यूरोपियन यूनियन
यूरोपियन यूनियन (European Union) यूरोप के 27 सदस्य राज्यों का एक राजनीतिक और आर्थिक संघ है. इस संघ का कुल क्षेत्रफल 4,233,255.3 वर्ग किमी है (European Union Area) और अनुमानित कुल जनसंख्या लगभग 447 मिलियन है (European Union Population). यूरोपियन यूनियन के सभी देशों ने एक कानून के तहत एक आंतरिक एकल बाजार स्थापित किया गया है (EU established Internal Single Market). यूरोपीय संघ की नीतियों का उद्देश्य आंतरिक बाजार के भीतर लोगों, वस्तुओं, सेवाओं और पूंजी की मुक्त आवाजाही सुनिश्चित करना है. इसके अलावा, न्याय और गृह मामलों में कानून बनाना, व्यापार, कृषि, मत्स्य पालन और क्षेत्रीय विकास पर आम नीतियों को बनाए रखना भी इसका उद्देश्य है. 1999 में एक मौद्रिक संघ स्थापित किया गया था, जो 2002 में पूरी तरह से लागू हुआ. यह मौद्रिक संघ 19 सदस्य राज्यों से बना है जो यूरो मुद्रा का उपयोग करते हैं (19 Member Monetary Union uses Euro Currency).
यूरोपियन यूनियन की नागरिकता 1993 में मास्ट्रिच संधि लागू होने के बाद स्थापित हुई (EU Citizenship Came into Force in 1993). माना जाता है कि यूरोपीय संघ की उत्पत्ति यूरोपीय कोयला और इस्पात समुदाय (ECSC) और यूरोपीय आर्थिक समुदाय (EEC) से हुई थी, जिसे क्रमशः 1951 की पेरिस संधि और 1957 की रोम की संधि द्वारा स्थापित किया गया था (Origin of EU). यूरोपीय समुदायों के रूप में जाने जाने वाले मूल सदस्य राज्य इनर सिक्स थे (Inner Six)- बेल्जियम, फ्रांस, इटली, लक्जमबर्ग, नीदरलैंड और पश्चिम जर्मनी. इसका आकार 21 नए सदस्य राज्यों को जोड़कर पूरी तरह से सत्ता में आया. 2009 में हुई लिस्बन की संधि (Treaty of Lisbon) में यूरोपीय संघ में संवैधानिक संशोधन कर इसे लागू किया गया. 2020 में, यूनाइटेड किंगडम यूरोपीय संघ को छोड़ने वाला एकमात्र सदस्य राज्य बन गया (United Kingdom Left EU in 2020). इससे पहले, सदस्य राज्यों के चार क्षेत्र यूरोपीय संघ को छोड़ चुके थे.
2020 में दुनिया की आबादी का लगभग 5.8 प्रतिशत यूरोपियन यूनियन में शामिल है (EU Contains 5.8% of World Population). इसने 2021 में लगभग 17.1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) उत्पन्न किया था, जो वैश्विक नोमिनल जीडीपी का लगभग 18 प्रतिशत है (European Union Economy). 2012 में, यूरोपीय संघ को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. ईयू ने सामान्य विदेश और सुरक्षा नीति के माध्यम से बाहरी संबंधों और रक्षा में एक भूमिका विकसित की है. यह दुनिया भर में स्थायी राजनयिक मिशन रखता है और संयुक्त राष्ट्र, विश्व व्यापार संगठन, G7 और G20 में खुद का प्रतिनिधित्व करता है.
भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो से बातचीत की. जयशंकर ने इटली के उप-प्रधानमंत्री एंटोनियो तजानी और यूरोपीय यनियन की उपाध्यक्ष काजा कल्लास से भी बात की.
