पाकिस्तान में राजनीतिक तनाव के बीच खैबर पख्तूनख्वा (KPK) के मंत्री शफीक जान ने संघीय सरकार को तीखा संदेश दिया है. उन्होंने कहा कि प्रांत में केवल 'इमरान खान का शासन' चलता है. वहीं, पीटीआई सांसद मशाल यूसुफजई ने भी गवर्नर शासन की चर्चाओं को लेकर सख्त रुख अपनाया है. शफीक जान ने संघीय सरकार से गुजारिश की है कि अगर सरकार का इरादा गवर्नर शासन लगाने का है, तो 'कल के बजाय आज' ही लगा दे.
पीटीआई सीनेटर मशाल यूसुफजई ने गवर्नर शासन की बातचीत को लेकर जोरदार हमला किया है. उन्होंने कहा कि अगर गवर्नर ने गवर्नर शासन लगाने पर चर्चा करने के लिए बैठक बुलाई है, तो 'कल के बजाय आज ही कर दें'.
पीटीआई सीनेटर मशाल यूसुफजई ने कहा कि संघीय सरकार को यह समझने देना चाहिए कि खैबर पख्तूनख्वा में किसका अधिकार है. यह बयान इस बात पर जोर देता है कि प्रांत में पीटीआई नेतृत्व अपनी राजनीतिक पकड़ को लेकर कितना आश्वस्त है. उनका रुख बताता है कि वे किसी भी कार्रवाई के लिए तैयार हैं और संघीय सरकार की मंशा पर सीधा सवाल उठा रहे हैं.
पुलिस बल के दुरुपयोग पर टिप्पणी...
प्रांतीय मंत्री शफीक जान ने कहा कि खैबर पख्तूनख्वा अपने पुलिस बल का दुरुपयोग नहीं करता है. उन्होंने कहा, "हमने पहले कभी पुलिस का इस्तेमाल नहीं किया, न ही हम अब करेंगे." उन्होंने आगे कहा कि हम पंजाब पुलिस की तरह नहीं हैं कि उन्हें कठपुतली की तरह इस्तेमाल करें. खैबर पख्तूनख्वा में पुलिस को पेशेवर तरीके से अपना कर्तव्य निभाना चाहिए.
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इमरान खान रूल का वर्चस्व...
शफीक जान ने अपनी बात को दोहराते हुए कहा कि खैबर पख्तूनख्वा में सिर्फ एक ही शासन है और वह है 'इमरान खान रूल'. यह बयान प्रांत में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के राजनीतिक वर्चस्व को दर्शाता है. दोनों नेताओं ने एकजुट होकर केंद्र को चुनौती दी है.