिए शोले फिल्म का गाना गया.