इजरायल संसद के स्पीकर आमिर ओहाना (Amir Ohana) का 31 मार्च से भारत दौरा शुरू होने जा रहा है. भारत दौरे से पहले इजरायली संसद के स्पीकर और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के करीबी विश्वासपात्र आमिर ओहाना ने मुंबई हमले को लेकर बड़ा बयान दिया है.
उन्होंने कहा है कि 2008 मुंबई हमले के साजिशकर्ताओं को भारी कीमत चुकानी पडे़गी. ओहाना ने कहा कि भारत और इजरायल दोनों के समक्ष आतंकवाद सबसे बड़ी समस्या है और दोनों देश मिलकर इससे निपटेंगे.
ओहाना ने पिछले साल दिसंबर में इजरायल के स्पीकर पद की शपथ ली थी. वह पहली बार भारत दौरे पर आ रहे हैं. उनका चार दिवसीय भारत दौरा 31 मार्च से शुरू हो रहा है.
'जिसने भी आतंकी भेजे, कीमत चुकाएंगे'
ओहाना ने कहा कि हम सभी को 2008 का मुंबई आतंकी हमला याद है, जिसमें 150 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. इस हमले में मारे गए विदेशियों में दुर्भाग्य से इजरायली और यहूदी भी थे, जो चबाड हाउस आए थे. यह सिर्फ भारत पर नहीं बल्कि यहूदियों पर भी हमला था. यह भारत और इजरायल के साझा मूल्यों पर हमला था.
उन्होंने कहा कि जिसने भी इस हमले की साजिश रची और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों को मुंबई भेजा, उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. मुंबई के चबाड हाउस पर हमला भारत और इजरायल के साझा दुखों का प्रतीक है. आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई सभी आजाद देशों की जरूरत है, विशेष रूप से भारत और इजरायल जैसे देशों के लिए.
'पहले दौरे के लिए भारत पसंद'
उन्होंने कहा कि जब मैंने यह फैसला किया कि मुझे बतौर स्पीकर अपने पहले आधिकारिक दौरे पर कहां जाना है तो कई कारणों से भारत इसका जवाब था. भारत एक उभरती हुई महाशक्ति है. भारत और इजरायल के बीच कई चीजें सामान्य है. अभी तक इजरायल के किसी भी स्पीकर ने भारत का दौरा नहीं किया है. मुझे लगा कि अब समय आ गया है कि इजरायली स्पीकर को भारत दौरे पर जाना चाहिए.
'चबाड हाउस जाकर श्रद्धांजलि देंगे'
बता दें कि इस दौरान वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, विदेश मंत्री एस जयशंकर, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ सहित कई प्रमुख नेताओं से मिलेंगे. उनका प्रतिनिधिमंडल मुंबई का भी दौरा करेगा, जहां वे चबाड हाउस में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देंगे. इस दौरान वह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के सीईओ से भी मुलाकात करेंगे.
क्या हुआ था मुंबई में?
26 नवंबर 2008 की शाम पाकिस्तान के 10 आतंकी भारत में घुस आए थे. आतंकियों ने अलग-अलग जगह जाकर गोलियां बरसाई थीं. आतंकियों ने रेलवे स्टेशन, ताज होटल, ओबेरॉय होटल और चबाड हाउस जैसी जगहों को निशाना बनाया था.
26 नवंबर की रात 9 बजकर 43 मिनट पर शुरू हुआ आतंक का तांडव 29 नवंबर की सुबह 7 बजे खत्म हुआ था. मुंबई की सड़कों पर मौत का ये तांडव 60 घंटों तक चला था. इन हमलों में 150 से अधिक लोग मारे गए थे. कई आतंकियों को एनकाउंटर में मार गिराया गया था. एकमात्र आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया था, जिसे 21 नवंबर 2012 को फांसी दे दी गई. मुंबई हमलों में मुंबई पुलिस, एटीएस और एनएसजी के 11 जवान शहीद हुए थे.