उत्तर प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों ने सरकार के सामने रखी छात्रों के मोबाइल लाने पर प्रतिबंध लगाया रखने की मांग की है. अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन यूपी (Unaided Private Schools Association UP) ने शिक्षा विभाग को चिट्ठी लिख कर ये कहा है कि वर्तमान में स्कूलों में हो रही बहुत सी घटनाओं की वजह मोबाइल फ़ोन है. इसलिए स्कूलों में छात्रों के मोबाइल लाने को बैन किया जाए.
अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन यूपी ने यह भी मांग की है कि अभिभावकों के लिए गाइडलाइंस बनाई जाए, पालन नहीं करने कर स्कूल छात्र या अभिभावक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही कर सके. अगर, स्कूल में कोई घटना होती है तो DCP या ADCP रैंक के अधिकारी से ही जांच करायई जाए. उससे नीचे के अधिकारी से जाच नहीं कराई जाए. पत्र में ये भी कहा गया है कि कोई घटना होती है तो जांच में सरकार द्वारा गठित कमेटी में से भी एक सदस्य मौजूद रहेगा.
मोबाइल लाने को हम लोग मना करते हैं: अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन अध्यक्ष
अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने आज तक को बताया कि ‘स्कूलों में हम लोग अनुशासन चाहते हैं. इसके लिए छात्रों को कुछ नियम मानने होंगे. मोबाइल लाने को हम लोग मना करते हैं, लेकिन कई बार छात्र मोबाइल ले कर आते हैं. हम कोई सख़्ती भी नहीं कर सकते. ऐसे में हमारी मांग है कि छात्रों के लिए स्कूल में मोबाइल पूरी तरह से बैन कर दिया जाए.’
यह भी पढ़ें...यूपी: बंद होगा श्रेया तिवारी की मौत से चर्चा में आया आजमगढ़ का स्कूल, जांच में हुआ ये खुलासा

स्कूल होगा बंद
बता दें कि, 31 जुलाई को आज़मगढ़ में छात्रा ने मोबाइल लेकर आने से मना करने पर हुए विवाद के बाद कथित तौर पर स्कूल में आत्महत्या कर ली थी. इसके बाद टीचर और प्रिंसिपल को गिरफ़्तार कर लिया गया था. गिरफ़्तारी के विरोध में निजी स्कूलों ने 8 अगस्त को पूरे उत्तर प्रदेश में स्कूलों को बंद करके विरोध जताया था. उत्तर प्रदेश सरकार ने उसके बाद एक कमेटी का गठन कर दिया था. अब यह कमेटी जल्द ही गाइडलाइन बनाने वाली है.
वहीं, छात्रा श्रेया तिवारी की मौत के मामले में स्कूल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. साथ ही जिला-प्रशासन द्वारा स्कूल को बंद करने का भी आदेश दिया गया है. क्योंकि जांच में स्कूल की मान्यता 8वीं तक की ही पाई गई है. जबकि, पढ़ाई 9 से 12 क्लास तक की चल रही थी.