पश्चिम बंगाल में तनावपूर्ण शांति है. वक्फ संशोधन कानून के विरोध में हिंसा ने हर किसी को झकझोर दिया है. भीड़ ने वाहनों में आग लगा दी. घर जला दिए. दुकानें तोड़ दीं. ट्रेन रोक दी और रेलवे की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया है. हिंसा और बवाल से मुर्शिदाबाद समेत कई इलाके सहम उठे और बड़ी संख्या में लोग पलायन कर गए हैं. करीब 500 लोगों ने मालवा में जाकर शरण ली है. भीड़ ने इन लोगों के घर जला दिए हैं. फिलहाल, इलाके में सेंट्रल फोर्सेज की तैनाती कर दी गई है. पुलिस की टीमें भी सड़क पर उतर गई हैं. दंगाइयों की पहचान की जा रही है. अब तक 150 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
दरअसल, मुर्शिदाबाद में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ हजारों लोग सड़कों पर उतर गए और नेशनल हाइवे 34 ब्लॉक कर दिया. जब पुलिस ने भीड़ हटाने की कोशिश की तो एक तरह से जंग छिड़ गई. ठीक उसी समय मुर्शिदाबाद से लगभग 10 किलोमीटर दूर शमशेरगंज में भी नेशनल हाइवे पर हजारों की संख्या में लोग आ गए.
शमशेरगंज में भीड़ ने सबसे पहले डाक बंगला मोड़ पर बवाल किया. पुलिस की गाड़ियों में आग लगाई. पुलिस के एक आउटपोस्ट में तोड़फोड़ की और उसे आग के हवाले कर दिया. सड़क किनारे दुकानों और दोपहिया वाहनों को नुकसान पहुंचाया और आगजनी की. भीड़ ने धूलियान स्टेशन के पास रेलवे गेट और रिले रूम में जमकर पथराव किया. आग लगाने की कोशिश की. रेलवे का स्टाफ किसी तरह जान बचाकर निकला. बाद में भारी संख्या में पुलिस और सेंट्रल फोर्सेस के जवान पहुंचे और हालात काबू में किए. अभी इन इलाकों सेंट्रल फोर्सेस के जवान और पश्चिम बंगाल पुलिस तैनात है. हालांकि तनाव बना हुआ है. हिंसा के बाद इलाके से सैकड़ों लोगों ने खौफ में मुर्शिदाबाद छोड़ दिया है. इनमें ज्यादातर लोगों ने मालदा में शरण ली है.
कहां-कहां हिंसा हुई....
मुर्शिदाबाद, रघुनाथगंज, सूती, जंगीपुर और शमशेरगंज के अलावा दक्षिण 24 परगना जिले के अमतला, उत्तर 24 परगना जिले और हुगली के चंपदानी में बवाल और हिंसा की घटनाएं सामने आईं. कई इलाकों में बीएनएसएस की धारा 163 लागू लागू की गई.
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आज कौन-कौन मुर्शिदाबाद जा रहा?
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार आज मालदा पहुंच गए हैं. उधर, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी आज मुर्शिदाबाद पहुंच रहे हैं. पूर्वी कमांड के एडीजी बीएसएफ रवि गांधी आज से मालदा और मुर्शिदाबाद के दो दिवसीय दौरे पर रहेंगे. वे आज पहुंचेंगे और हिंसा प्रभावित इलाके सूती, शमशेरगंज, जंगीपुर का दौरा करेंगे.
कितना सुरक्षाबल तैनात?
हिंसा प्रभावित इलाकों में अभी 9 कंपनी बीएसएफ और 8 कंपनी सीआरपीएफ मौजूद हैं. मुर्शिदाबाद में शुरुआत में स्थानीय स्तर पर उपलब्ध 200 बीएसएफ कर्मियों को तैनात किया गया था. शाम को बीएसएफ से 5 अतिरिक्त बल भेजे गए. इस समय मुर्शिदाबाद में कुल 800 बीएसएफ कर्मी तैनात हैं, जो बंगाल पुलिस की मदद कर रहे हैं और सभी संवेदनशील क्षेत्रों, खासकर सूती और शमशेरगंज में संयुक्त रूट मार्च कर रहे हैं. कोलकाता के राजारहाट कैन से सीआरपीएफ के अतिरिक्त बल को भी मुर्शिदाबाद भेजा जा रहा है.
