ओयो होटल्स (Oyo Hotels) ने एक नया फैसला लिया है, जिसमें कहा गया है कि अब अविवाहित जोड़ों को रूम नहीं दिया जाएगा. इस नियम की शुरुआत उत्तर प्रदेश के मेरठ से की गई है और संभावना है कि इसे पूरे देश में लागू किया जा सकता है. लेकिन जिले के होटल संचालकों का कहना है कि अभी उनको ऐसा कोई आदेश नहीं मिला है.
वहीं, मेरठ में ओयो के इस फैसले पर युवाओं की मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. कुछ इस फैसले को सही बता रहे हैं और समाज के लिए अच्छा कदम मान रहे हैं. जबकि, काफी लोग इसे आजादी व निजता में दखल बता रहे हैं और इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. उधर, कुछ लोगों का दावा है कि ओयो ने यह फैसला अपनी कंपनी के प्रचार और आईपीओ को सफल बनाने के लिए लिया है.
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इस मुद्दे पर मेरठ के स्थानीय लोगों से बात करने पर मिली जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली. कुछ लोग फैसले के साथ हैं तो कुछ विरोध में. समर्थन करने वाले पक्ष के मुताबिक, अगर दो लोग अपनी मर्जी से साथ रहना चाहते हैं तो इसमें किसी को दिक्कत नहीं होनी चाहिए, जबकि विरोध जता रहे पक्ष का कहना है कि ओयो का यह कदम बिल्कुल सही है, इससे समाज में सुधार होगा. फर्जी पहचान से रूम लेना भी रुकेगा.
इन सबके बीच जिले के कई Oyo Hotels संचालकों ने कहा कि उन्हें अभी तक कोई ऑफिशियल जानकारी प्राप्त नहीं हुई है. हम निर्धारित नियमों के हिसाब से ही रूम देते रहे हैं. नए फैसले से ऑनलाइन बुकिंग ही रुकेंगी. हालांकि, यदि कपल बालिग है तो बुकिंग होगी. फिलहाल, इस फैसले से ओयो को ही नुकसान होगा. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि ओयो का यह फैसला पूरे देश में किस तरह से लागू होता है और लोगों पर इसका क्या असर पड़ता है.
ओयो के नए फैसले के बाद जब 'आज तक' की टीम मेरठ में उस जगह पहुंची जहां कुछ दिन पहले आबादी में ओयो होटल खोले जाने का स्थानीय लोगों ने विरोध किया था, वहां के निवासियों का कहना है कि यह निर्णय बहुत सही है. उस वक्त पुलिस ने कंकरखेड़ा के अर्जुनपुर के ओयो होटल पर कार्रवाई की थी.
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फिलहाल, OYO कंपनी के अधिकारी ने न्यूज एजेंसी से कहा है कि वह सुरक्षित और जिम्मेदार सेवाएं अपने ग्राहकों को उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. वे ग्राहक की निजी स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं, लेकिन सामाजिक-कानूनी तौर पर भी अपनी जिम्मेदारियों को निभाने का काम कर रहे हैं.