संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सोमवार को भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ रहे तनाव को लेकर चिंता जाहिर की और कहा कि इन देशों के बीच संबंध कई वर्षों में अपने चरम पर हैं. उन्होंने दोनों देशों से संयम बरतने और स्थिति को नियंत्रित करने की अपील की. गुटेरेस ने एक छोटे बयान में कहा, "सैन्य समाधान कोई समाधान नहीं है."
गुटेरेस ने शांति की राह में दोनों सरकारों को अपने "गुड ऑफिस" की पेशकश की. उन्होंने कहा, "संयुक्त राष्ट्र किसी भी ऐसी पहल का समर्थन करने को तैयार है जो स्थिति को डि-एसक्यूलेट करे, कूटनीति को बढ़ावा दे और शांति के प्रति नए सिरे से प्रतिबद्धता को प्रोत्साहित करे."
यह भी पढ़ें: पाकिस्तानी संसद में खाली दिखीं कुर्सियां... भारत के एक्शन पर बुलाए गए विशेष सत्र में भी दिखा डर का मौहाल
कई वर्षों से चल रहा भारत-पाकिस्तान में तनाव!
संयुक्त राष्ट्र महासचिव की ये टिप्पणी सोमवार को इस्लामाबाद द्वारा तत्काल बैठक की मांग करने के बाद भारत-पाकिस्तान तनाव पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बंद दरवाजे की चर्चा से कुछ घंटे पहले आई थी. गुटेरेस ने कहा, "भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कई वर्षों में अपने चरम पर हैं. मैं दोनों देशों की सरकारों और लोगों के प्रति गहरी प्रशंसा करता हूं और संयुक्त राष्ट्र के कार्यों में उनके अहम योगदान के लिए आभारी हूं."
भारत-पाकिस्तान के संबंध बॉइलिंग पॉइंट्स पर पहुंच गए
गुटेरेस ने कहा, "इसलिए यह देखना दुखद है कि संबंध बॉइलिंग पॉइंट्स पर पहुंच गए हैं." गुटेरेस ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए "भयानक आतंकी हमले" के बाद की "कच्ची भावनाओं" को समझने की बात कही और फिर से उस हमले की कड़ी निंदा की, साथ ही हमले में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना भी जाहिर की. उन्होंने कहा, "नागरिकों को निशाना बनाना अस्वीकार्य है - और जिम्मेदार लोगों को विश्वसनीय और कानूनी साधनों से न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए."
यह भी पढ़ें: 'LoC पर किसी भी वक्त हमला कर सकता है भारत'... हिंदुस्तान की तैयारियां देख छूटे पाकिस्तान के पसीने
सैन्य संघर्ष से बचना बेहद आवश्यक
गुटेरेस ने कहा कि इस महत्वपूर्ण घड़ी में सैन्य संघर्ष से बचना बेहद आवश्यक है, जिससे स्थिति नियंत्रण से बाहर हो सकती है. भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध पहलगाम हमले के बाद से और बिगड़ गए हैं, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें से ज्यादातर पर्यटक थे. इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई रणनीतिक कदम उठाए हैं, जिसमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, अटारी में एकमात्र ऑपरेशन पॉइंट्स बंद करना और कूटनीतिक संबंधों को कम करना शामिल है.