भारत की आतंक के विरुद्ध कार्रवाई का विश्वव्यापी समर्थन हो रहा है, जिसमें यूरोपियन यूनियन ने भी कहा है कि "आतंकवाद को कतई सही नहीं ठहराया जा सकता." पाकिस्तान की संभावित गतिविधियों को देखते हुए राजस्थान से लगती 1037 किलोमीटर की सीमा पर सुरक्षा अत्यंत कड़ी कर दी गई है. देखें...
इस बयान के बाद कई लोगों ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के दो साल पहले दिया गए बयान को याद किया जिसमें उन्होंने यूरोप के पाखंड को दुनिया के सामने रखा था. जयशंकर ने कहा था, "यूरोप को यह समझना होगा कि उसके मुद्दे दुनिया के मुद्दे नहीं हैं, लेकिन दुनिया के मुद्दे उसके लिए महत्वहीन हैं."
Apple Meta Fine: यूरोपियन यूनियन ने ऐपल और मेटा पर बड़ा फाइन लगाया है. दोनों कंपनियों पर EU ने 70 करोड़ यूरो का फाइन लगाया है. इसमें ऐपल पर 50 करोड़ यूरो और मेटा और 20 करोड़ यूरो का फाइन है.
यूरोपियन कमीशन ने पुष्टि की है कि उसने अपनी साइबर सिक्योरिटी को हाल में अपडेट किया है. लेकिन उसने अमेरिका द्वारा जासूसी की संभावनाओं पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. यूरोपियन कमीशन ने कहा कि उसकी डिप्लोमेटिक सर्विस हमेशा से ऐसे सिक्योरिटी अपडेट में शामिल रही है.
रूस से लड़ने के लिए यूक्रेन को 21 बिलियन यूरो की भारी भरकम सहायता देने पर यूरोपीय देश सहमत हुए. ब्रिटिश रक्षा मंत्री जॉन हीली ने कहा कि ये यूक्रेन को दी जाने वाली अबतक की सबसे बड़ी सैन्य मदद है. देखें दुनिया की बड़ी खबरें.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आर्थिक सलाहकार पीटर नैवारो को एलॉन मस्क सार्वजनिक तौर पर मूर्ख बोल चुके हैं और उनकी डिग्री पर सवाल उठा चुके हैं. दोनों के बीच यूरोप पर लगाए गए टैरिफ को लेकर मतभेद हैं.
डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को लगभग 180 देशों पर रियायती रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया. इससे अमेरिका के शेयर बाजार धड़ाम से गिरे. डॉव जोंस, एसएंडपी500 और नैस्डैक में बीते हफ्ते पांच फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखी गई. यह 2020 के बाद अमेरिकी शेयर बाजार में सबसे बड़ी गिरावट रही.
बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स में पहुंचे यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को यूरोपियन यूनियन ने मदद का भरोसा दिया है. एक तरफ, ट्रंप ने जेलेंस्की पर तल्खी दिखाई है तो दूसरी तरफ EU ने उन्हें मदद की बात की है. इसके पीछे EU की क्या मंशा है? देखें दुनिया आजतक.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की वाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप से तीखी बहस के बाद से यूरोप में बहुत कुछ बदलने लगा. अमेरिका अगर रूस के साथ चला जाए तो यूरोपियन यूनियन का क्या होगा? इसी पर विकल्प तलाशने के लिए ईयू के 27 सदस्य देश ब्रुसेल्स में इकट्ठा हैं.
व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यूक्रेन को रोकी गई यह सैन्य मदद तब तक बहाल नहीं जाएगी, जब तक राष्ट्रपति ट्रंप को यह सुनिश्चित नहीं हो जाता कि जेलेंस्की वास्तव में शांति चाहते हैं.
ट्रंप के बारे में ये जान लेना जरूरी है कि वह कारोबारी पहले हैं और राष्ट्रपति बाद में. America First और Make America Great Again की पॉलिसी लेकर दूसरी बार अमेरिकी सत्ता पर काबिज हुए ट्रंप का मुख्य एजेंडा ट्रेड और टैरिफ है. ट्रंप यूरोप से खफा है क्योंकि उनका मानना है कि यूरोप को अमेरिका से फायदा हो रहा है लेकिन अमेरिका को यूरोप से कोई खास लाभ नहीं मिल रहा.
