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रूस को लेकर भारतीय पेट्रोलियम मंत्री ने अमेरिका को सुनाई दो टूक

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने स्पष्ट करते हुए कहा कि रूस से तेल खरीदने को लेकर किसी भी प्रकार का कोई नैतिक द्वंद्व नहीं है. उन्होंने कहा कि जब हंगरी, चीन और जापान तथाकथित आर्थिक प्रतिबंध के बाद भी तेल खरीद सकता है तो भारत क्यों नहीं. उन्होंने कहा कि भारत और भारत के नागरिकों का हित सर्वोपरि है.

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केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ( फोटोः गेटी )
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ( फोटोः गेटी )

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को एक इंटरव्यू में कहा कि यह हमारा नैतिक कर्तव्य है कि हम अपने 130 करोड़ नागरिकों को पेट्रोल, डीजल और गैस की सप्लाई करें.उन्होंने कहा कि रूस से तेल खरीदने को लेकर किसी भी प्रकार का कोई नैतिक द्वंद्व नहीं है. जब हंगरी, चीन और जापान तथाकथित आर्थिक प्रतिबंध के बाद भी तेल खरीद सकते हैं तो भारत क्यों नहीं? उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष 2022 में भारत का रूस से तेल आयात कुल तेल आयात का 2 प्रतिशत से भी कम है.

यूक्रेन और रूस युद्ध के बीच अमेरिका और पश्चिमी देशों ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध की घोषणा की थी. जिसके बाद से भारत पर दबाव बनाया जाता रहा है कि मोदी सरकार रूस से कच्चा तेल न खरीदे.

पेट्रोलियम मंत्री ने टीवी चैनल सीएनएन को दिए इंटरव्यू में साफ शब्दों में कहा कि इसमें किसी भी तरह की गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि भारत सबसे ज्यादा तेल रूस से खरीदता है. उन्होंने कहा कि रूस से जितना तेल भारत तीन महीने में खरीदता है, उतना तेल यूरोप एक दिन में खरीदता है. उन्होंने कहा कि 31 मार्च को खत्म हुए वित्तीय वर्ष 2022 में भारत ने रूस से कुल तेल आयात का सिर्फ 0.2 प्रतिशत खरीदा है. भारत सबसे ज्यादा तेल इराक से खरीदता है. 

किसी तरह का कोई विवाद नहीं
मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि भारत की आबादी 130 करोड़ है और हमारा यह कर्तव्य है कि हम अपने नागरिकों को जरूरत का पेट्रोल, डीजल और गैस सप्लाई करें. उन्होंने कहा कि भारत में प्रतिदिन 60 मिलियन लोग पेट्रोल पंप पर तेल भराते हैं और उन्हें तेल किफायती दाम में मिले इसके लिए भारत सरकार ने अपना राजस्व कम करते हुए तेल पर लगे टैक्स में कटौती की है. इंटरव्यूवर ने जब पुरी से पूछा कि क्या रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत का किसी तरह का कोई नैतिक दबाव नहीं है? उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि निसंदेह किसी तरह का कोई कूटनीतिक विवाद नहीं है. 

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तेल खरीद में सरकार का हाथ नहीं
पेट्रोलियम मंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि कच्चे तेल के आयात में सरकारी एजेंसी ओएनजीसी का कोई हाथ नहीं है. तेल का ट्रेड पूरी तरह से प्राइवेट कंपनियां करती हैं और वो किसी एक्स या वाई देश देख कर नहीं, बल्कि जहां तेल उपलब्ध है वहां से खरीदती हैं. उन्होंने कहा कि पिछले साल भारत ने अमेरिका से कुल 20 अरब डॉलर का तेल आयात किया था जो ओपेक देशों से कुल आयात का 50 प्रतिशत है. इससे स्पष्ट है कि हम तेल या गैस वहां से खरीदेंगे जहां उपलब्ध रहेगा. 

चीन और जापान खरीद सकता है तो भारत क्यों नहीं
क्या भारत रूस से तेल आयात को फिलहाल होल्ड कर सकता है? इस सवाल का जवाब देते हुए पुरी ने कहा कि अगर भारत या कोई अन्य देश रूस से तेल नहीं खरीदता है तो रूस का तेल मार्केट से बाहर हो जाएगा. इससे अंतरराष्ट्रीय मार्केट में तेल की मांग में और तेजी आएगी और कच्चे तेल की कीमत प्रति बैरल 200 डॉलर को पार कर जाएगी. 

यूरोपीय यूनियन और अमेरिका अगर भारत को रूस से तेल खरीद पर रोक लगाने के लिए कहते हैं तो भारत क्या करेगा? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि हम किसी तरह के काल्पनिक सवाल का जवाब देना पसंद नहीं करते. उन्होंने कहा कि जब हंगरी, चीन और जापान तथाकथित आर्थिक प्रतिबंध के बाद भी तेल खरीद सकते हैं तो भारत क्यों नहीं?

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भारत पर कोई दवाब नहीं
हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि अमेरिका, पश्चिमी देश और यूरोपीय यूनियन से इस मुद्दे को लेकर स्वतंत्र रूप से काफी चर्चा हुई है. भारत के ऊपर तेल खरीदने को लेकर किसी तरह का कोई दबाव नहीं है. भारत दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा अर्थव्यवस्था वाला देश है. भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है. तेल की कीमतों में इजाफा करने से दो परिणाम हो सकते हैं, पहला महंगाई बढ़ेगी और मंदी आ सकती है. दूसरा- हमें हरित ऊर्जा के माध्यम से अपनी जरूरत पूरी करनी होगी.

भारत का हित सबसे जरूरी 
जी-7 समूह द्वारा रूस पर आर्थिक प्रतिबंध में सहायता को लेकर पूछे गए सवाल पर पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि भारत अपने हित को देखते हुए फैसला करेगा. उन्होंने कहा कि भारत और भारत के नागरिकों का हित सर्वोपरि है.

ऊर्जा क्षेत्र में भारत कर रहा काम
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि कच्चे तेल पर निर्भरता को कम करने के लिए भारत ग्रीन एनर्जी पर काफी काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि भारत पहला देश है, जिसने दुनिया को बताया कि सौर ऊर्जा की लागत को कम किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि किफायती ऊर्जा के लिए भारत ने कई महत्वाकांक्षी और व्यापक रूप से ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट स्थापित किए हैं. एथेनॉल से तेल उत्पादन को लेकर भी भारत काम कर रहा है. पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि आवश्यकता अविष्कार की जननी है और भारत इस ओर अग्रसर होकर काम कर रहा है.
 

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