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'विद्यालय का मान बढ़ाया, हमें गर्व है' Chandrayaan-3 के सफल लॉन्च पर बोलीं रॉकेट वुमन ऋतु करिधल श्रीवास्तव की टीचर

आजतक की टीम ऋतु करिधल श्रीवास्तव के लखनऊ में मौजूद उनके घर पहुंची. परिवार के लोगों के साथ-साथ ऋतु करिधल के शिक्षकों से मुलाकात की. नवयुवक कॉलेज की शिक्षिका डॉ. सृष्टि श्रीवास्तव ने ऋतु की उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि ऋतु पर ‘मिशन मंगल’ फिल्म भी बनी है, जिसमें उनकी भूमिका विद्या बालन ने निभाई है.

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ऋतु करिधल श्रीवास्तव (file photo).
ऋतु करिधल श्रीवास्तव (file photo).

चंद्रयान-मिशन 2 में मिशन डायरेक्टर और चंद्रयान-मिशन 3 में भी मिशन डायरेक्टर जिम्मेदारी संभालने वालीं रॉकेट वुमन ऋतु करिधल श्रीवास्तव (Rocket Woman Ritu Karidhal Srivastava) के लखनऊ में मौजूद घर में इस समय खुशी का माहौल है. क्योंकि चंद्रयान-मिशन 3 Chandrayaan-3 सफलतापूर्वक लॉन्च हो गया है. 23-24 अगस्त के बीच किसी भी समय यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर मैंजिनस-यू (Manzinus-U) क्रेटर के पास उतरेगा. चंद्रयान-3 को LVM3-M4 रॉकेट 179 किलोमीटर ऊपर तक ले गया. उसके बाद उसने चंद्रयान-3 को आगे की यात्रा के लिए अंतरिक्ष में धकेल दिया. इस काम में रॉकेट को मात्र 16:15 मिनट लगे.

आजतक की टीम ऋतु करिधल श्रीवास्तव के लखनऊ में मौजूद उनके घर पहुंची. परिवार के लोगों के साथ-साथ ऋतु करिधल के शिक्षकों से भी मुलाकात की. नवयुवक कॉलेज की शिक्षिका डॉ. सृष्टि श्रीवास्तव ने ऋतु की उपलबधि पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि ऋतु पर ‘मिशन मंगल’ फिल्म भी बनी है, जिसमें उनकी भूमिका विद्या बालन ने निभाई है.

चंद्रयान-3 की सफल लॉन्चिंग

सृष्टि श्रीवास्तव ने कहा हमें गर्व है कि ऋतु ने हमारे विद्यालय का मान बढ़ाया. अभी चन्द्रयान 2 को लांच करने के बाद उनका अभिनंदन स्कूल में किया गया था. ऋतु न सिर्फ स्कूल आयी बल्कि उन्होंने अपने अनुभव भी छात्राओं के साथ साझा किए थे. सृष्टि का कहना है कि ऋतु बचपन से मेधावी छात्रा रही हैं. उनका व्यवहार भी बहुत अच्छा रहा है. इतनी बड़ी हस्ती बनने के बाद भी उनका व्यवहार नहीं बदला है.

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सृष्टि श्रीवास्तव कहती हैं कि जब उन्हें स्कूल बुलाया गया था तब वह आम छात्रा की तरह ही व्यवहार कर रहीं थीं. हालांकि, सभी छात्राओं को आगे बढ़ने और साइंस विषय में भी पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है पर ऋतु ने जो उपलब्धि हासिल की है उससे अन्य लड़कियों को प्रेरणा मिलेगी. ऋतु को इस सफलता के लिए बहुत शुभकामनाएं हैं.

उपलब्धियों से भरा है ऋतु का करियर

ऋतु करिधाल लखनऊ में पली बढ़ी हैं. उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से भौतिकी में एमएससी की है. विज्ञान और अंतरिक्ष में रुचि को देखते हुए ऋतु ने इसके बाद बेंगलुरु के भारतीय विज्ञान संस्थान में प्रवेश लिया. इसके बाद ऋतु ने ISRO में नौकरी की शुरुआत की. एयरोस्पेस में विशेषज्ञता हासिल करने वाली ऋतु का पूरा करियर उपलब्धियों से भरा रहा है. 2007 में ऋतु को यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड भी मिल चुका है. अलग-अलग मिशन में उनकी भूमिका को लेकर देश के प्रमुख अंतरिक्ष विज्ञानियों में उनका नाम शामिल है. ऋतु को 'रॉकेट वुमन' भी कहा जाता है.

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लखनऊ से किया ग्रेजुएशन

ऋतु की स्कूली शिक्षा नवयुग कन्या महाविद्यालय से हुई है. ऋतु ने लखनऊ विश्वविद्यालय से फिजिक्स में ग्रेजुएशन किया. 6 महीने की रिसर्च करने के बाद उन्होंने गेट निकाल लिया. ऋतु ने साल 1997 में ISRO के साथ काम करना शुरू किया था.

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कई मिशन में अहम जिम्मेदारी निभा चुकी हैं ऋतु

ऋतु करिधाल मिशन मंगलायन और मिशन चन्द्रयान-2 में अहम भूमिका निभा चुकी हैं. बचपन से ही ऋतु करिधाल को अंतरिक्ष और स्पेस साइंस में रुचि थी. ऋतु को मिले पुरस्कारों की सूची भी उनकी उपलब्धियों की तरह ही लंबी है. डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम युवा वैज्ञानिक पुरस्कार, मार्स आर्बिट्रेटर मिशन के लिए इसरो टीम पुरस्कार, एएसआई टीम पुरस्कार, सोसाइटी ऑफ इंडियन एरोस्पेस टेक्नोलॉजी एंड इंडस्ट्रीज द्वारा एरोस्पेस महिला उपलब्धि पुरस्कार हासिल करने वाली ऋतु अपनी लगन और काम के प्रति जुनून के लिए अपने साथियों में जानी जाती हैं.

चंद्रयान में इस बार नहीं भेजा गया ऑर्बिटर

चंद्रयान-3 में इस बार ऑर्बिटर नहीं भेजा गया है. इस बार स्वदेशी प्रोपल्शन मॉड्यूल भेजा गया है. यह लैंडर और रोवर को चंद्रमा की कक्षा तक लेकर जाएगा. इसके बाद यह चंद्रमा के चारों तरफ 100 किलोमीटर की गोलाकार कक्षा में चक्कर लगाता रहेगा. इसे ऑर्बिटर इसलिए नहीं बुलाते क्योंकि यह चंद्रमा की स्टडी नहीं करेगा. इसका वजन 2145.01 किलोग्राम होगा, जिसमें 1696.39 किलोग्राम ईंधन होगा. यानी मॉड्यूल का असली वजन 448.62 किलोग्राम है.

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