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'यूनुस सरकार के खिलाफ बोलने पर मिली सजा...', बांग्लादेश में पत्रकार सुशांत दास के घर पर हमला

बांग्लादेशी पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता सुशांत दास गुप्ता ने अपने घर पर हमले का आरोप लगाया है. उन्होंने यूनुस सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि आलोचनात्मक पत्रकारिता के कारण उन्हें निशाना बनाया गया. हमले के वक्त उनका परिवार बाल-बाल बचा.

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बांग्लादेश पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता के घर में हमले के बाद लूटपाट की गई (Photo: Screengrab)
बांग्लादेश पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता के घर में हमले के बाद लूटपाट की गई (Photo: Screengrab)

बांग्लादेश में जारी भारी उथल-पुथल के बीच अब पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को सीधे तौर पर निशाना बनाया जा रहा है. सुशांत दास गुप्ता ने आरोप लगाया है कि बांग्लादेश स्थित उनके पुश्तैनी घर पर कट्टरपंथियों की भीड़ ने हमला कर भारी तोड़फोड़ और लूटपाट की है.

सुशांत दास गुप्ता का दावा है कि शुक्रवार को उनके घर पर हमला कर तोड़फोड़ और लूटपाट की गई, जबकि उनका परिवार बाल-बाल बच गया. उन्होंने इस हमले के लिए सीधे तौर पर मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.

सुशांत दास गुप्ता फिलहाल यूनाइटेड किंगडम (यूके) में हैं और पिछले तीन वर्षों से बांग्लादेश से बाहर रहकर पत्रकारिता कर रहे हैं. उनका कहना है कि बांग्लादेश में हालिया अशांति के बीच उनके घर को जानबूझकर निशाना बनाया गया.

घर में जमकर की तोड़फोड़

सुशांत दास गुप्ता के मुताबिक, एक उग्र भीड़ उनके घर में घुसी और जमकर लूटपाट की. उन्होंने कहा, “भीड़ ने मेरा घर पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया. घर में मौजूद सभी सामान उठा ले गए. इसकी वजह यह है कि मैं सोशल मीडिया पर मुखर हूं और अवैध यूनुस सरकार के खिलाफ बोलता रहा हूं. वे मुझे डराना चाहते थे ताकि मैं उनके खिलाफ आवाज़ न उठा सकूं.”

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उन्होंने बताया कि हमले के वक्त उनकी बहन और भतीजी घर में मौजूद थीं, लेकिन संयोग से वे हमले से करीब 30 मिनट पहले वहां से निकल गईं. गुप्ता का कहना है कि अगर वे थोड़ी देर और रुक जातीं तो उनकी जान भी जा सकती थी.

यूनुस सरकार पर गंभीर आरोप

हमले के पीछे जिम्मेदार लोगों को लेकर सुशांत दास गुप्ता ने गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका दावा है कि यह हमला यूनुस सरकार से जुड़े लोगों द्वारा कराया गया. उन्होंने कहा कि एक राजनीतिक समूह, जो खुद को डॉ. यूनुस के नाम से जोड़ता है, ऐसे हमलों में शामिल है.

गुप्ता ने यह भी आरोप लगाया कि यूनुस सरकार के साथ उनका टकराव नया नहीं है. वे एक अख़बार के प्रकाशक और संपादक रहे हैं, लेकिन उनकी आलोचनात्मक रिपोर्टिंग के चलते सरकार ने उनके अख़बार का डिक्लेरेशन रद्द कर दिया था. उन्होंने बताया कि जिस प्रिंट अख़बार का वे संचालन कर रहे थे उस पर पिछले साल प्रतिबंध लगा दिया गया. उनका कहना है कि उन्होंने डॉ. यूनुस से जुड़े कथित वित्तीय भ्रष्टाचार को उजागर किया था, जिसके बाद से वे सरकार के निशाने पर आ गए. फिलहाल बांग्लादेश सरकार की ओर से इन आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.

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