फारसी में कुह का अर्थ पहाड़ या पर्वत होता है. कोलांग का मतलब गैंती या कुदाल. पारसी शब्द कुह-ए-कोलांग गज-ला (Kuh-e Kolang Gaz La) का अर्थ होता है गैंती या कुदाल जैसा दिखने वाला पहाड़. अंग्रेजी में इसे पिकैक्स माउंटेन (Pickaxe Mountain) कहते हैं. कुह-ए-कोलांग गज-ला शब्द को लोग ज्यादा नहीं जानते थे. लेकिन ईरान के परमाणु केंद्रों पर अमेरिकी हमलों के बाद इस एक शब्द की चर्चा खूब हो रही है. अब कहा जा रहा है कि कुह-ए-कोलांग गज-ला ईरान में पहाड़ का वो हिस्सा है जहां ईरान ने अमेरिकी हमले से पहले अपने एनरिच यूरेनियम को छिपाकर रख दिया था.
फोर्डो, इस्फहान और नंताज की चर्चा के बीच कुह-ए-कोलांग गज-ला या पिकैक्स माउंटेन एक नया शब्द है. आइए जानते हैं कि पिकैक्स माउंटेन कहां हैं? ईरान के लिए इस पहाड़ का सामरिक महत्व क्या है. और अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एंजेंसी का इस न्यूक्लियर साइट के बारे में क्या आकलन है?
द टेलिग्राफ की एक रिपोर्ट के अनुसार जब अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के महानिदेशक ने ईरान से पूछा कि पिकैक्स पर्वत के नीचे क्या हो रहा है, तो ईरान का जवाब, रूखा, तीखा और संक्षिप्त था: "इससे आपका कोई लेना-देना नहीं है."
कुह-ए-कोलांग गज-ला या पिकैक्स माउंटेन की चर्चा क्यों है
IAEA के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी का सवाल इस माहौल में और भी वाजिब हो गया है. हाल ही में अमेरिका ने बी-2 स्टील्थ जेट विमानों से ईरान के फोर्डो और नतांज में स्थित न्यूक्लियर साइट पर हमला किया है. अमेरिका ने इस पर 30 हजार पाउंड के बंकर-बस्टिंग बम गिराये. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि इस हमले ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को 'नष्ट' कर दिया.
लेकिन ट्रंप के इस दावे पर न सिर्फ अमेरिकी एजेंसियों ने बल्कि ईरान ने भी सवाल उठाया. ईरान ने दावा किया था कि उसके एनरिच यूरेनियम सुरक्षित हैं.
दरअसल अमेरिकी हमले से पहले फोर्डो न्यूक्लियर प्लांट के बाहर 16 ट्रकों की एक कतार देखी गई थी. ईरान के परमाणु कार्यक्रम के एक विशेषज्ञ ने टेलीग्राफ को तब बताया था कि ईरान की सरकार ने अपने हाइली एनरिच यूरेनियम को अमेरिका द्वारा बमबारी करने से पहले ही एक गुप्त स्थान पर ट्रांसफर कर दिया था.
रिपोर्ट है कि वो गुप्त स्थान कुह-ए-कोलांग गज-ला या पिकैक्स माउंटेन हो सकता है. यानी कि हो सकता है कि ईरान के एनरिच यूरेनियम पिकैक्स माउंटेन में रखे गए हों.
गौरतलब है कि तेहरान सैकड़ों ऐसे स्थानों को छिपाकर रखा है जहां एडवांस सेंट्रीफ्यूज को छिपाकर रखा जा सकता है. ये सेंट्रीफ्यूज इतने सक्षम है कि वेपन ग्रेड यूरेनियम बना सकते हैं. जिनकी जरूरत परमाणु बमों के लिए होती है. ये जानकारी इजरायली सेना में 30 साल तक काम कर चुके सीमा शिने ने दी है.
पिकैक्स माउंटेन कहां है?
ईरान का अपेक्षाकृत नया न्यूक्लियर प्रोजेक्ट पिकैक्स माउंटेन तेहरान से दक्षिण की ओर लगभग 225 किलोमीटर की दूरी पर है. ये फोर्डो से दक्षिण की ओर 90 मील की दूरी पर है. लेकिन नतांज से इसकी दूरी कुछ ही मिनटों की है.
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इस साल अप्रैल में जब प्लैनेट लैब्स नाम की संस्था ने इस जगह की सैटेलाइट तस्वीरें लीं तो पता चला कि ईरान कुह-ए कोलांग गज ला या पिकैक्स माउंटेन में धीरे धीरे खुदाई कर रहा है. तस्वीरों से पता चलता है कि नतांज की दक्षिणी घेरेबंदी से यह कुछ दूर में मौजूद है.