ब्रिटिश पीएम ने कहा कि यूरोपीय नेताओं के बीच यूक्रेन में शांति बहाली को लेकर पीस प्लान पर सहमति बनी है, जिसे अमेरिका के समक्ष पेश किया जाएगा. ईयू नेताओं के बीच सहमति बनी कि यूक्रेन की मदद के लिए डिफेंस पर खर्च बढ़ाना होगा.
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन भारत में हैं जहां वो भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर चर्चा करेंगी. बताया जा रहा है कि इस दौरान यह भी चर्चा होगी कि भारत रूस को दोहरे इस्तेमाल की वस्तुएं दे रहा है जो उसकी युद्ध मशीनरी की मदद कर रही हैं.
यूरोप और अमेरिका के संबंधों में दिन-ब-दिन खटास बढ़ रही है. डोनाल्ड ट्रंप आक्रामक बयान दे रहे हैं, जिससे यूरोपियन यूनियन (ईयू) को चिंता सताने लगी कि कहीं ये जोड़ कमजोर होते-होते टूट तो नहीं जाएगा. माना जा रहा है कि ईयू के लिए ये रूस से भिड़ंत से भी ज्यादा विनाशकारी साबित हो सकती है क्योंकि वो काफी हद तक अमेरिका पर निर्भर हो चुका है.
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध विराम के लिए अमेरिका ने बैठक बुलाई है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप इसकी अगवाई कर रहे हैं. अब इसे लेकर यूरोपीय संघ ने आपकालीन बैठक बुलाई. इस मीटिंग में क्या कुछ हुआ? देखें दुनिया से जुड़ी बड़ी खबरें.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई इंटरनेशनल फोरम्स से पीछे हटने की बात कर रहे हैं. यहां तक कि NATO भी इससे नहीं छूटा. इस बात पर पक्के सहयोगी माने जाते यूरोपियन यूनियन और यूएस के बीच दरार दिखने लगी. इसका फायदा चीन को मिल सकता है. अमेरिकी दो-टूक के बीच बीजिंग यूरोप को अपने पाले में लेने की कोशिश में है.
व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या वह यूरोपीयन यूनियन पर टैरिफ लगाने पर विचार कर रहे हैं. इस पर ट्रंप ने कहा कि क्या मैं यूरोपीयन यूनियन पर टैरिफ लगाने जा रहा हूं? क्या आपको इसका सही जवाब चाहिए या फिर पॉलिटिकल जवाब? यूरोपियन यूनियन ने हमारे साथ बुरी तरह बर्ताव किया है.
मध्य यूरोपीय देशों में भयानक बाढ़ आई है. क्लामइेट चेंज का ऐसा असर वैज्ञानिकों ने भी नहीं देखा. 22 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. पोलैंड के रोक्लॉ की हालत ज्यादा खराब है. नदियां ऊफान पर हैं. चेक गणराज्य में 15 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. हंगरी में डानुबे नदीं खतरे के निशान से बहुत ऊपर बह रही है.
यूरोपियन संसद के चुनावों में धुर दक्षिणपंथी दलों ने उम्मीद से कहीं शानदार प्रदर्शन किया. यहां तक कि यूरोपियन पार्लियामेंट में खुद को हारता देख फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अपनी संसद ही भंग कर दी. कुल मिलाकर, ईयू का ये इलेक्शन बड़े उलटफेर लेकर आएगा. समझिए, यूरोपियन पार्लियामेंट अपने सदस्य देशों की संसद से कैसे अलग है.
27 देशों के यूरोपियन यूनियन के चुनाव में इस बार बड़ा उलटफेर देखने को मिला है. इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी की धुर दक्षिणपंथी पार्टी ब्रदर्स ऑफ इटली ईयू चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. अब सवाल ये उठता है कि क्या है ईयू संसद?