पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है. CPI(M) की राज्य इकाई के सचिव मोहम्मद सलीम और उनके बेटे अतिश अजीज के नाम के साथ कथित तौर पर ‘अवस्थी’ उपनाम जोड़ दिए जाने से सियासी हलचल तेज हो गई है. यह मामला चुनाव आयोग द्वारा जारी ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल्स में सामने आया है, जिसे लेकर परिवार ने गंभीर आपत्ति दर्ज कराई है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक मोहम्मद सलीम के बेटे अतिश अजीज ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर आरोप लगाया कि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में उनके नाम के साथ ‘अवस्थी’ सरनेम जोड़ दिया गया है. उन्होंने बताया कि वह कोलकाता पोर्ट विधानसभा क्षेत्र के पंजीकृत मतदाता हैं और उनका नाम अतिश अजीज है. लेकिन ड्राफ्ट सूची में उनके नाम के अंत में ‘अवस्थी’ जोड़ दिया गया है. अतिश का दावा है कि यही गलती उनके पिता मोहम्मद सलीम के नाम के साथ भी दोहराई गई है.
अतिश अजीज ने इस गड़बड़ी को गंभीर बताते हुए कहा, “मेरे पिता दशकों से राजनीति में हैं. अगर उनके नाम के साथ ऐसी त्रुटि हो सकती है, तो आम मतदाताओं के साथ क्या-क्या हुआ होगा, इसकी कल्पना की जा सकती है.”
उन्होंने सवाल उठाया कि करोड़ों रुपये खर्च कर कराए जा रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) का क्या मतलब है, अगर बुनियादी स्तर पर ऐसी गलतियां सामने आ रही हैं.
'EC ने मुझे और मेरे पिता को ब्राह्मण बना दिया'
अपने पोस्ट में अतिश ने तीखी टिप्पणी करते हुए लिखा कि मीडिया के कुछ वर्ग और बीजेपी यह दावा कर रहे थे कि SIR के जरिए मुसलमानों पर शिकंजा कसा जाएगा, लेकिन चुनाव आयोग ने उल्टा मुझे और मेरे पिता को ‘ब्राह्मण’ बना दिया.”
अतिश अजीज ने ड्राफ्ट मतदाता सूची की तस्वीरें भी साझा की हैं, जिनमें उनके और उनके पिता के नाम के साथ ‘अवस्थी’ जुड़ा हुआ दिखाई देता है. उन्होंने बताया कि CPI(M) के बूथ-लेवल एजेंट को इस बारे में सूचित कर दिया गया है और मामला मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) के कार्यालय के समक्ष उठाया जा रहा है.
16 दिसंबर को जारी हुआ था ड्राफ्ट
गौरतलब है कि स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया के पहले चरण के तहत गणना प्रपत्रों (एन्यूमरेशन फॉर्म) के डिजिटाइजेशन के बाद 16 दिसंबर को ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल प्रकाशित किए गए थे. अब इस कथित नाम परिवर्तन ने चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और सटीकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिस पर विपक्षी दलों ने भी आयोग से जवाब की मांग शुरू कर दी है.