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अब तक कितनी गिरफ्तारियां?
पश्चिम बंगाल पुलिस के सूत्रों का दावा है कि शनिवार रात ही बीएसएफ के साथ की गई संयुक्त छापेमारी के दौरान 30 और लोगों को गिरफ्तार किया गया है. हिंसा में कथित संलिप्तता के लिए अब तक कुल 180 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. बंगाल पुलिस आज विभिन्न क्लब और स्थानीय संगठनों के साथ शांति बैठक करेगी. रविवार को कुछ जगहों पर बीएसएफ ने उपद्रवियों पर काबू पाने की कोशिश की.
किसने-क्या कहा...
बीजेपी का आरोप है कि बंगाल में हिन्दुओं को निशाना बनाया जा रहा है. बीजेपी ने सीएम ममता का इस्तीफा मांगा है. बीजेपी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन की लगाने की मांग की और कहा- राष्ट्रपति शासन के अधीन ही बंगाल में चुनाव कराया जाए.
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वहीं, सीएम ममता बनर्जी ने फिर दोहराया कि बंगाल में वक्फ कानून लागू नहीं करेंगे. उन्होंने हिंसा ना करने की अपील की. हिंसा को लेकर TMC नेता कुणाल घोष ने BSF पर गंभीर आरोप लगाया और कहा, बीएसएफ की मदद से हमलावरों को सीमा पार से लाया जा रहा है.
हिंसा पर आजतक के सवाल सुनकर मौलाना मदनी भड़क गए. उन्होंने कहा, क्या सिर्फ मुसलमान दोषी? गृहमंत्री से पूछिए कि आखिर मुर्शिदाबाद क्यों जल रहा है. यूपी के CM योगी आदित्यनाथ ने बंगाल सरकार पर हमला किया और कहा- हिंदुओं की घर से खींचकर हत्या की गई. विपक्षी दल सिर्फ वोटबैंक की राजनीति कर रहे हैं.
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मुर्शिदाबाद के बरहामपुर से कांग्रेस के पूर्व सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, मैं आज वहां जा रहा हूं और हम अपनी तरफ से वहां शांति सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं. वहां (मालदा दक्षिण) से हमारे पार्टी के सांसद ईशा खान हैं. मैंने उनसे बात की और लगातार अपने कार्यकर्ताओं से बात कर रहा हूं लेकिन प्रशासन हमें वहां जाने की अनुमति नहीं दे रहा है. उसके बाद भी हमारे सांसद ईशा खान वहां गए. सत्ताधारी पार्टी के सांसद वहां से भाग गए.
चौधरी का कहना था कि मुर्शिदाबाद में सभी सांसद, विधायक, ग्राम पंचायत, नगर पालिका, जिला पंचायत, पुलिस टीएमसी के अधीन हैं. उन्हें दंगों की जानकारी कैसे नहीं मिली? सरकार को सारी जानकारी थी लेकिन उन्होंने जानबूझकर आंखें मूंद लीं. उन्होंने आगे कहा, हम सभी जानते हैं कि बीजेपी सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करती है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री नाटक कर रही हैं, वो धर्मनिरपेक्ष होने का दिखावा करती हैं. बंगाल सरकार बीजेपी को आम मुसलमानों को जिहादी कहने का मौका दे रही है और इससे किसको फायदा होता है? टीएमसी और बीजेपी को इससे फायदा होता है. मेरा मानना है कि दंगे वहीं होते हैं जहां सरकार चाहती है. एक बार गोधरा में ऐसा हुआ, क्योंकि सरकार चाहती थी. यह बंगाल में भी हो रहा है क्योंकि सरकार चाहती है.
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राज्यपाल ने क्या कहा...
