पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में आतंकी संगठन से जुड़े ठिकानों पर की गई ईरान की एयरस्ट्राइक के बाद अब ईरानी सैन्य बलों को निशाना बनाकर आतंकी हमला किया गया है. ईरानी समाचार एजेंसी आईआरएनए के मुताबिक, ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स (सैन्य बल) के एक सदस्य की पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा से लगे देश के अशांत दक्षिणपूर्वी प्रांत में गोली मारकर हत्या कर दी गई है.
पाकिस्तान ने दी थी ईरान को धमकी
सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में हुआ यह हमला ईरान द्वारा पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में आतंकवादी समूह जैश उल-अदल के दो ठिकानों पर हमले के एक दिन बाद हुआ है. दरअसल पाकिस्तान ने हवाई हमले किए जाने पर ईरान को ‘‘गंभीर परिणाम’’ भुगतने की चेतावनी दी थी. अब ईरानी सैन्य अफसर को निशाना बनाकर किया गया आतंकी हमला एक तरह से बदले की कार्रवाई प्रतीत हो रहा है.
आईआरएनए ने कहा, 'हमालवरों की पहचान करने और उनका पीछा करने के प्रयास जारी हैं.' इससे पहले पाकिस्तान ने ईरान से अपने राजदूत को वापस बुला लिया और दावा किया कि तेहरान ने पाकिस्तान की संप्रभुता का "घोर उल्लंघन" करते हुए उसके हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया. ईरान के हमलों को "अवैध कृत्य" बताते हुए पाकिस्तान ने कहा कि उसने तेहरान में ईरानी विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया था.
जैश-उल-अदल पर शक
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, जैश उल-अदल नाम के आतंकी संगठन ने पहले पाकिस्तान से सटे सीमा क्षेत्र में ईरानी सुरक्षा बलों पर हमले किए थे. ईरानी समाचार एजेंसी तसनीम ने कहा, ‘पाकिस्तान में जैश-अल-धुल्म (जैश-उल-अदल) आतंकवादी समूह के दो प्रमुख ठिकानों को विशेष रूप से लक्षित किया गया और सफलतापूर्वक ध्वस्त कर दिया गया.'
ईरान लगातार चेतावनी दे रहा है कि जैश-उल-अदल आतंकवादी समूह उसके सुरक्षाबलों पर हमले करने के लिए पाकिस्तान की भूमि का इस्तेमाल कर रहा है और बलूचिस्तान के सीमावर्ती शहर पंजगुर में इसके ठिकाने हैं. पाकिस्तान ने कहा, 'ईरानी विदेश मंत्रालय के संबंधित वरिष्ठ अधिकारी के समक्ष इसे लेकर पहले ही कड़ा विरोध दर्ज कराया जा चुका है.
इसके अलावा, पाकिस्तान की संप्रभुता के इस घोर उल्लंघन की कड़ी निंदा से अवगत कराने के लिए ईरान के प्रभारी राजदूत को विदेश मंत्रालय में तलब किया गया है और इसके परिणामों की जिम्मेदारी पूरी तरह से ईरान की होगी.'