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एक करोड़ कैश, नोट गिनने की मशीनें और 79 ATM... लखनऊ में ऑनलाइन बेटिंग रैकेट का भंडाफोड़, मौके से पकड़े गए 16 आरोपी

लखनऊ पुलिस ने ‘लोटस गेमिंग साइट’ के जरिए संचालित हो रहे अंतरराज्यीय ऑनलाइन सट्टेबाजी गिरोह का खुलासा किया है. गुप्त सूचना के आधार पर गुडंबा क्षेत्र स्थित एक फ्लैट में छापेमारी कर 16 लोगों को अरेस्ट किया गया. छापे के दौरान एक करोड़ रुपये कैश, दर्जनों एटीएम कार्ड, मोबाइल फोन, पासबुक और सट्टेबाजी में इस्तेमाल होने वाले अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद हुए.

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लखनऊ में पकड़ा गया ऑनलाइन बेटिंग रैकेट. (Photo: Representational)
लखनऊ में पकड़ा गया ऑनलाइन बेटिंग रैकेट. (Photo: Representational)

UP News: लखनऊ पुलिस ने एक बड़े साइबर क्राइम रैकेट का खुलासा करते हुए अंतरराज्यीय ऑनलाइन बेटिंग गैंग के 16 सदस्यों को अरेस्ट किया है. यह गिरोह ‘लोटस गेमिंग साइट’ के जरिये लोगों से ऑनलाइन सट्टा लगवाता था और जमा रकम को किराए पर लिए गए बैंक खातों में ट्रांसफर कर एटीएम से कैश निकालता था. पुलिस को आरोपियों के पास से एक करोड़ रुपये कैश, 79 एटीएम कार्ड, 22 पासबुक, 13 चेकबुक, 30 मोबाइल, तीन लैपटॉप और दो नोट गिनने की मशीनें बरामद हुई हैं.

जांच में सामने आया है कि आरोपी पहले लोगों को लालच देकर उनके नाम से बैंक खाते खुलवाते थे, फिर इन्हीं खातों को किराये पर लेकर उनका इस्तेमाल ऑनलाइन मनी ट्रांसफर के लिए करते थे. आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया कि जैसे ही प्लेयर ऑनलाइन बेटिंग के लिए पैसे जमा करता था, वह रकम सीधे रेंट पर लिए गए खातों में ट्रांसफर कर दी जाती थी. इसके बाद तुरंत एटीएम से पैसे निकाल लिए जाते थे, ताकि खाते ब्लॉक न हो सकें.

यह भी पढ़ें: ऑनलाइन सट्टेबाजी में 150 करोड़ की ठगी, अलवर पुलिस ने तीन शातिर इंजीनियरों को किया गिरफ्तार

इस मामले में सूचना के आधार पर पुलिस ने गुडम्बा थाना क्षेत्र के स्मृति अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 403 में छापा मारा. यहां से छत्तीसगढ़, गुजरात और यूपी के रहने वाले कुल 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. इनमें प्रमोद साहू, साजिद अंसारी, सोहेल अशरफ खान, गोविंद भाई प्रजापति, राकेश प्रहलाद पटेल और अंश शर्मा आदि शामिल हैं. पकड़े गए युवकों की भाषा और गतिविधियों से स्थानीय लोगों को संदेह हुआ था, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई थी.

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पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र सिंह ने बताया कि गिरोह ने देश के अलग-अलग राज्यों में नेटवर्क बना रखा था. इनके संपर्क में कई ऐसे लोग थे, जो कुछ पैसों के बदले अपने बैंक खाते रेंट पर देने को तैयार रहते थे. पुलिस अब इन बैंक खाताधारकों और गेमिंग साइट संचालकों के मोबाइल नंबरों का पता लगा रही है, डिजिटल ट्रांजेक्शन की जांच साइबर सेल कर रही है.

इस मामले में पुलिस का कहना है कि जांच में और बड़े नाम व लिंक सामने आ सकते हैं. फिलहाल सभी आरोपी पुलिस हिरासत में हैं और उनसे पूछताछ की जा रही है. अन्य राज्यों की एजेंसियों को भी अलर्ट कर दिया गया है, ताकि नेटवर्क के अन्य हिस्सों को भी तोड़ा जा सके.

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