मुर्शिदाबाद और मालदा में तनाव के बीच राज्यपाल ने सख्त निर्देश जारी किए हैं. राज्यपाल ने राज्य सरकार को मुर्शिदाबाद और उत्तर 24 परगना के अमतला, सूती, धूलियान और अन्य जगहों समेत संवेदनशील क्षेत्रों में शांति बहाली के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. अशांति की आशंका को देखते हुए राज्यपाल ने स्थिति के बारे में मुख्यमंत्री के साथ चर्चा की. हालांकि बातचीत का विवरण गोपनीय रखा गया है, लेकिन राजभवन ने पुष्टि की है कि मुख्य सचिव से संपर्क किया गया था और आश्वासन दिया गया है कि पुलिस बलों को व्यवस्था बहाल करने और बनाए रखने के लिए सभी जरूरी उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं. राज्यपाल स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं. सार्वजनिक सहायता के लिए एक हेल्पलाइन (033-22001641) के साथ-साथ एक 24x7 नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है. अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की निकटता के मद्देनजर राज्यपाल ने मामले में केंद्रीय गृह मंत्री से भी संपर्क किया है.
कितने लोग कर चुके पलायन?
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हिंसा से प्रभावित सैकड़ों लोगों ने भागीरथी नदी पार कर मालदा में शरण ली है. स्थानीय प्रशासन ने दंगा प्रभावित परिवारों के लिए रहने और खाने-पीने की व्यवस्था की है और उन्हें स्कूलों में शरण दी है. जबकि नावों से आने वालों की मदद के लिए नदी के किनारे वॉलिंटियर्स को तैनात किया गया है.
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अब तक पांच सैकड़ा लोगों ने मुर्शिदाबाद छोड़ दिया है. ये सिलसिला थमा नहीं है. शरणार्थी मालदा के पारलालपुर हाई स्कूल में शरण लिए हैं. इस स्कूल में कम से कम 500 लोग शरण लेकर ठहरे हैं. इनमें मुख्य रूप से महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. गांव वालों का कहना है कि वे धूलियान से भागकर आए हैं. इन लोगों में 3 दिन के नवजात से लेकर बुजुर्ग महिलाएं तक शामिल हैं. स्थानीय लोग शरणार्थियों को खाना खिला रहे हैं. शरणार्थियों का कहना है कि पानी की टंकी में जहर डाल दिया गया है. ऐसा पानी पीएंगे तो मर जाएंगे. जान बचाकर घर से भागे हैं. हमारे घरों में लूट की गई और उन्हें जला दिया गया है. एक ग्रामीण ने कहा कि मेरा घर मुर्शिदाबाद के धूलियान में है. मेरे गांव में बड़ी संख्या में घरों में आग लगा दी गई. ग्रामीणों के साथ मारपीट की गई. अब ना घर रहा और ना खाने को राशन बचा था, इसलिए हम मजबूरी में पलायन करके आए हैं.
अब कैसे हैं हालात?
मुर्शिदाबाद में स्थिति तनावपूर्ण है, लेकिन फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं. BSF के डीआईजी ने कहा कि जनता की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है. रविवार को मुर्शिदाबाद में सड़कें सुनसान रहीं. दुकानें बंद रहीं और लोग घरों के अंदर ही रहे. पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र बल लगातार हिंसा वाले इलाकों में गश्त कर रहे हैं.
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एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुर्शिदाबाद जिले के हिंसा प्रभावित इलाके मुख्य रूप से सूती, शमशेरगंज, धूलियान और जंगीपुर में सोमवार को स्थिति शांतिपूर्ण और नियंत्रण में रही. हिंसा प्रभावित इलाकों में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू है, जहां सड़कें सुनसान दिखीं और दुकानें बंद रहीं. प्रभावित इलाकों में इंटरनेट बंद है. जबकि सुरक्षा बल मुख्य सड़कों पर वाहनों की जांच कर रहे हैं.
नखोदा मस्जिद के इमाम मौलाना शफीक के नेतृत्व में मौलवियों ने कहा, जिन लोगों ने निर्दोष लोगों पर हमले किए, वे वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ किसी भी लोकतांत्रिक विरोध का हिस्सा नहीं हो सकते. उन्होंने जो किया, वो इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ है.
