यूपी के सहारनपुर में दो महिलाओं के समलैंगिक रिश्ते का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. शाहजहांपुर की एक हिंदू युवती अचानक सहारनपुर पहुंचकर तीन बच्चों की मां के साथ रहने की जिद पर अड़ गई. दोनों पिछले पांच साल से एक-दूसरे के साथ प्रेम संबंध में होने का दावा कर रही हैं. दोनों एक-दूसरे के साथ पति-पत्नी की तरह रहने की इच्छा जाहिर कर चुकी हैं. मामला सामने आते ही स्थानीय लोगों से लेकर पुलिस तक में हलचल मच गई. युवती के परिजन भी उसे खोजते हुए सहारनपुर पहुंच गए.
युवती का कहना है कि वह एक मेडिकल प्रोफेशनल है. उसकी दोस्ती ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए हुई थी. बातचीत बढ़ती गई और रिश्ता प्रेम में बदल गया. युवती का दावा है कि दोनों साथ में घूमने भी गई थीं. उसी दौरान उनका रिश्ता मजबूत हुआ. उसने आरोप लगाया कि उसके परिवार वालों ने उनके रिश्ते को रोकने के लिए शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना दी, यहां तक कि उसे जबरन मानसिक अस्पताल में भर्ती कराया गया. डिस्चार्ज होने के बाद वह सीधा सहारनपुर पहुंच गई.
सहारनपुर में रहने वाली मुस्लिम महिला का कहना है कि वह शादीशुदा है और उसके तीन बच्चे हैं, लेकिन वैवाहिक जीवन में उसे कभी पति का सहयोग नहीं मिला. इसी दौरान उसकी ऑनलाइन जान-पहचान ने उसे भावनात्मक सहारा दिया और दोनों का रिश्ता गहरा होता गया. महिला का दावा है कि उसके पति इस रिश्ते के बारे में जानते हैं और चाहते हैं कि दोनों को घर में साथ रखें, लेकिन शर्त यह है कि युवती उनसे कोर्ट मैरिज करे. हालांकि दोनों ने इस मांग को मानने से इनकार कर दिया है.
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उधर युवती की मां का आरोप है कि उसकी बेटी की मानसिक हालत ठीक नहीं है. दूसरे पक्ष ने उसका ब्रेनवॉश किया है. उनका कहना है कि युवती का इलाज जारी है और उसे नियमित दवाओं की जरूरत है. पहले भी बेटी को बहला-फुसलाकर ले जाया गया था और अब फिर उसे घर से बाहर आने के लिए उकसाया गया. पुलिस फिलहाल दोनों पक्षों से पूछताछ कर रही है और सतर्कता से पूरे प्रकरण की जांच कर रही है. युवती ने अपने परिवार के साथ जाने से साफ इनकार कर दिया है.
युवती ने कहा- हम साथ रहना चाहते हैं
युवती ने कहा कि मैं शाहजहांपुर से आयी हूं. यह मेरी फ्रेन्ड है. इनके लिए आई हूं. हम साथ रहना चाहते हैं. इनके हसबैंड हैं. इस रिश्ते की वजह से मेरे माता-पिता ने मुझे करंट लगवाया था. उसकी वजह से मेरी मेमोरी लॉस हो गई है. मुझे बहुत टॉर्चर किया गया है, ताकि इनके साथ न रह पाऊं. इस वजह से काफी चीजें भूलने लगी. मेरी फ्रेंड की शादी हो चुकी है और 3 बच्चे भी हैं. पति भी हैं, यहां आए हैं. फ्रेंड अपने पति से डायवोर्स ले रही है. हम 5 साल से एक दूसरे को जानते हैं.
इस बात के लिए इनके पति एग्री हैं. पति चाहते हैं कि हम दोनों इनके घर में रहे, लेकिन इनके पति की डिमांड है कि ये हम हम दोनों को साथ रखना चाहते हैं और मैं उनसे कोर्ट मैरिज कर लूं, तब रखेंगे. लेकिन उसके लिए हम एग्री नहीं हैं. मम्मी मुझे लेने आई हैं. वो मुझे टॉर्चर करती हैं. मेरा कोई भाई नहीं है. मेरी छोटी बहन है. हमें साथ नहीं रहने दिया गया तो हम खुद को नुकसान पहुंचा लेंगे.
महिला ने कहा- हम 5 साल से साथ में हैं
वहीं महिला ने कहा कि मैं सहारनपुर की रहने वाली हूं. हम 5 साल से साथ में हैं. हमारी ऑनलाइन बातचीत हुई थी. हम अच्छे फ्रेंड हैं. हम साथ में रहना चाहते हैं हसबैंड वाइफ की तरह. हम इसी साल घूमने गए थे. हम पहले नहीं मिले थे. इसी साल मिले. हम 17 दिन के लिए घूमने गए थे. मेरी 9 साल पहले शादी हुई थी और 3 बच्चे भी हैं. अगर घर में किसी चीज की कमी हो तो ही हसबैंड या वाइफ बाहर जाते हैं. मेरे हसबैंड ने शुरू से मुझे सपोर्ट नहीं किया. इसी वजह से इस इंसान से परेशान हैं. इसी बीच मुझे ये फ्रैंड मिली. ये भी परेशान थी और मैं भी परेशान थी. हमारी अटैचमेंट हो गई. मेरे पति कह रहे हैं कि मैं दोनों को साथ में रख लूंगा, लेकिन हम इसके लिए एग्री नहीं हैं.
युवती की मां का आरोप- बेटी का ब्रेनवॉश किया है
युवती की मां ने कहा कि हम शाहजहांपुर से आए हैं. ये जो महिला है, हमारी बेटी को एक बार पहले 26 मार्च को किडनैप कर चुकी है. इसका इतना हेवी ब्रेनवॉश किया है कि हम अभी तक इसका इलाज करा रहे हैं. ये ठीक ही नहीं हो पाई अभी तक. दो दिसंबर को डॉक्टर ने हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया था. चार तारीख को फिर ये चली गई। ये महिला अपने हसबैंड के साथ इन्वॉल्व है. हमारी बच्ची के साथ गलत करना चाह रही है. इनके हाथ बड़े गिरोह के साथ मिले हैं.
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मेरी बेटी का ब्रेनवॉश किया है. एक साथ रखने का मतलब क्या है. दो औरतों को एक घर में रखने के लिए वो तैयार है. कुछ न कुछ वजह जरूर होगी. हम हिंदू हैं, हमारी मर्यादा बहुत नाजुक होती है. इस मामले में हम एक बार एप्लिकेशन दे चुके तो बरेली पुलिस ने कहा कि लड़की से बयान होंगे, लेकिन लड़की ठीक ही नहीं है. इलाज चल रहा है. अगर आपका बच्चा गलती करेगा तो आप क्या डांटोगे नहीं. मैं अपनी बच्ची को साथ ले जाना चाहती हूं. उसका इलाज चल रहा है. 1 जनवरी को उसे दोबारा दिखाने जाना है, जो कि उसके डिस्चार्ज कार्ड पे लिखा हुआ है. उसकी मेडिसिन एक भी टाइम मिस नहीं होनी चाहिए थी. फिलहाल पूरा मामला सामने आने के बाद स्थानीय पुलिस सक्रिय हो गई है. पुलिस दोनों पक्षों के बयान ले रही है और मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए जांच कर रही है.