पाकिस्तान के बलूचिस्तान (Balochistan) में मंगलवार देर रात कई सरकारी प्रतिष्ठानों पर सिलसिलेवार हमले और धमाके हुए, जिसकी ज़िम्मेदारी बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (BLF) ने ली. संगठन ने 'ऑपरेशन बाम (डॉन)' शुरू करने का ऐलान किया है. पंजगुर, सुरब, केच और खारन सहित कई जिलों में करीब 17 हमले हुए हैं.
हालांकि, पाकिस्तानी अधिकारियों ने अभी तक धमाके की वजह से हुए नुकसान की पूरी तरह से पुष्टि नहीं की है. एजेंसी के मुताबिक, स्थानीय सूत्रों ने बताया कि प्रभावित इलाकों में भारी नुकसान हुआ है. धमाकों के दौरान निशाना बनाई गई जगहें में कथित तौर पर सैन्य चौकियां, संचार ढांचे और प्रशासनिक सुविधाएं शामिल थीं.
'बलूच राष्ट्रीय मुक्ति संग्राम में एक नई सुबह...'
बीएलएफ प्रवक्ता मेजर ग्वाराम बलूच ने इस कैंपेन को 'बलूच राष्ट्रीय मुक्ति संग्राम में एक नई सुबह' बताया और कहा कि यह कैंपेन मकरान तटीय इलाके से लेकर पहाड़ी कोह-ए-सुलेमान पर्वत रेंज तक फैला हुआ है. उन्होंने दावा किया कि हमलों को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों को 'मानव और भौतिक दोनों तरह का नुकसान' पहुंचाने के लिए सावधानीपूर्वक लॉन्च किया गया है.
मेजर ग्वाहराम ने एक बयान में कहा, "प्रतिरोध एक नए फेज में प्रवेश कर चुका है. ऑपरेशन बाम का मकसद यह दिखाना है कि बलूच लड़ाके बड़े भूभाग में बड़े पैमाने पर, समन्वित अभियान चलाने में काबिलियत रखते हैं." उन्होंने आगे कहा कि ऑपरेशन खत्म होने के बाद बीएलएफ इसके नतीजों के बारे में और जानकारी इकट्ठा करेगा.
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ये हमले हाल के वर्षों में बीएलएफ द्वारा किए गए सबसे बड़े हमलों में से एक हैं, जो बलूच-बहुल प्रांत में चल रही अशांति और अलगाववादी तनाव की तरफ इशारा करते हैं. बीएलएफ लंबे वक्त से पाकिस्तानी सरकार पर बलूचिस्तान के संसाधनों का दोहन करने और उसके लोगों को बुनियादी अधिकारों और स्वायत्तता से वंचित करने का आरोप लगाता रहा है.
सिक्योरिटी फोर्सेज ने कथित तौर पर टारगेटेड जिलों में तलाशी अभियान शुरू कर दिया है, और बुधवार सुबह तक केच और पंजगुर के कुछ हिस्सों में संचार व्यवस्था बाधित रही.
ऑपरेशन बाम इस इलाके में बढ़ती विद्रोही क्षमता को दर्शाता है और पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी प्रांत में अस्थिर सुरक्षा माहौल की तरफ इशारा करता है, जहां पिछले दो दशकों में सशस्त्र विद्रोह और सरकारी दमन के कई चक्र देखे गए हैं.