कोर्ट ने कहा- आंखें नहीं मूंद सकते
कलकत्ता हाईकोर्ट ने हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद में केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया है. कोर्ट का कहना था कि पश्चिम बंगाल के कुछ जिलों में बर्बरता की खबरों को नजरअंदाज नहीं कर सकते. अदालत ने कहा कि यह निर्देश केवल मुर्शिदाबाद जिले तक सीमित नहीं रहेगा और जरूरत अनुसार अन्य जिलों तक बढ़ाया जाना चाहिए. स्थिति को नियंत्रित करने और सामान्य स्थिति लाने के लिए तुरंत केंद्रीय बलों को तैनात किया जा सकता है.
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जस्टिस सौमेन सेन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा, हम उन विभिन्न रिपोर्टों को नजरअंदाज नहीं कर सकते जो सामने आई हैं, जो प्रथम दृष्टया पश्चिम बंगाल राज्य के कुछ जिलों में बर्बरता दिखाती हैं. मुर्शिदाबाद के अलावा दक्षिण 24 परगना जिले के अमतला, उत्तर 24 परगना जिले और हुगली के चंपदानी में भी ऐसी घटनाएं हुई हैं. बेंच ने निर्देश दिया कि केंद्रीय बल राज्य प्रशासन के साथ मिलकर काम करेंगे. अगली सुनवाई 17 अप्रैल को होगी. राज्य के वकील ने अदालत को बताया कि मुर्शिदाबाद के हिंसा प्रभावित सूती, धुलियान और शमशेरगंज इलाकों में बीएसएफ की छह कंपनियां तैनात की गई हैं.
शुक्रवार को मुर्शिदाबाद में क्या हुआ था?
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में शुक्रवार को वक्फ अधिनियम के विरोध में हिंसा हो गई थी. इस दौरान बाप-बेटे समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी. 18 पुलिसवाले भी घायल हो गए थे. ये इलाका मुस्लिम बहुल है. शनिवार रात शमशेरगंज पहुंचे डीजीपी राजीव कुमार ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ थाने में बैठक की और इलाके में रूट मार्च किया.
पुलिस का कहना है कि रविवार को मुर्शिदाबाद में कहीं से भी हिंसा की कोई नई घटना सामने नहीं आई है. सुरक्षा बल कड़ी निगरानी रख रहे हैं. पुलिस अधिकारी ने बताया, मुर्शिदाबाद जिले के सूती, धूलियान, शमशेरगंज और जंगीपुर इलाकों में स्थिति शांतिपूर्ण है. रातभर छापेमारी जारी रही. 12 और लोगों को गिरफ्तार किया गया. इसके साथ ही अब तक 180 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
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हिंसा प्रभावित इलाकों में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और इंटरनेट बंद कर दिया गया है. सुरक्षा बल मुख्य सड़कों पर वाहनों की जांच कर रहे हैं और संवेदनशील इलाकों में गश्त कर रहे हैं. हिंसा की घटनाओं की जांच चल रही है. और गिरफ्तारियां होने की संभावना है.
शुक्रवार को हिंसा भड़कने के कारण पुलिस वैन समेत कई वाहनों में आग लगा दी गई. सुरक्षा बलों पर पथराव किया गया और सड़कें जाम कर दी गईं. शनिवार को भी कुछ जगहों पर हिंसा भड़कने की खबरें आईं. हिंसा के बीच शनिवार को शमशेरगंज के जाफराबाद में एक व्यक्ति और उसके बेटे के शव उनके घर से बरामद किए गए, जिन पर चाकू से कई वार किए गए थे. पुलिस के अनुसार, उनकी पहचान हरगोबिंदो दास और चंदन दास के रूप में हुई है. इससे पहले शुक्रवार को सूती के सजुर मोड़ पर झड़प के दौरान गोली लगने से 21 वर्षीय एजाज मोमिन की मौत हो गई.
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