गाजा में चल रहे युद्ध के बीच इजरायल ने बीते मंगलवार को कतर पर हमला कर मुस्लिम दुनिया में हलचल पैदा कर दी है. कतर अमेरिका का अहम सहयोगी है और हाल ही में कतर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 40 करोड़ डॉलर की लग्जरी जेट गिफ्ट की थी. अमेरिका, जो अरब देशों को सुरक्षा की गारंटी देता आया है, उसके करीबी सहयोगी इजरायल का कतर पर हमला करना अरब देशों के लिए चिंताजनक बन गया है. इसे देखते हुए अरब देशों समेत दुनिया के मुस्लिम देश कतर की राजधानी दोहा में रविवार और सोमवार के शिखर सम्मलेन के लिए जमा हुए हैं.
सोमवार को होने वाले शिखर सम्मेलन से पहले रविवार को हुई अरब और इस्लामिक देशों की बैठक में कतर के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जसीम अल-थानी ने इजरायल के हमले को 'बर्बरतापूर्ण' बताया. उन्होंने मुस्लिम देशों से इजरायल को कड़ी प्रतिक्रिया देने का आग्रह किया.
उन्होंने कहा, 'हम भाई जैसे अरब और इस्लामी देशों, अंतरराष्ट्रीय समुदाय के मित्र देशों की एकजुटता की सराहना करते हैं जिन्होंने इस बर्बर इजरायली हमले की निंदा की. उन्होंने हमारे प्रति और हमारे देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए हमारे उठाए जाने वाले कदमों के प्रति अपना पूर्ण समर्थन जताया है.'
कतर के प्रधानमंत्री अल-थानी ने कहा कि इजरायल के हमले को केवल और केवल राज्य की तरफ से फैलाया जा रहा आतंकवाद ही कहा जा सकता है. उन्होंने इजरायल के अहंकार और मानवता के विरुद्ध उसके निरंतर अपराध को रोकने के लिए निर्णायक कार्रवाई करने की जरूरत की बात कही.
कतर पर हमले से पहले इजरायल ने लेबनान और यमन पर हमले किए थे. ईरान से भी उसकी लड़ाई हुई थी और गाजा में अक्टूबर 2023 से चल रहा उसका युद्ध अब भी विनाश फैला रहा है. गाजा के युद्ध में अब तक 64, 871 फिलिस्तीनियों की जान गई है और 164,610 लोग जख्मी हैं.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, सोमवार को हो रहे शिखर सम्मेलन का एक ड्राफ्ट प्रस्ताव सामने आया है जिसमें कहा गया है, 'अरब और इस्लामिक देश चेतावनी देंगे कि कतर पर इजरायल का हमला और उसके अन्य दुश्मनी वाले कृत्य सह-अस्तित्व और क्षेत्र में संबंध सामान्यीकरण के प्रयासों के लिए खतरा हैं.'
बीते मंगलवार, 9 सितंबर को कतर पर इजरायल के हमले में फिलिस्तीन के लड़ाकू समूह हमास के पांच सदस्य मारे गए थे हालांकि, इसके नेतृत्व को कोई नुकसान नहीं पहुंचा था.
ड्राफ्ट के मुताबिक अरब देश और इस्लामिक देश इस बात पर सहमत हैं कि, 'कतर पर इजरायल का क्रूर हमला और नरसंहार, जातीय सफाया, भुखमरी, घेराबंदी सहित इजरायल के शत्रुतापूर्ण कृत्य निरंतर जारी हैं. ये क्षेत्र में शांति और सह-अस्तित्व की संभावनाओं के लिए खतरा है.'
शिखर सम्मेलन से पहले विदेश मंत्रियों की बैठक में तैयार किए गए ड्राफ्ट के अनुसार, इन कार्रवाइयों से वर्तमान और भविष्य के समझौतों सहित इजरायल के साथ संबंधों को सामान्य बनाने के रास्ते में अब तक हासिल की गई सभी उपलब्धियां खतरे में पड़ जाएंगी.'
शिखर सम्मेलन से पहले कतर के प्रधानमंत्री अल थानी ने तुर्की के विदेश मंत्री हकान फिदान से मुलाकात की. कतर के विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों ने कतर पर इजरायली हमले के खिलाफ सहयोग को लेकर बातचीत की. फिदान ने इजरायल की कड़ी निंदा करते हुए कतर के साथ अपनी एकजुटता दिखाई.
अल थानी और तुर्की के विदेश मंत्री की यह मुलाकात इसलिए भी अहम है क्योंकि कतर पर हमले के बाद इजरायल ने तुर्की को भी धमकाया था.
इजरायली अखबार Ha'aretz में छपे एक ऑपिनियन लेख में कहा गया था कि कतर पर एयरस्ट्राइक के बाद इजरायल तुर्की में हमास के के नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोल सकता है.
इस धमकी के बाद ईरान की तरफ से प्रमुख अरब देशों सऊदी अरब, तुर्की और इराक को आगाह किया गया कि अगर इजरायल के खिलाफ जवाबी कार्रवाई नहीं की गई तो वो इन देशों पर बम बरसाएगा.
ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) के पूर्व चीफ कमांडर और ईरानी सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई के सलाहकार मोहसिन रेजाई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किए गए एक पोस्ट में कहा, 'अगर यह सम्मेलन (अरब-इस्लामिक देशों का शिखर सम्मलेन) पांच मुस्लिम देशों और गाजा में इजरायल के आक्रमण के खिलाफ कोई प्रैक्टिकल एक्शन लेने से चूक जाता है तो सऊदी अरब, तुर्की और इराक को इजरायल के युद्धक विमानों और बमों के लिए तैयार रहना चाहिए.'
उन्होंने आगे कहा, 'इससे पहले कि इजरायल एक-एक करके क्षेत्र के सभी देशों को निशाना बनाए, उसका मुकाबला करने के लिए एक सैन्य गठबंधन का गठन करना बहुत जरूरी है.'
इस बीच, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ एक पवित्र यहूदी स्थल का दौरा किया है,
नेतन्याहू ने कहा, 'अमेरिकी विदेश मंत्री की यात्रा अमेरिका और इजरायल के बीच मजबूत संबंधों का प्रमाण है.' उनकी टिप्पणी को कतर पर कंट्रोल बनाए रखने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.