इजरायली वायुसेना ने मंगलवार देर रात गाजा पट्टी पर जोरदार हवाई हमले किए. यह हमला तब हुआ जब इजरायल ने फ़िलिस्तीनी संगठन हमास पर संघर्षविराम तोड़ने का आरोप लगाया. स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इन हमलों में कम से कम 26 लोगों की मौत हुई.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मरने वालों में पांच लोग बुरैज शरणार्थी शिविर में, चार गाजा सिटी के सबरा इलाके में और पांच खान यूनिस में एक कार पर हुए हमले में मारे गए. स्थानीय लोगों ने बताया कि हमले बुधवार सुबह तक जारी रहे.
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इजरायल की सेना ने अभी इस पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की, लेकिन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने बताया कि उन्होंने "तुरंत और शक्तिशाली जवाबी कार्रवाई" का आदेश दिया था. इजरायली सेना के एक अधिकारी ने कहा कि हमास ने इजरायली बलों पर हमला कर संघर्षविराम का उल्लंघन किया है.
हमास ने बंधकों का शव रोका
हमास के सशस्त्र विंग ‘अल-कसम ब्रिगेड’ ने कहा है कि उसने मंगलवार को एक लापता बंधक का शव सौंपने की जो योजना बनाई थी, उसे फिलहाल टाल दिया गया है. संगठन का कहना है कि गाजा में संघर्षविराम का इजरायल द्वारा उल्लंघन किया जा रहा है. अल-कसम ब्रिगेड ने कहा कि अगर इजरायल हमले बढ़ाता है, तो इससे शवों की तलाश और उन्हें वापस लाने की प्रक्रिया में देरी होगी.
ट्रंप की मध्यस्थता में 10 अक्टूबर को लागू हो सीजफायर
यह संघर्षविराम 10 अक्टूबर को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से लागू हुआ था, जिसने 2023 में शुरू हुए दो साल लंबे युद्ध को विराम दिया था. हालांकि दोनों पक्ष एक-दूसरे पर समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाते रहे हैं. अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा कि "संघर्षविराम अभी भी कायम है, भले ही बीच-बीच में झड़पें हों."
वहीं इजरायली पीएम नेतन्याहू ने दावा किया कि हमास ने बंधकों के शवों की अदला-बदली की प्रक्रिया में "गलत अवशेष" सौंपकर समझौता तोड़ा है. इसके जवाब में हमास ने कहा कि वह अब भी संघर्षविराम के प्रति प्रतिबद्ध है और इजरायल ही स्थिति को बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है.
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दो साल की जंग में 68000 फिलिस्तीनियों की मौत
इस बीच, गाजा सिटी में शिफा अस्पताल के पास एक आवासीय इमारत पर हमला हुआ, जिसमें चार लोग मारे गए. अस्पताल के पास बने टेंट पर भी बम गिरने की खबर है. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक 68,000 से अधिक लोग इजरायली हमलों में मारे जा चुके हैं और हजारों अब भी लापता हैं.
संघर्षविराम के तहत हमास ने सभी जीवित बंधकों को रिहा किया था और इजरायल ने करीब 2,000 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ा था लेकिन अब बंधकों के शवों की खोज नए विवाद का कारण बन गई है. गाजा में फिर भड़की हिंसा ने इस नाज़ुक समझौते की स्थिरता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.