एंटी एयरक्राफ्ट विमानों की निगरानी में विकसित हो रहे इस परिसर की सुरक्षा ईरान के IRGC कमांडर करते हैं. यह परमाणु साइट ईरान के केंद्र में स्थित शुष्ठ पठारों के बीच 2.7 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला है.
चार एंट्री प्वाइट, धरती से 100 मीटर नीचे
एपी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जेम्स मार्टिन सेंटर फॉर नॉनप्रोलिफरेशन स्टडीज द्वारा रिसर्च की गई तस्वीरों से पता चलता है कि इस पहाड़ की ढलान पर चार सुरंग खोदे गए हैं. इनमें से दो दो पूर्व की ओर और दो पश्चिम की ओर हैं. प्रत्येक सुरंग 6 मीटर (20 फीट) चौड़ा और 8 मीटर (26 फीट) ऊंचा है.
यहां पर चल रहे काम के पैमाने को मिट्टी के बड़े ढेर से समझा जा सकता है.
माना जा रहा है कि ईरान संभवतः 80 मीटर (260 फीट) और 100 मीटर (328 फीट) की गहराई पर एक न्यूक्लियर रिसर्च फैसिलिटी का निर्माण कर रहा है.
कुह-ए-कोलांग गज-ला में बन रहा न्यूक्लियर अड्डा 1,608 मीटर ऊंचे पहाड़ के नीचे बनाई जा रही है, जो फोर्डो (960 मीटर) से कहीं अधिक ऊंचा और गहरा है. इस सुविधा को इतना गहरा बनाया गया है कि इसे अमेरिका के GBU-57 बंकर बस्टर बमों से भी नष्ट करना मुश्किल हो सकता है.
विशेषज्ञ बताते हैं कि जिस आकार का निर्माण ईरान यहां कर रहा है उससे यह संकेत मिलता है कि इस भूमिगत परमाणु केंद्र में ईरान न सिर्फ यूरेनियम को एनरिच कर सकेगा बल्कि यहां सेंट्रीफ्यूज भी बना सकेगा. पिछले चार साल में इस परिसर का और भी विस्तार किया गया है.
चट्टानों की बीच मौजूद होने की वजह से इस परमाणु केंद्र को और भी मजबूत, गुप्त और सुरक्षित माना गया है.
IAEA ने मांगी निरीक्षण की इजाजत
IAEA के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी ने अप्रैल में कहा था कि चूंकि यह स्पष्ट है कि यह ऐसी जगह है जहां कार्यक्रम से संबंधित कई महत्वपूर्ण गतिविधियां हो रही हैं, इसलिए हम उनसे पूछ रहे हैं 'यह किस लिए है?' और वे हमसे कह रहे हैं, 'यह आपका कोई काम नहीं है.
सोमवार को ग्रॉसी ने ईरान से मांग की थी कि तेहरान IAEA के इंस्पेक्टरों को फोर्डो, इस्फहान और नतांज का मुआयना करने दे ताकि एनरिच यूरेनियम की स्थिति समझी जा सके.
पिकैक्स माउंटेन को लेकर संदेह इसलिए भी जताया जा रहा है क्योंकि इंस्टीट्यूट फॉर साइंस एंड इंटरनेशनल सिक्योरिटी के अनुसार ईरान "नए सुरंग परिसर में गुप्त रूप से कई हजार उन्नत सेंट्रीफ्यूज तैनात कर सकता है", जो यूरेनियम संवर्धन जारी रखने के लिए पर्याप्त होंगे, भले ही अन्य सभी ज्ञात स्थल नष्ट हो जाएं.
बता दें कि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के सलाहकार अली शमखानी ने कहा है कि भले ही हमारे साइटों का पूर्ण विनाश हो जाए लेकिन खेल खत्म नहीं हुआ है, क्योंकि समृद्ध सामग्री, स्वदेशी ज्ञान और राजनीतिक इच्छाशक्ति बरकरार रहेगी.”
ईरान के उप विदेश मंत्री माजिद तख्त-रवांची ने उन दावों को खारिज कर दिया कि तेहरान अपने परमाणु कार्यक्रम को छोड़ देगा, उन्होंने जर्मनी की न्यूज एजेंसी ARD से कहा कि कोई भी हमें यह नहीं बता सकता कि हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं.”
पिकैक्स माउंटेन के पास चल रही गतिविधियों, यहां बढ़ रहे सुरक्षा उपायों से संकेत मिलता है कि ईरान इस साइट को जल्द ही चालू कर सकता है.