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बेटिकट यात्रियों ने किया रिजर्व्ड सीटों पर कब्जा, शिकायत पर रेलवे ने दिया बरसों पुराना जवाब

सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हुआ है. वायरल पोस्ट में भुज-शालीमार एक्सप्रेस का जिक्र है. बताया गया है कि कैसे स्लीपर डिब्बों में बिना टिकट यात्रा करने वाले लोग उन लोगों के लिए चुनौती हैं, जिन्होंने रिजर्वेशन कराया होता है लेकिन उन्हें सीट नहीं मिलती.

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ट्रेन में बेटिकट यात्रा करते यात्री
ट्रेन में बेटिकट यात्रा करते यात्री

ट्रेन में यात्रा करने वाले लोगों के लिए आरक्षित सीटों पर बिना टिकट यात्रा करने वाले हमेशा से एक बड़ी चुनौती रहे हैं. सोशल मीडिया के इस दौर में पूर्व में ऐसे कई वीडियो हमारे सामने आ चुके हैं, जिनमें हमने बिना टिकट अपनी मंजिल पर पहुंचने वाले यात्रियों को उन लोगों से लड़ते देखा, जिन्होंने अपनी यात्रा को सुगम बनाने के लिए पहले ही टिकट बुक किया हुआ था.

भले ही ऐसे मामलों की शिकायत लगातार यात्रियों द्वारा की जाती हो. लेकिन आज भी स्थिति जस की तस है. एक एक्स यूजर की पोस्ट ने भारतीय रेलवे के स्लीपर कोचों में रिजर्व्ड सीटों पर बिना टिकट व्यक्तियों द्वारा कब्जा करने की समस्या को एक बार फिर से उजागर किया है.

यूजर ने भुज-शालीमार एक्सप्रेस में अपने अप्रिय अनुभव को साझा किया, जिसे 13 लाख से अधिक बार देखा गया है. यूजर ने अपने पोस्ट में एस5 कोच का जिक्र करते हुए बताया कि, कोच अनधिकृत यात्रियों से भरा था, जिसकी वजह से उन लोगों को काफी परेशानियां हुईं जिन्होंने टिकट लिया हुआ था.

पोस्ट में ये भी बताया गया कि वहां भीड़ इतनी ज्यादा थी कि लोगों का अपनी-अपनी सीट तक पहुंचना भी एक टेढ़ी खीर था. यूजर ने अपने पोस्ट में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और भारतीय रेलवे को टैग करते हुए स्थिति को हल करने की गुहार लगाई.

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क्योंकि इस मामले ने ट्विटर पर हलचल पैदा कर दी थी इसलिए रेलवे ने भी इस घटना का संज्ञान लिया. रेलवे ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल रेलवे सेवा से ट्वीट किया कि यात्रियों की सुरक्षा और उन्हें आराम मुहैया कराने के लिए कदम उठाए जाएंगे.

रेलवे सेवा ऐसे मामलों में हमेशा एक सा जवाब देने के लिए जानी जाती है इसलिए लोग आश्वस्त नहीं थे.

पोस्ट पर रिएक्शन देते हुए तमाम लोगों ने बताया कि ऐसे बिना टिकट यात्रियों द्वारा जबरदस्ती सीटों पर कब्जा करने का खतरा बढ़ गया है. 

लोगों द्वारा ये भी कहा गया कि मामला केवल स्लीपर कोचों तक ही सीमित नहीं है. एसी डिब्बों के यात्रियों द्वारा भी ऐसी घटनाएं होती हैं लेकिन दोषियों पर किसी तरह का कोई एक्शन नहीं लिया जाता.

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